00:00इस वीडियो में हम सुनेंगे की कैसे हुजूर ﷺ ने अपने सबसे सخت दुश्मन माने जाने वाले
00:06हजरत उमर बिन खताब रजियल्लाहु अन्हु को बेहद प्यार, दया और हिकमत के साथ इसलाम की दावत दी
00:14और कैसे एक पत्थर दिल इनसान दुनिया के सबसे अजीम सहाबा में शामिल हो गया
00:19यह किस्सा न सिर्फ इमान को ताजा कर देगा, बलकि हमें ये भी सिखाएगा कि दावत इसलाम में नफरत नहीं, बलकि मुहबत, सब्र और दुआ का रास्ता है
00:28आज की वीडियो में हम सुनेंगे एक ऐसी दास्तान जिसने तारीख का रुख बदल दिया
00:40हुजूर मुहम्मद सल्ल्लाहु अलेहिवसल्म का हजरत अमर बिन खत्ताब रजियल्लाहु अन्हु को इसलाम की दावत देना
00:48इसलाम के शुरुआती दौर में कुरैश ने मुसल्मानों पर जुल्म की हदें पार कर दी थी
00:53और इस दौर में उमर बिन खत्ताब रजियल्लाहु अन्हु का नाम सखती, बहादुरी और गजब के लिए मशहूर था
01:00उन्होंने इसलाम को फैलते देखा, लेकिन उनकी आँखों में उस वक्त नफरत थी
01:06वो सोचते थे कि नए मजहब की वजह से अरब की एकता तूट जाएगी
01:10एक दिन उन्होंने गुस्से में कहा
01:12ये सुनकर पूरा मक्का काप उठा
01:20क्योंकि कोई सोच भी नहीं सकता था कि कोई इतना जुरत करे
01:24लेकिन उस तरफ नबी पाक सलल्लाहु अलैही वसल्लम रातों को उठ उठकर दुआ करते थे
01:30एए अल्ला, इसलाम को उमर बिन खताब या अबू जहल में से
01:34जिसके दिल में भलाई है, उसके जरिये मजबूत फर्मा
01:37सोचिये, वो शख्स जिसके हाथ में तलवार थी
01:41उसे सजा देने के बज़ाए नबी सलल्लाहु अलैही वसल्लम उसके लिए दुआ कर रहे थे
01:46एक बार उमर ने देखा कि मुसल्मान मुस्कुरा रहे हैं
01:50उन्हें गुस्सा आ गया, वो तलवार लेकर नबी सलल्लाहु अलाही वसल्लम की तलाश में निकले
01:55लेकिन रास्ते में किसी ने खबर दी
01:57पहले अपने घर संभालो, तुम्हारी बेहन और बेहनोई मुसल्मान हो चुके हैं
02:01ये सुनकर उमर का गुस्सा और भड़क गया
02:04वो घर पहुँचे, दर्वाजे के अंदर कुरान की तिलावत हो रही थी
02:09उन्होंने दर्वाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए और बेहनोई को मारना शुरू कर दिया
02:13बेहन आगे आई, उन्हें भी चोट पहुँची, लेकिन वो बोली
02:17उमर, तुम मारो या जो चाहो करो, लेकिन हम अब अल्लाह और उसके रसूल सलललाहु अलैही वसल्लम को नहीं छोड़ेंगे
02:24उमर का गुस्सा ठंडा पढ़ गया, और उनकी नजरों से आंसू उतरने लगे
02:28उन्होंने कहा, वो कागज दिखाओ, जो तुम पढ़ रहे थे
02:32वो आयत थी, सू रहता हा
02:34उमर पढ़ते गए, उनका दिल पिघलता गया, और वो कापते हुए बोले
02:39मुझे मुहम्मद सलललाहु अलाही वसल्लम के पास ले चलो
02:42उमर तलवार लिए दार ए अरकम पहुँचे, जहां मुसलमान छुपकर दीन सीखते थे
02:47जैसे ही दर्वाजा खटका, सहाबा डर गए
02:50लेकिन नबी रहमत सलललाहु अलाही वसल्लम आगे बढ़े
02:54उसे आने दो, उमर अंदर आए, आँखों से आँसु बह रहे थे
02:58और बोले, एए अल्लाह के रसूल, मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं
03:04और आप उसके सचे रसूल है, कमरा नारे तक्बीर से गूंज उठा
03:08अल्लाहू अक्बर, अल्लाहू अक्बर, इसलाम की ताकत उस दिन कई गुणा बढ़ गई
03:13उमर ने सबसे पहला काम कीया किया?
03:15उन्होंने कहा, या रसूल आल्लाह, क्या हम हक पर है?
03:19नभी सलल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया, हाँ, बिलकु हक पर है
03:23So, Umar says, please do not know why we are in the comments.
03:26The Islam is not the way we are in the way.
03:29Islam is not the way we are in the way.
03:31The prayer is not the way we are in the way.
03:33If you are in the video, please do not subscribe to the channel.
03:37So, we will be in the way that we are in the way we are in the way.
03:42Jajak Allah Khair.