00:10उले हातू में ब्यापक तैयारियां प्रसासन के तरफ से की जा रही है।
00:14लेकिन भगवान विर्शा मुंडा के उस स्कूल की अगर मैं बात करूँ, जिस स्कूल में भगवान विर्शा मुंडा ने प्रारम्भिक सिछा हासिल की,
00:22एक से पांच तक उन्होंने पढ़ाई की, उस स्कूल की दसा देख, आज हर कोई यही कहेगा कि क्या इसी स्कूल में भगवान विर्शा मुंडा पढ़े थे।
00:52द्वारा संचालित किया जाता था जहां भगवान विर्शा मुंडा पढ़ में आते थे। उस वक्त जैसा यहां की लोग बताते हैं कि इस स्कूल में हजारों बच्चे पढ़ाई करते थे और उन बच्चों को गाउं का ही एक सिक्षक पढ़ाता था, उस सिक्षक अभी स्�
01:22इस स्कूल में भगवान विर्शा मुंडा ने पढ़ाई की इस स्कूल की दसा ऐसी नहीं होनी चाहिए, इस स्कूल में ना उनकी एक परतीमा है और नहीं भगवान विर्शा मुंडा के एक नाम कहीं इस स्कूल में दर्ज है, बस दर्ज है तो वो पुरानी नाम जो उस अं�
01:52ुच्छों की संख्या 23 है ग्राउन में बच्चे मात्र दो ही सबसे बड़ी बात यह है कि इस स्कूल में दो सरकारी टीचर हैं रहते नहीं है पूछने पर चिक्षिका कहती हैं कि किसी कामों से वो आना जाना करते हैं बच्चे क्यों नहीं है इसका जवाब ना यहां के लोकल
02:22स्कूल कमिटी की लापरवाही है या इस स्कूल के उस सिक्षेट की लापरवाही है जो यहां सरकार का वेतन लेकर खुद को बच्चों को पढ़ाने का दावा करता है
02:31पर दादा लोग कहते थे कि उनका मामा घर यह आईवातु है इसी हमलोग का सिमाना क्या गही है आईवातु गाओं है और उस आईवातु गाओं में उसका मामा का घर में ही पले बढ़े थे
02:46वहीं पर रह करके वो यह सलगा स्कुल में प्रारंभिक सिक्षा प्रात किया है और यहां पर पहला कलास लेके पच्वी कलास तक पढ़े थे और उसमें हमारे दादा जी लोग परदादा लोग बोला करते थे
03:04पर दादा लोग का बोला हुए हम लोग का दादा जी लोग बताते थे कि हम लोग का दादा जी लोग उनके साथ खेले थे कुदे थे भकरी उकरी इसकुल खताम होने के बाद चुटी होने के बाद चराते थे और फिर अपना घर जाते थे और फिर दूसरी दिन फिर पढ़
03:34and there are some difficulties in school.
03:39In this country, my school doesn't exist in this country.
03:47Therefore, there are some children out there,
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