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  • 10 hours ago
'देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे', अयोध्या राम मंदिर पर धर्मध्वजा फहराकर बोले PM मोदी

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00:00साथियों ये धर्म द्वज भी इस मंदीर के धे का प्रतीख है ये द्वज दूर से ही राम लला की जन्मभूमी के दर्शन कराएगा
00:18और यूगों यूगों तक प्रभुस्री राम के आदेशों और प्रिणाओं को मानों मात्र तक पहुचाएगा
00:31साथियों मैं संपुर्ण विश्व के करोणों राम भक्तों को इस आविश्वरियां क्षण की
00:43इस अद्वितिय अवसर की हार दिख्षुप कामनाई देता हूँ
00:49मैं आज उन सभी भक्तों को भी प्रणाम करता हूँ
00:55हर उस दानवीर का भी आभार व्यक्त करता हूँ
00:59जितने राम मंदिर निर्मान के लिए अपना सहयोग दिया
01:06मैं राम मंदिर के निर्मान से जुड़े हर स्रमवीर हर कारिकर हर योजनाकार हर वास्तुकार सभी का अभिननन करता हूँ
01:21साथियों आयोध्या वह भूमी है जहां आदर्श आचरण में बदलते हैं यही वह नगरी है जहां स्रीश्री राम ने अपना जीवन पत शुरू किया था
01:42इसी अयोध्या ने संसार को बताया कि एक व्यक्ति कैसे समाज की शक्ति से उसके संस्कारों से पुर्शोत्म बनता है
01:59जब स्री राम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे लेकिन जब लोटे तो मर्यादा पुर्शोत्म बन करके आए
02:16और उनके मर्यादा पुर्शोत्म मन्ने में महर्ची वसिष्ट का ग्यान महर्ची विश्वा मित्र की दिख्षा महर्ची अगत्ष का मारदर्शन निशाद राज की मित्रता
02:36मा शबरी की ममता भक्त हन्वान का समर्पन इन सबकी अंग गिनित ऐसे लोगों की महत्वपुन भूमी का रही है
02:52साथियों विक्सीत भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामुहिक शक्ति की आवशक्ता है
03:02मुझे बहुत खुशी है कि राम मंदिर का दिव्य प्रांगन भारत के सामुहिक सामर्त की भी चेतना स्थली बन रहा है
03:15यहां सप्प मंदीर बने हैं यहां माता शबरी का मंदीर बना है जो जन जातिय समाज के प्रेम भाव और आतिंत्य परंपरा की प्रतिमूर्ति है
03:32यहां निसाद राज का मंदीर बना है यह उस मित्रता का साक्षी है जो साधन नहीं साध्य को उसकी भावना को पूजती है
03:48यहां एकी स्थान पर माता अहिल्या है महर्ची बालमी की है महर्ची वसिष्ट है महर्ची विश्वा मित्र है महर्ची अगस्थ है और संत तुलसिदाथ है
04:06राम लला के साथ साथ इन सभी रुश्यों के दर्संद भी यहीं पर होते हैं यहां जटायू जी और गिलहरी की मुर्थियां भी है
04:20जो बड़े संकल्पों की सिद्धी के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती है
04:29मैं आज हर देश वासी से कहूंगा कि वो जब भी राम मंदिर आएं तो सब्तम मंदिर के दर्शन भी अवश्यक करें
04:42यह मंदिर हमारी आस्ता के साथ साथ मित्रता करतव्य और सामाजिक सद्भाव के मुल्यों को भी शक्ति देते हैं
04:56साथियों हम सब जानते हैं हमारे राम बेदे से नहीं भाव से जुड़ते हैं
05:09उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं उसकी भक्ती महत्वकून है उन्हें वहुच नहीं
05:22मुल्य प्रिय हैं उन्हें शक्ति नहीं सहयोग महान लगता है आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं
05:35पिछले ग्यारा वर्षों में महिला दलीत पिछडे अती पिछडे आदिवासी वंचीत किसान स्रमीत युवा हर बर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है
05:56कि जब देश का हर व्यक्ति हर वर्ग हर छेत्र ससकत होगा तब संकल्प की सिद्धी में सब का प्रयास लगेगा और सब के प्रयास से ही
