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  • 1 week ago
36 रियासतों पर कंट्रोल के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने छतरपुर के नौगांव में बनाया था दफ्तर, इतिहास की गवाही दे रहा बंगला नंबर 43.

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Transcript
00:00चावनी के नाम से मश्हूर नोगाओं में आज भी ब्रिटिश अधिकारी का एतिहासिक बंगला मौजूद है
00:10अंग्रेजों के शासन में ये कभी ब्रिटिश अफसर करनल फिसर का दफतर हुआ करता था
00:16दफतर में बैटकर अधिकारी 36 राजाओं की रियासतों को नोगाओं में ही कंट्रोल करते थे
00:23ब्रिटिश दफतर की छट पर ब्रिटिश जंडा भी लगा था लेकिन आज वे एतिहासिक बंगला जरजर हालत में पहुँच गया है
00:30लेकिन चतरपुर जिले में ब्रिटिश हुकूमत के निशान आज भी अपने होने की गवाही देते हैं
01:00जिन्होंने हमारे चलनपाद का पर नहांते रण विनों पर गोली यहां चलाई थी और आने को सहित कर दिये गए लोगाओं में आज भी ब्रिटिश कालीन इमारतें अपना सीना तानकर खड़ी हुई है
01:30और अपने होने की गवाही दे रही हैं जिसमें सबसे मशूर और चर्चित अंग्रेजी हुकूमत का बंगला नमबर 43 है
01:38इसी बंगले से ब्रिटिश शासन की 36 रियासनों को कंट्रोल किया जाता था
01:43दफ्तर में यूनियन जेक जंडे को अधिकतम उचाई पर फहराने के लिए सीड़ी बनाई गई थी जो आज भी देखी जा सकती है
01:52लेकिन ये अब अंग्रेजी हुकूमत का बंगला जी टी सी स्कूल ववन नाम से संचालित होता है
01:59इतिहास का शंकरलाल सोनी बताते हैं आजादी के पहले अंग्रेज पॉलिटिकल एजेंट के रूप में काम करते थे
02:06ब्रिटिश टाइम की कई इमारतें आज भी बनी हुई है लेकिन इनको संग्रेशित करने की जरूरत है
02:13ETV भारत मद्धिपरदेश
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