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Manipur Sangai Festival 2025: मणिपुर हिंसा में बीते 2 सालों में 250 से अधिक मौतों के बीच संगाई पर्यटन महोत्सव को लेकर माहौल गरमा गया है। इम्फाल में लोगों ने फेस्टिवल के आयोजन का विरोध किया, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हुए। जनता का आरोप है कि राज्य में शांति बहाल किए बिना उत्सव आयोजित करना संवेदनहीनता है। वहीं सरकार का कहना है कि यह आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने और सामान्य स्थिति लौटाने की दिशा में एक कदम है। इस टकराव ने पूरे राज्य में नई बहस छेड़ दी है।

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~HT.318~PR.250~ED.108~GR.124~

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Transcript
00:00मनिपूर के इंफाल और पूर्वी इंफाल में एक बार फर जड़कों का दार शुरू हो गया
00:15गुरुवार का दिन काफी तना पून रहा शुकरवार को भी ऐसी ही अब घटनाओं की खबर आ रही है
00:20बड़ी संख्या में लोग संगाई मौसब के आयोजन से नाराज थे कई दिनों से एक खबर चल रही थी और अब उसके नतीजे भी नजर से आ रही है
00:30जड़कों का दार शुरू सा हो गया है
00:32विरूत करने के लिए लोग स्टड़क पर उतर आए उनका कहना था कि जब राज्या में शांती नहीं हजारों लोग अब भी घरों से बेघर होकर रहत शिविरों में पड़े हैं तब किसी उत्सब मनाने का क्या मतलब रह जाता है
00:45इस नाराज़गी की वजह से पॉलिस और प्रदेशन कारियों के बीज जड़ा तेज हो गई और भीड को रोपने के लिए पॉलिस ने एक बार फिर बल का प्रियोग किया आंसु गैस के पूले छोड़े इसके साथ ही लाठी चार्ज की भी खबरें आ रही है
01:00जब की प्रदेशन कारी महतसफ स्थल की और बढ़ते रहे लगातार इस महतसफ का विरूद करना ही उनका एक मात्र लक्षर था
01:09लोगों का गुस्सा यहां पर वाजब भी लगता है मैं दोहजार देश में जम मैतई और कुपी जोकी समुदाए ये वो समुदाए थे जिनके बीच जड़पे हुई थी लगातार हिंसा हो रही थी
01:20ये दौर था वक्त था मैं दोहजार देश का तब सरकार कहां सो रखी थी किसी को नहीं पता सरकार की कानों पर प्रिशाशन के कानों पर कोई जूक नहीं रिंग रही थी
01:32लगदार हिंसा हो रही थी मणिपूर जल रहा था हिंसा की आग लपटें तबाही हर और यही कुछ नजर आ रहा था
01:40इस हिंसा में सैंक्टों लोग मारे गए और हजारों परिवार अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए
01:45यह सभी लोग रहत शिविरों में रह रहे हैं और सरकार से पुनरवास की मांग कर रहे हैं
01:51जिर साल गुजर जाने के बाद रस्थिती पूरी तहा सुधरी नहीं है
01:55इसलिए आईडीपी यानिकी आंत्रिक रूप से विस्थापित लोग बेहद परिशान है
01:59उनका कहना है कि जब बच्चों के पास पहने के लिए सुरक्षित घर नहीं है
02:04जब परिवारों पूरूज मर्रा की जरुरतों के लिए संखर्ष करना पट रहा है
02:08तब उतसब मनाना कहां तक सही है उतसब मनाना कितना वाजब है
02:13इसका जवाब सरकार ही दे, सरकार से जुड़े लोग दे, प्रिशाशन दे, वो पुलिस दे, जो लाठी चार्ज कर रही है, लाठी चार्ज इसलिए कि महतसभ का विरूद किया जा रहा है, यही वचा है कि विरूद कुना स्वाभाविक है
02:29कोगोमी नाम के संगठन ने जविरोद का नेतित्व किया संगठन का कहना है कि सरकार को पहले शांती और पुनरवास पर ध्यान देना चाहिए ना कि मोहतसव को सफल बनाने में जुट जाना चाहिए
02:40जब प्रदेशनकारी बड़ी संख्या में कुनू मामांग इलाके से मुख्य स्थल की और बढ़े तो पुलिस में रोपने की पूरी कोचिश्की लेकिन प्रेड ने आगे बढ़ना जारी रखा और इसी कारण पुलिस वह प्रदेशनकारीं से टकराव हो गया और इस टकराव �
03:10आजिगी और तो फाइदा होता है और स्थानिया कारीगरों बब्यक्षान को भी बाजार मिलता है लेकिन जनता का कहना है कि लोगों के तक्लीफ और अस वरक्षा को नजरन्दास करके उत्सव मनाना कहां तक सही है यहीं वज़ा है कि लोग कह रहे हैं कि विरूत होगा ही क्
03:40धिंसा के चलते पिछले कुछ सालों से इस महतसव का आयोजन नहीं हुआ था।
03:4521 से 30 नवंबर के पीछ उस साल ये महतसव मनाया जाना है और इसी महतसव में ये पूरी हिंसा हुई है।
03:53आपको बता दे कि महतसव में मनेपुर की कला, संगीत, नृत्य, खेल और खानपान को दुनिया के सामने पीश किया जाता है।
04:00दसका नाम दुलब संगाई हिरन पर रखा गया जो कि मनेपुर का प्रतीक भी माना गया।
04:06लेकिन इस बार उतसव के पीछे खुशी से ज्यादा चिंता नजर आ रही है, गुस्सा दिख रहा है।
04:36जैसे कोई अपडेट मिलेगा, साजह करेंगे। प्रणाम है मुकंद, आप बने रहे हैं, वनेटा के साथ शुप्याँ।
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