06:12कि दोहजार सैतालिस जब देश आजहादी के सो साल मनाएगा हमें दोहजार सैतालिस तक विक्सित भारत का अंदिरमान करना ही होगा
06:27साथियों राम लला की प्राण प्रतिश्णा के अहित्यास के अवसर पर मैंने राम से रास्ट के संकल्प की चर्चा की थी मैंने कहा था कि हमें आने वाले एक हजाब अरसों के लिए भारती नीव मजबूत करनी है
06:47हमें याद रखना है जो सिर्फ बरतमान का सोचते हैं वो आने वाली पीडियों के साथ अन्याय करते हैं
06:58हमें बरतमान के साथ साथ भावी पीडियों के बारे में भी सोचना है क्योंकि हम जब नहीं थे यह देश तब भी था
07:12जब हम नहीं रहेंगे ये देश तब भी रहेगा हमें जिवन्त समाज है हमें दुर्द्रश्टी के साथ ही काम करना होगा
07:27हमें आने वाले दसकों आने वाली सद्यों को ध्यान में रखना ही होगा और जादियों इसके लिए भी हमें प्रबुर्राम से सिखना होगा
07:42हमें उनके व्यक्तित्व को समझना होगा हमें उनके व्यहवार को आत्म साथ करना होगा हमें याद रखना होगा
07:55राम यानि आदर्श राम यानि मर्यादा राम यानि जीवन का सर्वोच्य चरित्र राम यानि सत्य और पराक्रम का संगम
08:11दिव्य गुणे शक्र समोरामः सत्य पराक्रमः राम्यानी धर्म पत पर चलने वाला व्यक्तित्व राम्यानी जनता के सुख को सर्वोपरी रखना प्रजा सुखत्वे चंद्रस्य
08:40राम्यानी धर्म और ख्षमा का दरिया वसुधाया ख्षमा गुने है राम्यानी गिन्यान और विवे की पराकास्ता बुद्धया बुरस्पते तुल्य है राम्यानी कोमलता में द्रडता मृदु पुर्वज्य भाषते राम्यानी कृतज्यता का सर्वोच्य उधारन
09:09कदाचन नोपकारेन कुती नैकेन तुष्षती राम्यानी स्रेश्त संगती कैचायन शिला वृद्धे ज्यान वृद्धे वयो वृद्धे चो सज्जने
09:27राम्यानी बिनम्रतामे महाबल विर्यवान्यच विर्ययन महता स्वेन विश्मित राम्यानी सत्यका अडिक संकल्प नच अनुत्रकतो विद्वान राम्यानी जागरुक अनुशासित और निस्कपट मन
09:50निस्तिंद्र अपंब्रत चस्वदोष परदोष वित्व साथियों राम सिर्प एक व्यक्ति नहीं राम एक मुल्य है एक मर्यादा है एक दिशा है अगर भारत को साल दोहजार सैटालिक तक विश्चित बनाना है
10:13अगर समाज को सामर्थवान बनाना है तो हमें अपने भीतर राम को जगाना होगा हमें अपने भीतर के राम की प्रान प्रतिश्चा करनी होगी और इस संकल्प के लिए आज से बहतर दिन और क्या हो सकता है
10:31साथ क्यों पचीस नवंबर का इस एक दिन अपनी विरासत पर गर्व का एक और अद्बुच्छन लेकर आया है इस ती बज़व है धर्मत बज़ापर अंकीत कोविदार बुरक्ष यह कोविदार बुरक्ष इस बात का उदाहरन है कि जब हम
10:54अपनी जड़ों से कट जाते हैं तो हमारा वईभाव इतिहास के पन्नों में दब जाता है
11:05जात क्यों जब भारत जब भरत अपनी सेना के साथ चित्रकुट पहुंचे तो लक्षमन ने दूर से ही
11:21अयोध्या की सेना को पहचान लिया एक कैसे हुआ इसका वर्णन वालमिकीजी ने किया है और वालमिकीजी ने क्या वर्णन किया है उन्होंने कहा है
11:35विराजित उद्गत्स कंधम कोविदार वजवर रथे लक्षमन कहते हैं राम सामने जो तेजस्वी प्रकाश में विशाल व्रुक्ष जैसा द्वज दिखाई दे रहा है वही अयोध्या की सेना का द्वज है उस पर कोविदार का सुप्चिन अंकित है
11:59साथियों आज जब राम मंदिर के प्रांगण में कोविदार फिर से प्रतिष्टीत हो रहा है यह केवल एक व्रक्ष की वापसी नहीं है यह हमारी स्मृति की वापसी है
12:18हमारी अस्पिता का पुनर जागरन है हमारी स्वाभी मानी सब्यता का पुनर उद्गोश है
12:26कोविदार व्रुक्ष हमें याद दिलाता है कि जब हम अपनी पहचान बुलते हैं तो हम स्वयम को खो देते हैं
12:38और जब पहचान लौडती है तो राष्ट का आत्म विश्वाद भी लौट आता है
12:45और इसलिए मैं कहता हूँ देश को आगे बढ़ना है तो अपनी विरासत पर गर्व करना होगा
