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उत्तरकाशी के अरविंद कुड़ियाल 2002 से गंगाजल का संग्रह कर रहे हैं, उन्हें पिता से इसकी प्रेरणा मिली

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00:00उत्राखन का एक ऐसा शक्स है जिसे गंगाजल संग्रह करने का शौक है उत्तरकाशी के होटल व्योसाई अर्विन कुडियाल पिछले 24 साल से गंगाजल का संग्रह कर रहे हैं उनका इस शौक हर साल बढ़ता ही जा रहा है अर्विन ने वर्स, तीथी और समय के साथ गंगाज
00:30करने का शौक कैसे हुआ।
01:00जिसे आतम विगत 20-25 सालों से मेरे पास बराबर गंगाजल है और गंगा एक मोख्ष है और गंगा से बड़ा इस प्रमान में और इस संसार में कुछ नहीं है आपको बैतर नहीं और आपके कल्यान कादि सारे कार्या गंगा मा के माध्यम से ही होते हैं और किस सीच के लिए म
01:30जो दवाई और हर चीज का कारे करता है अर्विंद कुडियाल के पास पिछले 24 सालों से गंगा जल का संग रहे है तो मांसरोवर, लद्दा की पैंगविन जील, व्यास नदी के उद्गम, गंगा सागर, अम्रिस सर, बद्रीनात, त्रयंबकेश्वर, भीमा शंकर, पंच ज
02:00दिए दुहजार दो से है, पृते जहां भी जो हमारी पवित्र नीच होगी है, उसका जल्द, वो आप पेंगविन लेक हो जाया, अमरिट सर閱 हो जाया, केदानात हो जाया, वद्रीनात हो जाया, पंच जोत्रलिंफ नहारास्टा के हो जा है, रामिच स्ट्रम हो जाया, गं�
02:30ुछाने का करें गरता हूं
02:33गंगा भक्त अर्विन कुडियाल केंद्र और राज्य सरकारों से गंगा स्वच्छता और सन्रक्षन की अपील ही नहीं बलकि विन्ती करते ही
02:42उनका कहना है कि गंगा से बढ़कर कुछ नहीं है
02:46गंगा जी एक ऐसी चीज है जिसके लिए माननिया भारत सरकार माननिया उत्रकण सरकार इंको एक मोहिम करना चीए
02:57देखो यह हमारे मैं तो दादा और पिता का ही इनको सुरूंग दूँगा भारत सरकार हमारा दादा है और राजे सरकार हमारे पिता है
03:03। if we are good to think about it, then we will be able to get a good job.
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