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Watch Nand Episode 94, a powerful continuation of one of Pakistan’s most talked-about family dramas. The story takes another emotional turn as relationships are tested and hidden motives begin to surface. Jealousy, betrayal, and revenge dominate this episode as every character faces the consequences of their choices.

Will peace ever return to the family, or will hatred continue to destroy everything in its path?
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Transcript
00:00वो आपी भी ठेक है
00:01बस पूरे तरीके से ठेक नहीं हुए है
00:04हो जाएंगे ठेक बिल्कुर
00:06उस दिन भी आपको देकर मुमा की हालत खराब हो गई थी याद है ना
00:12भाई मुझे लगता है
00:17आपी की तब्विक के मामले में हमसे ला परवाही हुए
00:21आपी मैं करती हो ना आपकी बात करना चाहिएगा
00:26ठेक क्यार रहा हुए
00:28अदी तो काफी देर हो गई है
00:32कल दलता हुए तुम्हारे साथ दॉक्टर साब से बात करते हैं डिसकेस करते हैं
00:36आप फिकर माच करो
00:39अमें बिल्कुल ठीक हो जाएंगे
00:42आपकी मैं करती हुए ना आपकी बात का येकीन
00:51वह फोन पर ये भी कह रही थी
00:55कि उसने सारा इल्जाम तुम पर लगा कर तुम्हें पसाया है
00:58ऐसा बोला उन्होने फोन पर
01:00उनका ये इल्जाम मैं आज तक भुगत रही हुए
01:14वो तोनों मा बेटियां बहुत चलाग हैं
01:19कैसे उन्होने अम्मी को मेरे खिलाफ कर दिया
01:25हमें ये ही समझ्जती आइके
01:32वो तवीज, वो जादू तूले, सब उन्हें पर मैं करवाती थी
01:35हमें को मैंने कितना समझाया
01:39दोको भात जलील लगली
01:43तो कमस कर जादू किया
01:46वह पजना आपर कर दोफाए
01:49तो फार मेरे राज़त कर दो
01:52ये राजगर रजाती में देते
01:54अरे ये क्या है भाई ये क्या है ये वही बताएगा जिसने इसे
02:11यहां दबागा रखा था
02:13बैस खामोशी से सहती चली है
02:15कि खुदा जल्द सचाही सामने ले आएगा
02:19असलियत सामने आगई ना
02:23खुल गई असलियत
02:24बस अब तुम देख रहा है
02:27इन दोनों का मैं वो हाल करूँगी
02:31कि ये मौत मांगेंगे और उनको मौत नहीं मिरेगी
02:36पुझे तो आज तक ये कीन नहीं आता
02:39कि ये दोनों मेरे साथ खेल खेल रही थी
02:42मौत कि ये भी शुआ ये में जाएं
02:49काक हो गई, मट्टी हो गई, सब कुछ खतम हो गया अगुली, एक इज़दी तो थी मेरे पास, जो सारी उमर में सभाल के चली हूँ,
03:17उमर की इन दिनों में आके, आज मीरी इज़दी का जनाजा निकल गया,
03:22या अल्ला, तुम मुझे उठा ले, इस अज़ियत से निकाल दे मालिक मुझे,
03:31मैं आज खुद को, खुद को अपनी नजरों में गिरा दिया है मैंने,
03:36मेरे से अब बरदाश नहीं होता, गुल मैं भी आने रह सकती, आस हो किया,
03:42प्लीज अमी, होसला रखे सब ठीक हो जाए, नहीं बेटा, बस मेरा बस हो किया,
03:48अब मैं आने रहूँ, मिटा तुम, मुझे घर छोड़ाओ, मैं बस घर जाके अराम करूँ,
03:58मेरा समान बात हो, अँटी, प्लीज, इस बड़ाओ, बहुत जिल्ट उट्राली मेरे अबोर्ड में,
04:10ठीक है, तो फिर मैं भी आपके साथ चे लोगी,
04:16कोई, कोई, कैसी बाते कर लिए,
04:20जिस घर में मेरी माँ को मारा जाए,
04:23इल्जाम लगाया जाए, इसद ना दी जाए,
04:26इसे घर में मैं भी नहीं रह सकती, आसन,
04:36जब आपकी बहन का दिमाग ठीक हो जाएगा, तो आप मज़े लेने के लिए आजाएगा,
04:41जिले अम्मी,
04:45गुल, क्या हो अबिटा?
