PM Modi Ram Mandir : অযোধ্যার রাম মন্দিরে গেরুয়া ধ্বজা উত্তোলনের পর প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী দাবি করেন, ‘৫০০ বছরের ক্ষত আজ সারল’। সাংস্কৃতিক পুনরুজ্জীবন, রাম রাজ্যের প্রতীক এবং ‘জয় সিয়ারাম’ ধ্বনিতে মন্দির প্রাঙ্গণ ভরে ওঠে। ভাষণে স্বাধীনতার পরবর্তী ‘দাসত্বের যুগ’ ও ভারতের গণতান্ত্রিক ঐতিহ্য নিয়েও ইঙ্গিতপূর্ণ মন্তব্য করেন তিনি।
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01:00आज अयोध्यानगरी भारत की सांस्कृतिक जेतना के एक और उतकर्ष्बिंदु की साक्षी बन रही है
01:13आज संपूर्ण भारत संपूर्ण विश्व राम मया है
01:23हर राम भक्त के रदय में आज विटिय संतोष है
01:35असीम कृतग्यता है अपार अलोकिक आनंद है
01:43सदियों के घाव भर रहे हैं
01:49सदियों की वेदना आज विराम पा रही है
01:59सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है
02:09आज उस यगन की पुर्णावती है जिसकी अगनी पांसो वर्षतक प्रजवलीत रही
02:22जो यगना एक पल भी आस्था से डिगा नहीं
02:34एक पल भी विश्वास से तूटा नहीं
02:41आज भगवान स्री राम के गर्बग्रू की अनंत उर्जा
02:48स्री राम परिवार का दिव्य प्रताप इस धर्म द्वजा के रूप में
02:56इस दिव्यतम भव्यतम मंदिर में प्रतिष्ठापित हुआ है
03:03और साथियों इस धर्म द्वजा केवल द्वजा नहीं
03:12ये भारतिय सभ्यता के पुनर जागरन का द्वजा है
03:20इसका भगवा रंग इस पर रचीत शूर्य वंस की ख्याती वर्नित होंप शब्द और अंकीत कोविदार बुरक्ष्य राम राज्य की कीर्थी को प्रतिरुपीत करता है
03:47ये द्वज संकल्प है ये द्वज सफलता है ये द्वज संगर्च से स्रजन की घाता है ये द्वज सद्यों से चले आ रहे स्वपनों का साकार स्वरूप है
04:07ये द्वज संतों की साधना और समाज की सहबागिता की सार्थक परिलेती है
04:21साथियों आने वाली सदियों और सहस्त्र सताद्यों तक ये धर्मद्वज प्रभुरायम के आदर्शव और सिध्धानतों का उद्गोश करेगा
04:37ये धर्मद्वज आहवान करेगा सत्य मेवजयते नानुतम यानी जीत सत्य की ही होती है असत्य की नहीं
04:56ये धर्मद्वज उद्गोश करेगा सत्यम एक पदम ब्रह्मत सत्य धर्मः प्रतिष्ठित है अर्थात सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है
05:14सत्य में ही धर्म स्थापित है ये धर्मद्वज प्रेणा बनेगा प्राण जाए परवचन जाही
05:27हर्थात जो कहा जाए वही किया जाए ये धर्मद्वज संदेश देगा कर्म प्रधान विश्वरची राखा
05:44हर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधान ता हो ये धर्मद्वज कामना करेगा बैर नविग्र आसन त्रासा सुख में ताही सदासब आसा
06:03यानि भेद्वाव पीड़ा परिशानी से मुक्ति सबाज में शांती और सूख हो ये धर्मद्वज हमें संकल्पित करेगा नहीं दरिद्र कोवू दुखी न दीना
06:21यानि हम ऐसा समाज बनाएं जहां गरीबी नहों कोई दूखी या लाचार नहों साथियों हमारे ग्रंथों में कहा गया है आरोपितम द्वजम द्रस्ट्वा ये अभिनंद्दित धार्मि काहा
