00:00राचिका रवींद्र भवन केवल एक निर्मान परियोजना नहीं बलकि सांस्कितिक पुरर जागरन की वो धूरी है जिसने शहर की पहचान को नई रोशनी दी है
00:19पुराने जरजर टाउन हॉल से लेकर इस भवेभवन तक की यात्रा सिर्फ इट बालू का बदलाव नहीं बलकि सोच द्रिष्टी और सांस्कितिक संकल्प के परिवर्तन की कहानी है
00:301975 में निर्मी टाउन हॉल ने दसकों तक राची की संस्कितिक गतिविदियों को सहारा दिया लेकिन समय के सामने वो टिक नहीं सका
00:392011 में उसे जरजर घोसित होने के बाद राची एक ऐसे केंदर की तलास में था जो उसकी कला संस्कितिकी जरुरतों को पूरा कर सके
00:49इसी तलास नहीं आधुनिक रविंद्र भवन की नीव रखी निर्मान यात्रा आसान नहीं रही सरकारे बदली योजनाये रुकी कोवीड-19 ने दो बरसों तक निर्मान रोग दिया
01:01कि कुछी के बात है कि बहुत प्रतिचित ये रविंद्र भवन हम लोग के लिए अपका तैयार हुआ और ये बहुत अच्छा बना है अभी हाल में हम लोग गय थे उद्गाटन नहीं हो पाए किसी कारण से तो ये पहले हमारा बिहार का पहले बिहार में जो अब जब थे हम
01:31सांस्कित अनुस्थान या कोई किसी तरह का अनुस्थान होता था उसका बाद ये जरकन होने के बाद ये बहुत दिन से आसा सब राची निवाशी को ये जरकन पूरा जरकन निवाशी हो कि एक रविंद्र भवन हो और ये रविंद्र भवन हुआ और हमारा लिए बहुत अ
02:01चरकन सरकार ने कंपी का व्यापन घरकन वर्ष किया।
02:09फा लो कि खिलत संसोधन जैसे चुनोतियों ने गती को प्रभावित किया।
02:17लेकिन अंतता इस परियोजणा ने मुकाम हासिल किया।
02:20The art gallery, library, multi-purpose hall and awasiyah subhidhaan se less
02:29yabhavan rachi ki sanskritik atma ka nayaab ghar ban kar ubhra.
02:33Sanskritik ayam kala ka dhirhe dhirhe kakimitiyan bada gheni hain.
02:39इसको देखते हुए, राज सरकार ने एक बहुत बिरिखद पैमाने पर
02:48कला यूं सanskritik का संगम केंदर बनाने के लिए सुचा था,
02:53जिसके प्रतिरूप में, जिसके प्रतिफल में ये पुर्वी भारत का लगभग सबसे बड़ा
03:01संसkritik तोंकला का केंदर होगा ये रभी रफॉन ये लगभग 292 करोर रुपए के लगभग
03:11बना है और कई चार साइचार एकड़ जमीन पर ये बना है और ये इसको बोल सकते हैं
03:22इसमें सबसे बड़ी बात है कि एक बहुत बड़ा जो बारा सो लोगों को एक साथ बैटने के लिए एक आट्यूरियम बनाया गया है
03:37इसमें अधुनिक अत्याधुनिक बोल सकते हैं ये साउंड प्रूफ सिस्टम लगा हुआ है
03:45रविंद्र भवन का महत्तो स्रीपेक अत्याधुनिक साभागार होने तक सिमीत नहीं है
03:50ये स्थानिया और उभरते कलाकारों के लिए बड़ा मच तयार करेगा
03:55इसके साथ ही 24 कमरे जो है लगवक 15-17 होटल में जो कमरे होते हैं उस स्टाइल पर बनाया गया है 24 कमरा
04:04जो कलाकार हो उनके अधिकारी हो जो कलाधिकारी हो वो उसमें ठहर सकते हैं
04:11ये इसके लावा सबसे बड़ी बात है कि ये 1500 लोगों को एक साथ बैठने के लिए एक हाल बना हुआ है
04:31जो जरूरत के मताबिक उसे छोटा या बड़ा किया सकता है उसको तीन भाग में जो है
04:39मैं पंसब करके बाटा आतकता या एक हिजार पॉन सब कर दीए उसमें स्लाइडिंग
04:47अर्स ल Elle серť का डिंग माया हुआ कर आफ ही उचा है वह स्लाइड करके हो
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