12:54अपनी विरासत पर गर्व के साथ साथ एक और बात भी महत्वपुर है
13:01और वो है गुलामी की मानसिक्ता से पुरी तरह मुक्ती
13:08आज से 190 साल पहले साल 1835 में 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने
13:28भारत को अपनी जड़ों से उखाडने के बीज बोये थे
13:33मैकाले ने भारत में मानसिक्ता गुलामी की नीव रखी थी
13:40दस साल बार यानि 2035 में उस अपवित्र घटना को 200 वर्थ पूरे हो रहे हैं
13:57कुछ दिन पहले ही मैंने कारकम में आग्रह किया था कि हमें आने
14:04वाले दस वर्षों तक उस दस वर्षों का लक्ष लेकर चलना है कि भारत को गुलामी की
14:14सिक्ता से मुक्त करके रहेंगे साथियों सबसे बड़ा दुर्भाग यह है कि मैं काले ने जो कुछ सोचा था उसका प्रभाव कहीं व्यापक हुआ हमें आजादी मिली लेकिन हीन भावना से
14:38सबस्ति नहीं मिली हमारे हाँ एक विकार आ गया कि विदेश की हर चीज हर व्यवस्ता अच्छी है और जो हमारी अपनी चीज़ें हैं उनमें खोट ही खोट है
14:54साथियों गुलामी की यही मांचिक्ता है जिसने लगातार यह स्थापित किया हमने विदेशों से लोगतंत्र लिया कहा गया कि हमारा समिधान भी विदेश से
15:13प्रेडित है जब कि सच यह है कि भारत लोगतंत्र की जननी है मदरब ड्यमक्रति है लोगतंत्र हमारे डियने में है
15:30साथ योगर आप तमिल नाडू जाएंगे तो तमिल नाडू के उत्तर हिस्से में उत्तिर मेरूर गाव है वहां जारों वर्ष पहले का एक शिला लेख है उसमें बताया गया है कि उस कालखंड में भी कैसे लोगतंत्रिक तरीके से
15:50शात्सन व्यवस्ता चलती थी लोग कैसे सरकार चुनते थे लेकिन हमारे यहां तो मैगना कार्टा की प्रसंसा क्या ही चलन रहा हमारे हां भगवान बसमन्ना उनके अनुभव मंटपा की जानकारी भी सिमित रखी गई
16:12अनुभव मंटपा यानी जहां सामाजिक धार्मी को आर्थिक विशों पर सार्वजरिक बहस होती थी जहां सामुहिक सहमति से निर्णे लिये जाते थे लेकिन गुलामी की मानसिक्तर के कारण
16:28इस भारत की कितनी ही पेडियों को इस जानकारी से विवंचित रखा गया साथियों हमारी ववत्ता के हर कौने में गुलामी की मानसिक्ता ने डेरा डाला हुआ अब याद करिए भारतिय नौसेना का द्वज सदियों तक उस द्वज पर ऐसे प्रतीक बने रहे जिनका हमारी
16:58हमारी शक्ती हमारी विरासत से कोई सम्मंद नहीं था अब हमने नौसेना के द्वज से गुलामी के हर प्रतीक को हटाया है
17:11हमने चत्रप्रती सिवाजी महराज की विरासत को स्थापित किया है और ये सिर्फ एक डिजाइन में बढ़लाव नहीं हुआ
17:23ये मानसिक्ता बदलने का अक्षन था ये वो गोसना थी कि भानत अब अपनी शक्ती अपने प्रतिकों से परिभाजित करेगा नकि किसी और की विरासत से
17:39और साथियों यही परिवर्तन आज अयोध्या में भी दिख रहा है साथियों ये गुलामी की मानसिक्ता ही आए जितने इतने वर्सों तक
17:53रामत्वकों नकारा है बगवान राम अपने आप एक वैल्लू सिस्टिम है और चा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक और शबरी के प्रभू राम से लेकर मिधिला के पाहुन राम जी तक भारत के
18:18हर घर में हर भारतिय के मन में और भारत वर्स के हर कणकण में राम है लेकिन गुलामी की मानसिक्ता इतनी हावी हो गई कि प्रभू राम को भी कालपुनिक गोशित किया जाने लगा
18:37साथियों अगर हम ठान ले अगले दस साल में मानसिक्त गुलामी से पूरी तरह मुक्ति पालेंगे
18:49और तब जाकर के तब जाकर के ऐसी ज्वाला प्रजलित होगी ऐसा आत्मविश्वाद बढ़ेगा कि दोहजार साहतालिस तक विक्सित भारत का सपना पूरा होने से भारत को कोई रोक नहीं पाएगा
19:09आने वाले एक हजार वर्ष के लिए भारत की निव तब ही ससकता होगी जब मैकाले की गुलामी के प्रोजेक को हम अगले दस साल में पूरी तरह द्वस्त करके दिखा देंगे