04:47अब तो प्रीक तो, पता नी अम्मी, जकर से आ रहे है,
04:51गुल,
04:53अरे गुल,
04:55गुल,
05:07मेरी बची ठीक तो है ना?
05:09साकिब खुदा के लिए मेरी बात का यकीन करो मेरे भाई,
05:27मैं आपकी हर बात का यकीन करूंगा आपी,
05:29और करता हूं,
05:31लेकिन आप मुझसे वादा करें,
05:33अराम से और तहम्मुल से मुझसे सब कुछ वताएंगी,
05:35हाइपर होना आपके लिए ठीक नहीं है,
05:37खुदा के लिए मेरी बात का यकीन करो,
05:39मैंने अपनी कानों से उस वारत को किसी से बात करते हैं,
05:41वो बता रही थी कि उसने अम्मी के साथ क्या क्या किया,
05:45और सारा इल्जाम बड़ी बहुपे डाल दिया,
05:49देखो साकिब मैं पागल नहीं हूँ,
05:52मैं बिल्कुल ठीक हूँ,
05:54मैं सिर्फ मेरी बिमारी की आर ले रही है,
05:56बहाना कर रही है खुद को बचाने का,
05:59ठीक है आपी,
06:01मैंने आपकी बात माल ले,
06:03नहीं, तुम जूट बोल रहे हो,
06:05तुमने मेरी बात का यकीन नहीं किया है,
06:07मैं तुमें किस तरह यकीन दिला हूँ,
06:09बताओ मुझे, देखो साकिब,
06:11अगर वक्त हाथ से निकल गया न,
06:13और सच बात में सामने आया,
06:15तो तुम बहुत भश्टा होगे,
06:17सब कुछ बरबाद हो जाएका मैं बता रही हूँ तुमें,
06:20आपी,
06:21बहुत बड़ी बात हुई है,
06:24यह मामला बहुत संगीन है आपी,
06:26एक बार फिर आप रूप,
06:28देखो साकिब,
06:29मैं अपनी मरूमा मा की कसम खाती हूँ,
06:31अपनी अगलोती औलाद की कसम खाती हूँ,
06:34मैंने अपने कानों से उस औरत को उसके मूं से यह बोलते वे सुनाए,
06:39कि असने अम्मी के साथ क्या क्या जात्तिया की है,
06:42क्यों यकीन नी कर रहो मेरी बात का,
06:44किस तरो असने अम्मी से बहुत प्यार करती थी,
06:50मैंने अम्मी के साथ कभी कुछ गलत नहीं किया,
06:55मैंने आपको बहुत समझाएं,
07:01समझाए लिकिन आपने मेरी बात का यकीन नहीं किया
07:31सच्पश्याओ सही जाफ लिपने मेरी बात का यकीन आपने मेरी यकीन
07:37सबस्क्री लेडर का यकीन आपने
07:47समाने �ılमाए बात के अलिज� Legal
07:51झाल झाल
08:21झाल
08:51मैं तो तुमसे नजरे मिलाने के काबल पे नहीं रहा
08:55बात क्या करूँ कुछ समझ नहीं आ रहा
09:00बात पुरा ट्रीट किया तुम्हें ने
09:05दांटा तुद्कारा लेकिन तुमने कैसे तुमने कैसे इस इंजाम का बोज़ इतने कंदों पे खामुशी से बरदाश किया इतना सबर कैसे आया तुम्हारे पास
09:30खत्म हो चुका था सबर लेकिन मुझे आप से ही मत मिले आपने ही कहा था ना
09:40कि सबसामने आने तक सबर के साथ इंतिजार करें जिसे मैं कर रहा है
09:46मैंने वैसे किया कभी कोई आपकी बात टाली नहीं कभी आपका साथ चोड़ा
09:55किम आपकी आप मेरे शाहर निकाह करते वक्त एक दूसरे का हाथ ठाम कर दूसरे से वादा किया था भी जी ने मरने की कसमें खाई ती दूसरे के साथ और मैंने क्या किया
10:17हाथ चुड़ा के मरने के लिए छोड़िया तुमें तुमें एक बीवादे की लाजना रख सका
