जयपुर दुनिया का एकमात्र शहर माना जाता है, जिसकी स्थापना चुने-पत्थर या इंजीनियरिंग आधारित प्लानिंग से नहीं, बल्कि प्राण-प्रतिष्ठा के आधार पर हुई. देखिए रिपोर्ट...
00:00जैपुर दुनिया का एक मात्र ऐसा शहर जिसकी स्थापना चूने इट पत्थर से नहीं बलकि यहां प्रांट प्रतिष्ठा हुई साथी साथ अश्रुमेद यग्ये जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी हुए
00:14इसी पर बात्चीत के लिए हमाई साथ मौजूद है जो तिशाचारे और वास्तुविद विनोशास्री जी उनसे बात करते हैं सर एटी भारतमा का बहुत बहुत स्वागत है
00:23सर जैपुर जो की आज की युग में आधुनिक शहर भी कहलाता है और एक हैटेस सिटी भी कहलाता है और उस समय जब इसकी बसावाट की गई थी तब ये दूर दरशिता रखी गई थी इसके नगर नियोजन में किस तरह से वो आप से जानना चाहेंगा
00:40नगर नियोजन में प्राचीन काल से ही भारत में जैपुर शहर ही एक मात्र शहर है जो वास्तु शास्त्र के साथ साथ पूर्ण वैधानिक और वैदिक क्रिया के साथ में यग्य के साथ में संस्थापित किया गया था
00:59वैसे तो जैपुर शहर तीन तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ है सवाई जैसिंग जी ने नगर नियोजन के सिद्धानतों के अनुसार उप्यूक्त स्थान देखा था ये एक जंगल का एरिया था और जंगल के भीतर एक तरफ जलाश है था इसान कोण में और उस जलाश ह
01:29वास्तु होता है वास्तु में ब्रहमस्तान और उसके बाद में चतुसटी स्थान देखे जाते हैं तो नगर नियोजन की दृष्टी से जो शहर है वो यहां बसाने से पहले प्रत्वी का पूजन किया गया और उसी के निमेत असुमेद यग्य करवा करके और इसकी स्थाप
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