00:00संदरबाद कुखली कल पड़ा नाइए तुम्ही माला संघिल तयों माला कूट करणा है
00:12संदरबाद मी चर्चाकरोन निमके तैंची का नाराजी होती जो था यहीं खातर जमा किरयन अंतर यह संदरबाद में माज़ा मत्तफ़ करता है
00:30माला आसा वाटत नहीं, कारण कि मी जितका मी तैनना सलेल देश्मकना जितका मी ओलगतू, ते आपला पक्षा सोडन दुसरा पक्षा जातील या गोश्टिते माला बिलकुल विश्वास वाटत नहीं, हाँ एक खरा है, कि मागिल एक दील महिन अपुरवी तैनना गंबीर आज
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