10:27मैंने एक बहर एक अच्छा शोहर ने थापित हो सका है नहीं साथ के लिए उसके साथ सदें बहुत इच्छे इंसान लिए
10:45हैरत है कि तुम अब भी मेरे बारे में ये सब कह रही हो तुमें तुमें तुमसें उफ्रातूनी चाहिए
10:55हाँ
10:59तब बहुत तकलीफ पर थी
11:03बहुत अज़ियत में रहती थी
11:07गिला था शिक्वा था दुख था
11:10लिकिन साकिप
11:13मैं कभी आपसे लप्रत नहीं कर सकती थी
11:16मैं क्यों तुम बरुस वब भरोजा नहीं कर पाया
11:21अब नहीं कर सकते थे बरुस को
11:23क्योंके ये गलत फैमी बला ही ऐसी है
11:28कि मैं खूद इसके जान में फसकी थी
11:31पुत्ला
11:33जब आप गोहर आपी को ढूडने के लिए रातों को बाहर रहना शुरू हो गए थे
11:37पुत्ला
11:39जब आप गोहर आपी को ढूडने के लिए रातों को बाहर रहना शुरू हो गए थे
11:47तो मुझे लगा शायद आप किसी और बिचारी अमी उनको भी इसी गलत फैमी में डाला जाए
11:57मुझे यकीन था साकिबा मेरा यकीन नहीं करें
12:02आप वही कहेंगे जो अमी ने आखरी वक में आपसे कहा था
12:07ने वैसे ही किया
12:09ठीक करिया तो
12:12अल्ला उनकी मफिरत फ़र्माए
12:18उन्होंने हमेशा मुझे बहुत प्यार दिया
12:22यकिन मैं इतनी बत नसीब हूँ
12:26कि उनके जाने के बाद मैं रो भी नहीं सकी
12:30अपने आंसों भी बहा नहीं सकी
12:34कुछ भी नहीं कर सकी उनके लिए
12:40कुछ भी नहीं
12:44मैं तुम्हारा कुनेकार हूँ
12:48हो सके तो मुझे माफ कर दें
12:54आपके साथ में मुझे कही गुनाहसे बचाए
13:00सब कुछ भी नहीं कर दें
13:04जिंदेगे फिर से स्टार्ट करते
13:08जिंदेगे फिर से स्टार्ट करते
13:10वादा करे मुझे साकर
13:14वादा
13:18वादा
13:48आपके साथ
14:00डापसाद अब थीक तो आए ना
14:02वो री वाइफ के तबेत अचना खराब होगी थी
14:04जी जी सब ठीक है
14:06बहुत भग बुबारक हो आप बाप बनने वाले हैं
14:08डापसाद आपके तो खुश-खबरी सुना दी
14:14सुना दी शुक्रिया हासन तुम्हें बहुत मुबारक हो हुआ हुआ है यार्ला तेरा लाख लाख शुकर है जिने बच्ची मुबारक हुआ है जो अपना बहुत रियान रुपने अच्छा
14:38शुक्रिया
14:39सुच रही हुआ है कि तुम डाट बनने के बाद भी इतने ही सिरी रहोगे
15:02अफ्षा पुमेरी नाइट सूट की ब्लाइक टी शिर्टी मिल रही है अब यहाजे में आपको ढून देती हूँ आजे
15:08अच्छे
15:09साकिब
15:13साकिब वहारत कमरे में नहीं है उसकी बेटी भी नहीं और हसन भी नहीं है
15:18तीनों की तीनों खाइब है
15:20यह अच्छा नहीं किया
15:22कैसे मेरे हातों से उन दोनों को निकाल के लेगिया
15:25वह जानता थाना कि मस बड़िया को मार डालूंगी
15:28मेरी माँ की कातिल है वह उसने मार डाला है मेरी माँ को
15:32करपा तर्पा के लेकिन हासन
15:35असन यह कैसे कर सकता है वह असन की भी तो माती उसकी गहरत कहां चली गई
15:39मेरे ताहां चली गई
15:40मुझे मुझे मुझे अभी और ची वक्त अप्रा फोन कर वान कर अभी अपी अपी प्लीज कुद को कर्ट्रो गड़े
