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  • 10 hours ago
'जय सियाराम...', अयोध्या में धर्म ध्वजारोहण कर PM मोदी का अंदाज, Video

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00:00शियावर राम चंद्र की जय शियाराम उत्तर प्रदेश की राजपाल, आनन्दि बेन पतेल, राष्ट्रिय स्वेंसोग संके, परंपूजनिय सरसंगे चालक,
00:25दॉक्तर मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदितिना जी, सिर्राम जन्ब भूमी तिर्थक्षेत्र ट्रस्ट के देक्ष, पुझ्य महंत नुत्य गोपालदास जी,
00:42पुझ्य संत समाच, यहां पधारे सभी भक्तगण, देश और दुनिया से, इस एतियासिक पल के साक्षी बन रहे,
00:56कोटी-कोटी राम भक्त, देवी और सज्जनों, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उतकर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है,
01:16आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व, राम मया है, हर राम भक्त के रदय में, आद्वितिय संतोष है, असीम कृतग्यता है, अपार अलोकिक आनंद है,
01:46सदियों के घाव भर रहे हैं, सदियों की बेदना, आज विराम पा रही है,
02:02सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है,
02:11आज उस यगना की पुर्णावती है, जिसकी अगनी पान सो वर्षतक प्रजवलीत रही,
02:25जो यगना एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से तूटा नहीं,
02:43आज भगवान स्री राम के गर्ब गुरू की अनंत उर्जा, श्री राम परिवार का दिव्य प्रताप,
02:57इस धर्म द्वजा के रूप में, इस दिव्यतम भव्यतम मंदिर में,
03:04प्रतिष्ठापित हुआ है, और साथियों,
03:08ये धर्म द्वजा केवल एक द्वजा नहीं, ये भार्तिय स्भ्यता के पुनर जागरण का द्वजा है,
03:27इसका भगवा रंग, इस पर रचीत, शूर्य वंस की ख्याती,
03:34वर्नित होम शब्द और अंकीत कोविदार बुरक्ष्य राम राज्य की कीर्ती को प्रतिरुपीत करता है,
03:49ये द्वज संकल्प है, ये द्वज सफलता है, ये द्वज संगर्च से स्रजन की घाता है,
04:03ये द्वज सद्यों से चले आ रहे स्वपनों का साकार स्वरूप है,
04:10ये द्वज संतों की साधना और समाज की सहबागिता की सार्थक परिड़िती है,
04:24साथियों, आने वाली सदियों और सहस्त्र सताद्यों तक ये धर्म द्वज प्रभुरायम के आदर्शों और सिध्धांतों का उद्गोश करेगा,
04:40ये धर्म द्वज आहवान करेगा, सत्य मेव जयते नानुतम,
04:52यानि जीत सत्य की ही होती है, असत्य की नहीं,
04:59ये धर्म द्वज उद्गोश करेगा, सत्यम एक पदम,
05:05अर्थात सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है,
05:18सत्य में ही धर्म स्थापित है,
05:22ये धर्म द्वज प्रेणा बनेगा, प्राण जाए पर वचन न जाही,
05:30अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए,
05:40ये धर्म द्वज संदेज देगा, कर्म प्रधान विश्व रची राखा,
05:47अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधान ता हो, ये धर्म द्वज कामना करेगा,
05:58बैर न विग्र आशन त्रासा, सुख में ताही सदासब आशा,
06:06यानि भेद्वाव, पीड़ा परिशानी से मुक्ती, सबाज में शान्ती और सूखो,
06:17ये धर्म द्वज हमें संकल्पित करेगा, नहीं दरिद्र कोवू दुखी न दीना,
06:25यानि हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो, कोई दूखी या लाचार न हो,
06:34साथियों, हमारे ग्रंथों में कहा गया है, आरोपितम वजम द्रस्ट्वा, ये अभिनंदलित धार्मि काहा,
06:47ते अपी सर्वे पमुज्जते महा पातक कोटी भी ही, यानि जो लोग किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते हैं,
07:03और दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुन्य मिल जाता है,
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