00:00नवान कई संदर्वों में होता है यहां बावा बास्कीनाथ का जो छेत्र है यहां प्रमप्रागत नवान का तिवहार मनाए जाता है
00:21नवान से तातपर्य है कि नया जो अन्य है चाहे वो गन्ना हो या फिर धान हो चावल हो इत्यादी तो सुद्ध पवित्र ढंग से किसान अपने घर में लाते हैं
00:41और वो बाबा पर अर्पित होता है और फिर इसका अगनी आवती भी दिया जाता है परंपरा रही है कि सुद्ध पवित्र ढंग से दूद को लाकर इसका दही जमाए जाए और बाबा भोले नाथ पर अर्पित कर तब नया अन्न का किशान हम लोग पंड़ा समाज लहा के अ
01:11कि ऑनके बाद बोली नाथ को तब उन करते हैं यह परंपरा रही और परंपरा तियवार यही नमान का महत्त्व है नमान कई स्थानों पर अपने तरीके से लोग मनाते हैं किंतु हम लोगा जो परंपरागत
Be the first to comment