Zum Player springenZum Hauptinhalt springen
  • vor 16 Stunden
Im indischen Liebesdrama Gustaakh Ishq möchte ein junger Dichter unbedingt von seinem großen Vorbild lernen. Als er die Tochter dieses Poeten kennenlernt, verliebt er sich Hals über Kopf in sie. Die beiden finden über ihre Liebe zur Lyrik und Tee zueinander – bis ein Missverständnis sie auseinandertreibt.

Mehr dazu: https://www.moviepilot.de/movies/gustaakh-ishq

Kategorie

🎥
Kurzfilme
Transkript
00:00मुस्ताद, अर्स किया है, मेरा लहजा कैक्टस सा खुर्दुरा, तेरी बातें रात रानी की तरह,
00:14हम कुई देना है तो दे दे मुझे, दिल में रख लूँगा निशानी की तरह,
00:21क्या वाद, क्या वाद है सुभान आल्ला, जी अजीज साब से बात कराएंगे,
00:27जी कौन? नवाबुदीन से, फुदीन रह्मान रिस्वी, दिल्ली से, सोच लिए आमने भाई, अपन अजीज छापेंगे,
00:34हर वेले तांगाया, शागर्त रखीजे उस्ताद, सिखा दीजे शायरी,
00:43जेब में कलम रखने से, शायर नहीं बनोगे, कलम, सख्मों पर रखनी पड़ती है,
00:51यह हमारी बेटी, स्कूल में मास्टर नी है,
00:54सबाए, सबाए, सबाए, बबबा से इतनी दोस्ती मत कीज़े, आप से कर ले,
01:05रण्ज, मायरुसी, तनहाई, काफी कुछ पताती है आपकी आँखे, सिभाए आपके नापके,
01:12कोई है, माभू, इस उमर में आप इतने मसकरे है, खसंते जवानी में क्या रहे होंगे,
01:18ज़ेहर थे, ज़ेहर, सूरथ चाहिए जएसी रही हो हमारी, डिल के बुरे नहीं है, आप हमेशाहायसी बाते करते रहते हैं».
01:30आप हमेशाय एक मखकराते रहनेंगी, तो हमेशायसी बाते करते रहनेंगी.
01:35पर कब तक
01:39यहां घर क्या परखच्चे उड़े पड़ें
01:42और यह चले लोंडियाई कनने
01:44जा के बता देता हूं
01:48डखेती की स्कीम जला रही है तू
01:49यही थी ना आपके असली मुहपद
01:52देखे हम आप से मदद क्यों नहीं तरकते हैं
01:54यह उस जमीर है ना
01:56कभी गुना से पहले
02:01कभी गुना के बाद
02:05खुदा आफस
02:07दोस्त करीबी थी वज़े
02:12बदनसीबी थी वज़े
02:15वो जो आजा के तेरे मेरे बीच आगई
02:19तंगाली हाए
02:25मेरी गरीबी थी वज़े
Schreibe den ersten Kommentar
Kommentar hinzufügen

Empfohlen