19:26साथियों अयोध्या धाम में राम लला का मंदिर परिशर भव्य से भव्यतम हो रहा है और साथ ही अयोध्या को समवारने का काम लगातार जारी है
19:41आज अयोध्या फिर से वह नगरी बन रही है जो दुनिया के लिए उदहान बनेगी त्रेता यूग की अयोध्या ने मानवता को नीती दी 21 सदी की अयोध्या मानवता को विकास का नाया मोडल दे रही है
19:58तब अयोध्या मर्यादा का केंड़ थी अब अयोध्या विक्सित भारत का मेरु दंड बन कर उपर रही है
20:07सांतियों भविश के योध्या में पवरानिकता और नूतनता का संगम होगा
20:14सर्यूजी की अमृत धारा और विकास की धारा एक साथ बहेगी
20:21यहां आध्यात्म और आर्टिविशल इंट्रिजिएंस जोरों का तालमेल दिखेगा
20:27रामपत भक्तिपात और जन्दभुवी पत से नई अयोध्या के दर्शन होते हैं
20:35अयोध्या में भव ए एरपोर्ट है अयोध्या में आज शांदार रेलबे स्टेशन है
20:40बंदे भारत और अमुर्द भारत एक्ष्प्रेश जैसे ट्रेने आयोध्या को बाकी देश से जोड रही है
20:46आयोध्या वाचियों को सुविदाए मिले उनके जीवन में समुर्द दियाए इसके लिए निरंतर काम चल रहा है
20:55साथियों जब से प्रान प्रतिस्ता हुई है तब से लेकर आज तक करीब करीब 45 करोर स्रद्धालों यहां दर्शन के लिए आ चुके है यह वो पवित्र भूमी है जहां 45 करोर लोगों के चरहंड़ पड़े है और इससे
21:17आयोध्या और आसपास के लोगों की आए में आर्थिक परिवर्तन आया है बृत्धी हुई है कभी आयोध्या विकास के पैमानों में बहुत पीशे थी आयोध्या नगरी यूपी के अग्रणी शहरों में से एक बन रही है
21:35साथ्यों 21 सदी का आने वाला समय बहुत महत्वपुण है आजादी के बात के सतर साल में भारत
21:46सतर साल में भारत विश्व की ग्यारवी सबसे बड़ी अर्थिववस्ता बना सतर साल में ग्यारवी
21:55लेकिन पिछले ग्यारा साल में भारत विश्व की पांच भी सबसे बड़ी अर्थिववस्ता बन चुका है
22:05और वो दिन दूर नहीं जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थिववस्ता भी बन जाएगा
22:15आने वाला समय नई अवसरों का है नई संभावनाओं का है और इतना हम कालखन में भी भगवान राम के विचारी अमारी प्रेणा बनेंगे
22:29जब सही राम के सामने रावन विजय जैसा विशाल लक्षता तब उन्होंने कहा था
22:37सवरज दिरज तेही रथ चाका सत्य सील द्रड़ बजपता का बल विवेक दम परहित देगो गोरे
22:49चमा कृपा समता रजु जोरे यानि रावन पर विजय पाने के लिए जो रथ चाहिए शोर्य और धैय उसके पहिये हैं
23:03उसकी धजा सत्य और अच्छे आच्छन की है बल विवेक संयम और परोपकार इस रथ के घोड़े हैं
23:16लगाम के रूप में शमा दया और समता है जो रथ को सही दिशा में रखते हैं
23:27साथियों विख्षित भारत की यात्रा को गती देने के लिए ऐसा ही रथ चाहिए
23:34ऐसा रथ जिसके पहिये शाओर्य और धैय हो यानि चुनोतियों से टकराने का साहस भी हो और परिणाम आने तक द्रड़ता से डटे रहने का धैयर्य भी हो
23:52ऐसा रथ जिसकी द्वजा सत्य और सर्वोच्य आच्रण हो यानि नीती नियत और नईतिकता से समझोता कभी न हो
24:05ऐसा रथ जिसके घोड़े बल विवेक सैयंब और परुपकार हो यानि शक्ती भी हो बुद्दी भी हो अनुशासन भी हो
24:20और दूसरों के हित का भाव भी हो ऐसा रथ जिसकी लगाम छमा करुणा और संभाव हो यानि जहां सफलता का हंकार नहीं और आसफलता में भी दूसरों के प्रति सम्मान बना रहे
24:41और इसलिए मैं आदर पुर्वक कहता हूँ ये पल कंदे से कंधा मिलाने का है ये पल गती बढ़ाने का है
24:55हमें वो भारत बनाना है जो राम राज्य से प्रेरित हो और ये तबी संभाव है जब स्वयम हित से पहले बेश हित होगा जब रास्त हित सरों पर रहेगा
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