रामपुर: शिमला जिले के रामपुर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कई बड़े ऐलान किए. सीएम सुक्खू ने कहा कि पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामपुर में अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई पाठ्यक्रम आरम्भ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से शिपकी ला के रास्ते व्यापार फिर से शुरू करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, "शिपकी ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी बातचीत की जा रही है. रामपुर बुशहर और पूह से दर्रे तक मौजूदा सड़क मार्ग से तीर्थयात्रा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करना आसान होगा. उन्होंने स्वयं शिपकी ला से सीमा पर्यटन की शुरुआत की थी और इसके परिणामस्वरूप, 70,000 से अधिक पर्यटक चीन सीमा के पास हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत घाटियों का भ्रमण कर चुके हैं. इन पहलों से रामपुर क्षेत्र और किन्नौर ज़िले व आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को महत्वपूर्ण लाभ होगा." इसके साथ ही लवी मेले की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, यह मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि भारत और तिब्बत के बीच सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों का जीवंत उदाहरण भी है. सदियों पुराना यह मेला व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोक परंपराओं के संरक्षण का वाहक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में गुणात्मक सुधार ला रही है.मुख्यमंत्री ने कहा कि, हिमाचल प्रदेश अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह 21वें स्थान पर था. प्रदेश सरकार ने पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम शुरू किया और स्कूलों का युक्तिकरण भी किया जा रहा है. अब हिमाचल पांचवें स्थान पर पहुंच गया है. बता दें कि हिमाचल के राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया था. स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला और चम्याणा संस्थान में छह महीने के भीतर आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में जहां अभी तक सरकारी क्षेत्र में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा नहीं है, वहीं हिमाचल प्रदेश ने चम्याणा संस्थान और टांडा मेडिकल कॉलेज में यह सेवा शुरू कर दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस वर्ष मानसून के दौरान 4,000 से अधिक आपदा प्रभावित परिवारों को अपने घरों के पुनर्निर्माण के लिए 81 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं.
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