06:43कि यानि जो लोग किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते हैं और दूर से मंदिर के द्वज को प्रणाम कर लेते हैं उन्हें भी उतना ही पुन्य मिल जाता है
07:08साथियों ये धर्म द्वज भी इस मंदिर के धे का प्रतीख है ये द्वज दूर से ही राम लला की जन्मभूमी के दर्शन कराएगा
07:27और यूगों यूगों तक प्रभु से राम के आदेशों और प्रेणाओं को मानों मात्र तक पहुंचाएगा
07:40साथियों मैं संपुर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अविश्मर्यां क्षण की इस अद्वितिय अउसर की हार दिख्षुप कामनाय देता हूं
07:59मैं आज उन सभी भक्तों को भी प्रणाम करता हूं हर उस दानवीर का भी आभार व्यक्त करता हूं जितने राम मंदिर निर्मान के लिए अपना सयोग दिया
08:15मैं राम मंदिर के निर्मान से जुड़े हर स्रमवीर हर कारिकर हर योजनाकार हर वास्तुकार सभी का अभिनंदर करता हूं
08:31साथियों अयोध्या वह भूमी है जहां आदर्श आचरण में बजलते हैं यही वह नगरी है जहां स्रीश्री राम ने अपना जीवन पत शुरू किया था
08:52इसी अयोध्या ने संसार को बताया कि एक व्यक्ति कैसे समाज की शक्ती से पुर्शोत्तम बनता है
09:05जब स्री राम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे
09:15लेकिन जब लोटे तो मर्यादा पुर्शोतम बन करके आए और उनके मर्यादा पुर्शोतम बनने में
09:27महर्शी वसिष्ट का ग्यान महर्शी विश्वा मित्र की दिख्या महर्शी अगत्थ का मारदर्शन निशाद राज की मित्रता माश शबरी की ममता भक्त हनवान का समर्पन इन सब की
09:51अंग गिनित ऐसे लोगों की महत्वपन भूमी का रही है साथियों विक्सीद भारत बनाने के लिए
10:02समाज की इसी सामुहिक शक्ति की अवशक्ता है मुझे बहुत खुसी है कि राम मंदिर का दिव्य प्रांगन भारत के सामुहिक
10:17की भी चेतना स्थली बन रहा है कि यहां सब मंदीर बने हैं यहां माता शबरी का मंदीर बना है जो जन जातिय समाज के
10:32प्रेम भाव और आतिंत्य परंपरा की प्रतिमूर्थी है यहां निसाद्राज का मंदीर बना है यह उस मित्रता का साक्षी है जो साधन नहीं साध्य को उसकी भावना को पूजती है
10:53यहां एकी स्थान पर माता अहिल्या है महर्ची बालमी की है महर्ची वसिष्ट है महर्ची विश्वा मित्र है महर्ची अगस्थ है और संत तुलसिदाश है
11:12राम लला के साथ साथ इन सभी रुश्यों के दर्संद भी यहीं पर होते हैं यहां जटायू जी और गिलहरी की मुर्थियां भी है
11:26जो बड़े संकल्पों की सिद्धी के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती है मैं आज हर देश वासी से कहूंगा
11:39कि वो जब भी राम मंदिर आएं तो सब्तम मंदिर के दर्शन भी अवश्यक करें
11:48यह मंदिर हमारी आस्तर के साथ साथ मित्रता कर्तव्य और सामाजिक सद्भाव के मुल्यों को भी शक्ति देते हैं
12:02तातियों हम सब जानते हैं हमारे राम भेदे से नहीं भाव से जुड़ते हैं
12:15उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं उसकी भक्ती महत्वकून है
12:25उन्हें वहुच नहीं मुल्य प्रिय हैं उन्हें शक्ति नहीं सहयोग महान लगता है
