00:00बाद करेंगे जम्यत उलेमा एहिंद की गवर्णिंग बॉडी कांसिल की भुपाल में हुई बैठा कि और इस दोरान मौलाना महमूद मद्नी ने सुप्रीम कोड के आलिये फैसलों को रेकर दंबीर सवाल कड़े कर दिये
00:10मद्नी ने कहा कि सरकार के दबाव में सरकारें काम कर रहे हैं सुप्रीम कोड को सुप्रीम कहलाने का हक नहीं है
00:19और उन्होंने साथ ही कहा कि जब जब जुल्म होगा तब तब जिहाद होगा
00:24मौलाना मदनी के इस बैन पर बीजे पी ने पलटवार किया
00:27बीजे पी निद्ध संबित पात्रा ने इसे विभाजन कारी सोच बताया
00:31मैंने तो हिंदुस्तान में मरने का फैसला कर लिया है
00:40जिहाद
00:43इसलाम और मुसल्मानों के दुश्मनों ने
00:46इसलाम की मुकद्स इस्तलाहाद
00:48मसलन जिहाद के लफ़ को एक गाली फसाद और वाइलेंस का हमनाम बना दिया है
00:54लव जिहाद लेंड जिहाद तालीम जिहाद थूक जिहाद
00:58वगेरा जैसे जिम्ले इस्तेमाल करके
01:01मसल्मानों के सखत दिलाजारी
01:03और उनके मजभ की तोहीन की जा रही है
01:06अफसोस का मकाम है
01:07कि हुकुमत और मीडिया में बैठे जिम्मेदार अफराद भी
01:11इस तरह के अलवाज इस्तेमाल करने में कोई शर्म महसूस नहीं करते
01:16और नए एक कम्यूनिटी की दिलाजारी की परवाह करते हैं
01:19परवाह क्या करेंगे
01:20यह तो उस कम्यूनिटी के दुश्मनी में करते है
01:23यह तो पुराने दोर से चला आ रहा है
01:26कि कहीं भी देश्चत गरदाना अमल पेश आ जाए
01:29तो उसको जिहाद का नाम देकर
01:31इस्belाम और मुसलानों पे ताने
01:33तुहमतें और नहक इल्जाम
01:36आइट किये जाते हैं
01:38ये वाज़ होना चाहिए
01:40कि इसलाम में जिहाद
01:42एक मुद्धध दीनी फरीजा है
01:44जिहाद फ्रक्रान में
01:46कई माँनों के लिए इस्तेमाल हुआ है
01:48लेकिन जिस माणे के लिए भी इस्तेमाल हुआ है
01:51फर्द से लेकर समाज़ और इनसानियत की भलाई
01:54उनकी सरुभलंदी और अनकी इज्सत वकार के प्रभ्रिम के लिए हुआ है
01:59जहां जंग और अक्टाल के माणे में इस्तेमाल तैमाल हुआ है
02:02वो भी जल्म और फसाद के खातमे और इनसानियत की बगा के लिए है
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