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  • 2 days ago

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00:00क्या खूब लिखा है किसी ने प्यास लगी थी घजब की मगर पानी में जहर था पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते बस यही दो मसले जिन्दगी भर नहल हुए ना नीन पूरी हुई ना खौब मुकमल हुए वक्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता और सब्रन
00:30Thank you very much.
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