12:36आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं
12:41पिछले ग्यारा वर्षों में महिला, दलीत, पिछडे, अती पिछडे, आदिवासी, वन्चीत, किसान, स्रमीक, युवा, हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है
13:02जब देश का हर व्यक्ति, हर वर्ग, हर खेत्र ससकत होगा
13:10तब संकल्ब की सिद्धी में सब का प्रयास लगेगा
13:16और सब के प्रयास से ही, दोहजार सैतालिस, जब देश आज़ादी के सो साल मनाएगा
13:26हमें दोहजार सैतालिस तक, विक्सित भारत का अंदिर मान करना ही होगा
13:33चाहत्यों, राम लला की प्राण प्रतिशना के अहित्यासी के अउसर पर
13:40मैंने राम से रास्ट के संकल्प की चर्चा की थी, मैंने कहा था
13:47कि हमें आने वाले एक हजाब अरसों के लिए, भारत की निव मजबूत करनी है
13:53हमें याद रखना है, जो सिर्फ बरतमान का सोते हैं, वो आने वाली पीडियों के साथ अन्याय करते हैं
14:04हमें वरतमान के साथ साथ भावी पीडियों के बारे में भी सोचना है
14:11क्योंकि हम जब नहीं थे, ये देश तब भी था
14:18जब हम नहीं रहेंगे, ये देश तब भी रहेगा
14:25हमें जिवन्त समाज है, हमें दुरद्रश्टी के साथ ही काम करना होगा
14:34हमें आने वाले दसकों, आने वाली सद्यों को ध्यान में रखना ही होगा
14:41और जाथियों, इसके लिए भी हमें प्रबुराम से सिखना होगा
14:49हमें उनके व्यक्तित्व को समझना होगा
14:54हमें उनके व्यहवार को आत्म साथ करना होगा
14:59हमें याद रखना होगा
15:01राम यानि आदर्श, राम यानि मर्यादा
15:09Rāmyāni, Jeevan ka Sarvotche Charitra
15:13Rāmyāni, Sathya or Parakram ka Sangem
15:18Divya Guñe, Shakra Samorāma ha, Sathya Parakrama ha
15:26Rāmyāni, Dharm Path par chalne waala Vyaktitva
15:31Rāma ha, Satpuruso, Loke, Sathya, Sathya Parayana ha
15:37Rāmyāni, Jantā ke Sukh ko Sarvopari rakhna
15:43Prajā, Sukhattvay, Cendrasya
15:46Rāmyāni, Dharm or Kshama ka Dariya
15:50Vachudhaya, Kshama gune hai
15:56Rāmyāni, Gignan or Vivek ki Parakashta
16:00Budzaya, Brhuspate Tullya ha
16:04Rāmyāni, Komalta me drattha
16:08Rāmyāni, Khritajyata ka Sarvotche Udharan
16:16Kadachan, Nopakarena, Khruti naike na tushati
16:22Rāmyāni, Sresht saṅgati ka chaayan
16:26Shila vruddhe, Gnana vruddhe, Vayo vruddhe, Cha sajjanai
16:33Rāmyāni, Vinamjata me maha bal
16:37Viryavānna cha viryana, Mahata svenavishmitah
16:43Rāmyāni, Satyaka ađik sankalpa
16:47Nacha anutrakatho vidwana
16:50Rāmyāni, Jagruk, Anušāsit
16:55Rāmyāni, Nisqapat man, Nisqindra, Apambratah, Chaswadosh, Pardosh, Vita
17:03Sathiyo, Rāmya, Srip, Eek Vyakti nahi
17:08Rāmya, Eek Muldh hai, Eek Mariyada hai, Eek Dishah hai
17:14Agar Bharat ko, Sāl 2,47 tak, Vixit banana hai
17:19Agar Samaaj ko, Samartawan banana hai
17:23To, Hamei, Aapne, Bheetar Rāmy ko, Jagaana ho ga
