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  • 15 hours ago
उत्तराखंड में पेयजल संरक्षण की दिशा में अभिनव पहल, इस्तेमाल किए पानी को ट्रीट कर दोबारा किया जा सकेगा इस्तेमाल, जानिए क्या है यह पहल

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00:00હાયે ઉતરાખણ મે કઈ નદ્યાં હજારને ઔર ગલીશર હૂં લેકિન હરસારારા પાણિ
00:17१ यानि गाडियां धुलेंगी, सडकें बनेंगी, इमारते खड़ी होंगी लेकिन ताजे पानी की एक बूंद भी बर्बादने आहिंदे यहां।
00:47No one will be used.
00:48The water will have a strong clean water, first the STP, or the Seewage Treatment Plant,
00:55will be treated and then the same water will be used.
00:58We will use a very good job for the STP.
01:04We will use it to keep our treatment system at this time.
01:09We will use it to reduce our safety of the treated water policy.
01:14This policy has been prepared for all the changes in the policy and all the changes will be prepared for all the changes in the policy.
01:28The pressure on the ground water and the fresh water will be reduced by the construction activity, industrial activity, commercial activity.
01:37और भूगर जल और सतही जल को सनक्षित करने में मुद्विए हैं
01:41नमामी गंगी परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर विशाल मिश्रा ने इसके फाइदे गिनाए
01:46साथ ही बताया कि इस ट्रीटेट पानी का कहां कहां इस्तिमाल किया जा सकता है
01:50जो हमारा जो ट्रीटेट वाटर से निकल रहा है उसकी क्वालिटी के आधार पर हम उसे विभिन परियोजन्स में यूज़ कर सकते हैं
01:59जैसे कि एगरी कल्चर, होर्टी कल्चर, रोट क्लिनिंग, कंस्प्शन अक्टिविटी, गार्डिनिंग और अन्य जो कॉमर्शल अक्टिविटी होती है
02:07जैसे कि बिल्डिंग की धुलाई इस तरीके के काम है जिससे जिसमें अभी हमारा करेंटली फ्रेश वाटर यूज़ हो रहा है
02:13तो अगर हम इस वाटर को यूज़ करेंगे तो कहीं न कहीं फ्रेश वाटर पर प्रेशर हमारा कमगा
02:18नमावी गंगी परियोजना के इस कदम से जहां हर साल लाखों लीटर ताजा पानी बचेगा तो वहीं भूजल स्तर भी सुरक्षित रहेगा और नदियां फिर से स्वच्छ होकर बहेंगी
02:30इची विभारत के लिए देहरादून से धीरत सजवन
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