23:27gulami ki is maanthikta nene dera dala hua tha abyaat kariye Bhartiya nau sena ka dvaj
23:37sa diwaj ta k us dvaj ppar aisay pratik bane rahe jinka hamari sabyata, hamari shakti,
23:47We have no relationship with our own.
24:17भारत अब अपनी शक्ति अपने प्रतिकों से परिभाजित करेगा नग कि किसी और की विरासत से और साथियों यही परिवर्तन आज अयोध्या में भी दिख रहा है साथियों यह गुलामी की मानसिकता ही आए जितने इतने वर्सों तक रामत्व को नका रहा है
24:43बगवान राम अपने आप एक वैल्यू सिस्टिम है ओर्चा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक और शबरी के प्रभू राम से लेकर मिधिला के पाहुन राम जी तक भारत के हर घर में हर भारतिय के मन में और भारत वर्स के हर कणकण में राम है
25:13। लेकिन गुलामी की मानसिकता इतनी हावी हो गई कि प्रभु राम को भी कालपुनिक गोशित किया जाने लगा।
25:24। साथियों, अगर हम ठान ले, अगले दस सान में मानसिक गुलामी से पूरी तरह मुक्ति पा लेंगे।
25:36और तब जाकर के, तब जाकर के ऐसी ज्वाला प्रजलित होगी, ऐसा आत्म विश्वात बढ़ेगा, कि 2046 तक विख्षित भारत का सपना पुरा होने से भारत को कोई रोक नहीं पाएगा।
25:56आने वाले एक हजार वर्ष के लिए भारत की निव तब ही ससकता होगी, जब मैकाले की गुलामी के प्रोजेक को हम अगले दस साल में पुरी तरह द्वस्त करके दिखा देंगे।
26:12साथियों अयोध्या धाम में राम लला का मंदिर परिशर भव्य से भव्यतम हो रहा है।
26:22और साथ ही अयोध्या को समवारने का काम लगातार जारी है।
26:28आज अयोध्या फिर से वह नगरी बन रही हैं जो दुनिया के लिए उदहान बनेगी।
26:34त्रेता योग की अयोध्या ने मानवता को नीती दी। 21 सदी की अयोध्या मानवता को विकास का नया मोडल दे रही है।
26:46तब अयोध्या मर्यादा का केंड रही। अब अयोध्या विक्षित भारत का मेरु दंड बन कर उबर रही है।
26:54ਸانत्यों भविष्च के एयोध्या में
26:57पवराणिक्ता
26:58और नूतन्ता का संगम होगा
27:01ਸर्युजी की
27:02psychedelic darah
27:03और विकास की धार
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29:20विजय जैसा विशाल लग्सता तब उन्होंने कहा था क्त हुआ हुआ अलिज्व दिरज तेही रतचा का शत्य सील द्रश बज्व पता का लग विवेक दम परहित गोरे चमा कृपा समता रजु जोरे यानी रावन पर विजय
29:43के लिए जो रत चाहिए शावर्य और ध़य उसके पहीए हैं उसकी धजा सत्यAR अच्छे आत्रण की यह बल विवेग सयम और परवक्तार इस
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30:27यानि चुनोतियों से तक्राने का साहस भी हो और परिणाम आने तक द्रड़ता से डटे रहने का धैर्य भी हो
30:39ऐसा रत जिसकी द्वजा सत्य और सर्वोच्च आच्रण हो यानि नीती नियत और नईतिकता से समझोता कभी न हो
30:52ऐसा रत जिसके घोडे, बल, विवेक, सैयम और परुपकार हो
31:01यानि शक्ती भी हो, बुद्धी भी हो, अनुशासन भी हो और दूसरों के हित का भाव भी हो
31:10ऐसा रत जिसकी लगाम, छमा, करुणा और संभाव हो
31:18यानि जहां सफलता का हंकार नहीं
31:22और आसफलता में भी दूसरों के परती सम्मान बना रहे
31:27और इसलिए मैं आदरपुर्वक कहता हूँ, ये पल कंदे से कंधा मिलाने का है
31:37ये पल गती बढ़ाने का है, हमें वो भारत बनाना है, जो राम राज्य से प्रेरित हो
31:47और ये तभी संबव है, जब स्वयम हित से पहले देश हित होगा
31:55जब रास्त हित सरों पर रहेगा
31:59एक बार फिर आप सभी को बहुत बहुत सुप्तामनाय देता हूँ, जए शियारां
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