00:00महागटबंदन दरसल एक बात को लेकर बहुत अपनी बात बार-बार कहता था कि जब जहां पर आपको RJD के सामने अपना ही कोई सहयोगी, कॉंग्रस के सामने कोई लेफ्ट का सहयोगी,
00:12खड़ा हुआ दिखता था, वो कहते थे यह तो friendly fight है, पर चुनावों में friendly fight आखर होता क्या है,
00:19वो महागटबंदन को अच्छी तरीके से पता चला, जब उसके 12 से 12 जगे, जहां पर एक friendly fight हो रहा था, वहां पर वो seat हार गया,
00:28वहीं भारतिय जनता पार्टी के कई जो candidates थे, उनके सामने, उनका कोई बागी candidate खड़ा, दिखा, जिनको मनाने की पूरी-पूरी कोशिश की गई, इन seatओं का भी हाल हम आपको दिखाते हैं,
00:40असल में अमित शाह की रणनीति को अगर चुनाओं में पूरी तरह समझना है तो कुछ वीडियो पर आपको गवर करना होगा, याद करी अक्तूबर का महीना, पहले चरण का नामांकन पूरा होने वाला था, पटना में एक बैठर के बाद उपेंदर कुश्वाह अचानक र
01:10अपने लोगों से मापी मांगी फिर सेरो साहरी अपने की साजिस की बात कहीं, क्या उपेंदर कुश्वाह के साथ साजिस हो रहा है, देखे, वालीटी अपटी टहीं मिला है, इस टाइम नथिंग इस विल इन एंडिये, थैंकू
01:29इसके कुछी देर बाद अगली सुबा उपेंदर कुश्वाह दिल्ली पहुचते हैं, अमिद शाह से मिलते हैं, बाहर आकर कहते हैं उमीद है कि आगे कठिनाई नहीं होगी, आप जानते हैं कि अमिद शाह ने क्या और कैसे किया, और सिर्फ एक साथी के लिए नहीं, बलकि
01:59आरेलम के नेता सेट किये गए, एलजेपी को गठवंधन में बीजेपी ने 29 सीट दी, लेकिन बीजेपी के आठ नेताओं को एलजेपी का प्रत्याशी बनवा दिया, अब आपको अमिद शाह की रणनीत का एक ऐसा मंत्र बताते हैं, जिसका नतीजा सामने आ चुका है, सित
02:29की गूंज अब बिहार विधान सभा चुनाव के नतीजे में दिख रही है, पवन सिंग और उपेंद्र कुश्वाहा का वो मिलन अमिद शाह नहीं करवाया, जिसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी के साथ हाकर अपनी सियासी पारी और प्रचार की शुरुआत पवन सिंग कर
02:592020 में एंडिये केवल 11 सीट जीत पाया था, लोगसबा चुनाव में पवन सिंग की निर्दली उतरने से इसी इलाके की काराकाट सीट एंडिये हार गया था, लेकिन पवन सिंग और कुश्वाहा को एक साथ करके इस बार अमिद शाह ने ऐसा गणित सेट किया कि सारे नतीजे
03:29अब कुछ होता था, अरे जोर से बोले होता था, नहीं नहीं यार होता था, कुछ भूल जाते हो, क्या होता था बताओ, चारा गोटाला होता था या नहीं होता था, बाढ़ का गोटाला होता था या नहीं होता था, जंगल राज आया था या नहीं आया था
03:52अमित शाने टिकट बटवारे से पहले अगर सब कुछ सेट किया तो टिकट बांटने के बाद भी वोट नहीं बटने दिया
04:00उधारन से समझे गोपाल गंज सदर सीट पर बागी हुए अनिकेत कुमार को बाद में समझा भुजा कर परचा वापस करा लिया गया
04:08पटना साहिब सीट पर शिशिर कुमार ने बगावत की तो उनका भी परचा वापस करा लिया गया
04:13अधीन अगर से जब मैथली ठाकुर के खिलाफ विरोध होने लगा अमित शाने वहां संजय सिंग को मना लिया
04:20नरकटिया गंज में बीजेपी की बागी रश्वी वरमा को निर्दली नामंकन करने पर उन्हें समझा भुजा कर बैठा लिया गया
04:27बेतिया में बागी प्रकाश राय को समझा भुजा कर बैठा लिया गया
04:30वहीं दूसरी तरफ महागडबंदन जिन 12 सीट पर आपस महीं लड़ता रहा वहां एकता नहीं बन पाई और महागडबंदन पूरी 12 सीट हार गया
04:38और फिर चुनाव आया तो अमिच शाके नितीश कुमार की नित्यत में चुनाव लड़ने की बात और चुनाव बाद विधायक दल में मुख्यमंत्री का फैसला करने वाली बात पर विपक्ष को लगा कि मौका हाँ था गया है
04:48लेकिन वो मौका भी अमिच्छा ने विपक्ष से ये कहकर छील लिया कि दिल्ली से पटना तक कोई वैकेंसी नहीं है
04:54बिहार की बच्चियों को राजनिती में मौका चाहिए तो केवल और केवल भारतिय जनता पार्टी दे सकती है और कोई पार्टी
05:06और ये माबाप दोनों सोनिया जी राहूल को बनाना चाहते है और लालू जी अपने बेटे को बनाना चाहते है
05:19दोनों को मैं कह देता हूँ CM या PM कोई भी सीट खाली नहीं है यहां नितिस कुमार जी है वहां मोधी जी
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