00:00कि आप क्या चाहते हैं यही के क्या फरक के सत्तर सारो छे मेने मौत देख वाल भब मुशाय है आने वाले छे मेने में जो लाखो पल में जीने वाले उसका क्या होगा भब मुशाय जिन्दकी बड़ी होनी चाहिए नंभी नहीं हद करते हो
00:13मौत के दर्ट से आकर जिन्दा रहना छोड़ दिया, तो मौत किसी कहते है, युदो, अगो शाहिए, जब तक जिन्दा हूं तब तक माना नहीं, जब मर गया साला मैं ही नहीं, तो भी तर्किस बात का हूं?
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