17:27Hamei, Aapne, Bheetar ke Rāmy ki, Pran, Pratishra kar ni ho ga
17:31Arisankalpa ke liye
17:34Aad se bhetr dhin aur kya ho saktah hai
17:38Sathiyo, Pachis, Nomembar ka Eek Aitihasik dhin
17:42Aapnei viraasat par Gharva ka eek or adbutshan lelay kar aya hai
17:48Isti bhaja hai
17:50Dharma dhwajapar ankeet
17:53Kovidar Vrksh
17:55Yek Kovidar Vrksh
17:57Is bhaat ka udhaarana hai
17:59Ki jab haam
18:02Aapnei jadon se kat jate hai
18:05To, Hamei, Vajibhav
18:08Iitihas ke pannnou mein dhap jata hai
18:12Zatiyo, jab bharat, jab bharat
18:17Aapnei sena ke saad
18:20Chitra kut pahunchei
18:23Toh lakshmane
18:26Dure se hi
18:28Aayodhya ki sena ko pahchan liya
18:32Ite kaisa huwa
18:34Iska bharan
18:36Valmiki ji nye kiya hai
18:38Aur Valmiki ji ji nye kya bharanan kiya hai
18:41Udhau nye kaha hai
18:42Virajit udgat skandham
18:46Kovidar dvajah rath hai
18:49Lakshmane kaitate hai
18:50Rama
18:51Sámane
18:52Jho tėjasvi prakash mein
18:55Vishal, vrksh jiasa dvaj dikhay dhe raha hai
18:59Vahi
19:00Aayodhya ki sena ka dvaj hai
19:03Uus par
19:04Kovidar ka supchinn ankit hai
19:07Sathiyo
19:09Aaj jab rama mandir ke prangar me
19:12Kovidar
19:13Phrishe pratishnit ho raha hai
19:17Ki jab hum
19:18Aapnei pahachan bulte hai
19:20Toh hum
19:21Swayam ko kho dhe te
19:23Aar jab pahachan
19:26Lorti hai
19:27Toh raashtra ka átma vishwaaz bhi lot aata hai
19:31Aar is liye mein kehatta ho
19:33Dhe esko áge bhajna hai
19:36Toh aapnei viraastat par garwak karna hooga
19:40Sathiyo
19:42Aapnei viraastat par garwak ke sath-sath
19:45Eek or baad bhi mahatpukur hai
19:48Aar woh hai
19:50Gulaami ki maansikta se
19:53Puri tarah mukti
19:54Aaj se
19:56Eek sso nabye sal pahle
20:00Eek sso nabye sal pahle
20:04Sal 1835 mein
20:08Ahtharah sso pahle pahle
20:11Mekale naam ke eek anggrej ne
20:14Bharat ko
20:16Aapnei jadow se ukhhaadne ke bijj boye thay
20:20Mekale nae bharat
20:24Mekale nae maansikta gulaami ki niv rakki thi
20:27Mekale nae bharat
20:31Yarni
20:33Yarni
20:332035 mein
20:36Uus aapavitra ghatna ko
20:40200 vrth pahle nae bharat
20:42200 vrth pure ho raha
20:43Kutu din pahle
20:46Mekale nae karkam me agra kiya
20:47Kutu din pahle nae bharat
20:48Kutu din pahle nae bharat
20:49Kutu din pahle nae bharat
20:52Kutu din ae bharat
20:53Kutu din pahle nou
20:54engineers
20:55Noru kush taro
20:56Kutu din pahle nae bharat
21:01Mekale ni
21:08Kutus
21:09Kutus
21:10villains
21:15And
21:16Mittel
21:18Kutus
