00:00वो लड़का हर सुबह एक ही सवाल सोचता था
00:02मैं इतनी मेहनत के बहाद भी क्यूं हार जाता हूँ?
00:10हार तुम्हारी पहचान नहीं
00:12तुम्हारी शुरुवात है
00:15उस दिन के बाद लड़का रात देर तक मेहनत करता रहा
00:19गलतियों को समाज कर उनहीं से सेखता हुआ
00:30अब इनसान खुद को हारने नहीं देता