00:00यह कहानी है चिंदवाला के टूरिस्ट स्पोर्ट भरता देव की जिनकी पूरी बारत पत्थर में तब्दिल हो गई थी भरता देव बाबा और भरतिन मा की शादी के बाद बारत वापस जा रही थी इसी दोरान जंगल में थकान की वज़े से वेलोग रुक कर आराम करने ल�
00:30पत्थर में तब्दिल हो जाएगी ठकान अधिक होने की वज़े से भरता देव अपनी पूरी बारत के साथ जंगल में ही सो गए सुबह जब लोगों ने उठकर देखा तो दुल्हा दुल्हन सहिद बारत पत्थर में तब्दिल हो गई थी आज भी एक तरव भरता देव है
01:00कहानी 12 से जुड़ी है इसलिए आसपास के लोग अपनी शादी से पहले यहां पहुंच कर इस पत्थर में सिंदूर चड़ाते हैं और कई लोग सिंदूर से नहलाते भी हैं
01:19माना जाता है कि जो भी दुल्हा बनता है वे यहां अगर पूजा करने के बाद घोड़ी चड़ता है तो उसकी शादी सफल होती है
01:27वन विभाग की सीमा में होने की वजए से देख रहे
01:57वन विभाग करता है लेकिन अब यह जगार नगर निगम को ट्रांसफर कर दी गई है
02:02कमलना सरकार के दोरान इस इलाके को बायो डाइवर्सिटी पार के रूप में विक्सित करने के लिए घोशला की जा चुकी है
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