21:20। हमें आजादी मिली लेकिन हीन भावना से मुक्ति नहीं मिली हमारे हां एक विकार आ गया कि विदेश की हर
21:32चीज हर व्यवस्ता अच्छी है और जो हमारी अपनी चीजें हैं उनमें खोट ही
21:40साथियों गुलामी की यही मांसिक्ता है जिसने लगातार यह स्थापित किया हमने विदेशों से लोग
21:53कंत्र लिया कहा गया कि हमारा समिधान भी विदेश से प्रेरित है जब कि सच यह है कि भारत लोग
22:06तंत्र की जननी है कि मजरण डेमक्रसी है कि लोग तंत्र हमारे डियने में है
22:18कि साथ योगर आप तमिल नाडू जाएंगे तो तमिल नाडू के उत्तर हिस्से में उत्तिर मेरूर गाव है वहां जारों वर्ष पहले का एक
22:29उसमें बताया गया है कि उस कालखन में भी कैसे लोगतांत्रिक तरीके से शासन व्यवस्ता चलती थी लोग कैसे
22:43सरकार चुनते से लेकिन हमारे यहां तो मैगना कार्टा की प्रसंसा काई चलन रहा हमारे हां भगवान बसमन्ना उनके अनुभव मंटपा की जानकारी भी सिमित रखी गई
22:59अनुभव मंटपा यानी जहां सामाजिक धार्मी को आर्थिक विशों पर सार्वजरिक बहस होती थी जहां सामुहिक सहमति से निर्णे लिये जाते थे लेकिन गुलामी की मानसिक्टर के कारण
23:15इस भारत की कितनी ही पेडियों को इस जानकारी से भी बंचित रखा गया साथियों हमारी ववत्ता के हर कौने में गुलामी की इस मानसिक्टर ने डेरा डाला हुआ था
23:32अब याद करिये भारतिय नव सेना का द्वज सदियों तक उस द्वज पर ऐसे प्रतिक बने रहे जिनका हमारी सब्व्यता हमारी शक्ति हमारी विरासत से कोई सम्मंद नहीं था
23:50अब हमने नव सेना के द्वज से गुलामी के हर प्रतिक को हटाया है हमने छत्र प्रति सिवाजी माहराज की विरासत को स्थापित किया है और ये सिर्फ एक डिजाइन में बढ़लाव नहीं हुआ
24:09ये मानसिक्ता बदलने का ख्षन था ये वो गोसना थी कि भानत अब अपनी शक्ति अपने प्रतिकों से परिभाजित करेगा नकि किसी और की विरासत से
24:26और साथियों यही परिवर्तन आज अयोध्या में भी दिख रहा है साथियों ये गुलामी की मानसिक्ता ही आए जितने इतने वर्षों तक रामत्वकों नकारा है
24:43बगवान राम अपने आप एक वैल्यू सिस्टिम है ओर्चा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक और शबरी के प्रभू राम से लेकर मिठिला के पाहुन राम जी तक
25:02भारत के हर घर में हर भारतिय के मन में और भारत वर्ष के हर कणकण में राम है लेकिन गुलामी की मानसिक्ता इतनी हावी हो गई कि प्रभू राम को भी कालपुनिक गोशिद किया जाने लगा
25:24साथियों अगर हम ठान ले अगले दफ साल में मानसिक्त गुलामी से पूरी तरह मुक्ति पालेंगे
25:36और तब जाकर के तब जाकर के ऐसी जौला प्रजलित होगी ऐसा आत्म विश्वात बढ़ेगा कि दोहजार सैटालिस तक
25:49विक्सित भारत का सपना पुरा होने से भारत को कोई रोक नहीं पाएगा
25:55आने वाले एक हजार वर्ष के लिए भारत की निव तब ही ससकता होगी
26:04जब मैकाले की गुलामी के पूजेक को हम अगले दस साल में पुरी तरह द्वस्त करके दिखा देंगे
26:12साथियों अयोध्या धाम में राम लला का मंदिर परिसर भव्य से भव्यतम हो रहा है
26:22और साथ ही अयोध्या को समारे का काम लगातार जारी है
26:27आज अयोध्या फिर से वर नगरी बन रही है जो दुनिया के लिए उदहान बनेगी
26:33त्रेता यूग की अयोध्या ने मानवत्या को नीती दी
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28:04Ayodhya and Rasa Pasa
28:06Quee Logeo
28:07Quee Aiyodhya and Rasa Pasa
28:08Quee Logeo Aiyodhya and Rasa Pasa
28:10Vrindhi Hoi Hai
28:11Kambhi Ayodhya
28:13Vikas Quee Pae Mano Me
28:16Buhut Peechhe Thi
28:17Ayayodhya Nagari
28:18UP Ke Agreni Shairo Me Se Eeg
28:21Ben Dahi
28:2221 Sadi Ka
28:25Ane Waala Samay
28:27Buhut Mahatwa Pundh Hai
28:29Ayayodhya Nagari
28:3070 Sali Me
28:32Bharat 70 Sali
28:34Bharat Vishwa Ki
28:3611 Sabse Bedi Arthivastah Buna
28:4070 Sali Mare
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28:42Lekin Pichle 11 Sali
28:45Bharat
28:47Vishwa Ki
28:4815 Sabse Bedi Arthivastah
28:51Bunchukah
28:51Aarwo Dindur
28:55Nahi
28:55Jabharat
28:57Vishwa Ki
28:593 Sabse Bedi Arthivastah
29:01Buna
29:02Buna
29:04Ane Waala
29:05Samay
29:05Nye Awasar
29:06Oka
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29:08Sambhavna
29:09Oka
29:09Buna
29:10Ane
29:10Ane
29:10ुश राम के सामने रावन विजय जैसा विशाल लगता तब उन्होंने कहा था
29:23सब्सक्ता सुंगतेही रथ चाका सप्यसील त्रदश व धुजपता का बल
29:33बिवेक दम परहित धेग दो गोरें आदाय अचमाक्र diffé healthcare तो आ
29:39रजुज़ें यानि रावर्ण पर विजएवाने के लिए जो रथ चाहिए शोर्य और
29:48Dzhaiye gereizdhye uske pahiyye he is te duoda satyya or akshya atran ki hai bal vivayak saiyam
29:59और परोपकार इस रत के घुड़े हैं लगाम के रुप में शमा दया और सम्ता है जो रत को सही दिशा में रखते हैं
30:14ताथियों विख्षित भारत की यात्रा को गती देने के लिए ऐसा ही रत चाहिए ऐसा रत जिसके पहिये शौर्य और धैय हो
30:27यानि चुनोतियों से तकराने का साहज भी हो और परिणाम आने तक द्रड़ता से डटे रहने का धैयर्य भी हो
30:39ऐसा रत जिसकी द्वजा सत्य और सर्वोच्च आच्रण हो यानि नीती नियत और नईतिकता से समझोता कभी न हो
30:52ऐसा रत जिसके घोडे, बल, विवेक, सैयम और परुपकार हो
31:01यानि शक्ती भी हो, बुद्धी भी हो, अनुशासन भी हो और दूसरों के हित का भाव भी हो
31:10ऐसा रत जिसकी लगाम, छमा, करुणा और संभाव हो
31:18यानि जहां सफलता का हंकार नहीं, और आसफलता में भी दूसरों के परती सम्मान बना रहे
31:27और इसलिए मैं आदरपुर्वक कहता हूँ, ये पल कंदे से कंधा मिलाने का है
31:37ये पल गती बढ़ाने का है, हमें वो भारत बनाना है, जो राम राज्य से प्रेरित हो
31:47और ये तभी संबव है, जब स्वयम हित से पहले देश हित होगा, जब रास्त हित सरों पर रहेगा
32:00एक बार फिर आप सभी को बहुत बहुत सुप्तामनाए देता हूँ, जै शियारां
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