15:48सबर रखे नहीं होता मुझसे कंड्रो नहीं होता बद्र मेरी मां की कातला है वो
15:53अठी जबतन को एंप्ल मांठी मेरे तन बातन में हाग लगी हूई है
15:56वो भरत अब तक किसे सास ले रही है
15:58इसने मेरे मूगा तर्पा तर्पा के मारा है
16:02और मैं भी उसे तर्पा तर्पा के मारूंगी
16:03आपी, आपी ज़स्बाट से नहीं होश से काम ले
16:06खून मेरा भी खॉल रहा है
16:07लेकिन इस वक्त हमें सबर से कब ले रहोगा
16:10नहीं होता सबर, नहीं होता सबर मुझ से
16:12कुछ ऐसानी कबना आपी जिससे हम फिर से कोई नुक्सान उठा ले
16:15वो लोग हसन को इस्तमाल कर सकती है, बहुत चलाक है वो
16:18हमें समझदारी से काम देना होगा
16:22वो बहुत दूरी ओरत है
16:24यकीनन उसका अंजाम भी बहुत बुरा होगा अबी
16:27आप मुझे भड़ोसा लगे
16:29बस एक बार हसन को आजबते हैं आप रिलाक्स है
16:48कर लाद बढ़न आप मुझे वोग्ण देना है
16:50आप माद आप दूर खरूढ़न को आप बार हसन काई इस से काम देना है
16:52वोग बहुत भार हमुत बढ़ने है
16:56पझा उपसिता है
16:58आप बहुत बगभ़ने है
16:59इस नाप टुरा मुझे प्ल dental data
17:02कि कि अट और लौट हसुँ कि अट這裡 मुडिए प्यूंग
17:08कि अटॉर सुख अटॉ
17:11कि यूज कि यूढ़ खूज कि अटुड़ दो
17:16यूज एपूर मुड़ है
17:20वसन?
17:21यू?
17:22यूज कि अझा हो अटॉए
17:27लूए
17:27वहा है?
17:31इतनी बड़ी खुशी की खबर संकर तो आपके आउ जमीन पर नहीं टिकने चाहिए थे
17:37लेकिन वो खुशी नहीं आपके चेहरे पर हॉस्पिटली में नजर आई
17:45और नहीं अब
17:47खुश हो गुल
17:48बहुत खुश हो
17:50इतना खुश हो कि समझ जिया रहे कैसे रियाग करूँ
17:54बस थोड़ा खामोश और परिशान हूं कि सलतना हम घर से निकले थे अब वहाँ वापिस जाकर ये सब उनको पता चलना कैसा लगी का
18:07क्या मतलब तुम लोग मुझे वापिस घर लेके जा रहे हो
18:11यह अटी
18:14तुम एटीज़ रहे लिए अजिए की तुम अर्फार मारी जो बहन है ना भूपिखिए प्याशी मेरे भूण की बैटी होगी वह तो कुझा चबा जाएगी मैं नहीं जाने वालिक
18:26कि वो तो कुछ कर सकती है वो सब को मारती पीटती है मैं मैं उसके हप्ते नहीं चड़ सकती वैसे इसका दमागी तवासुन ठीक नहीं है
18:38अच्छा थीक होने के करीब ही थी हो सब को सही हो रहा था लेकिन अचानक सुने फिर से दोरा पर क्या
18:48अरे भाई मेरा चहरा उसकी आखों में बस चुका है
18:51मैं वहाँ जाओंगी तो पता नहीं मेरा क्या हाल करेगी
18:53आसन मैं नहीं जाओंगी
18:54मुझे तुम कहीं भी छोड़ दो और गुल को साथ ले जाओ
18:58मैं आपके बगार कहीं नहीं जाओंगी अमनी
19:01मेरी बात समझो गुल
19:03मुझे कुछ नहीं सुनना
19:05क्या पता था कि आज कदी में लिखा जाएगा मेरे नसीब
19:08जहां मेरे शोहर को बच्चे का सुनकर खुशी नहीं हो रही
19:12मेरी मा सूँ मा पर हाथ उठाया गया
19:14प्लीज गुल
19:15खमोश हो जाओ
19:17जो बाप अपने उलाद के दुनिया में आने का सुनकर खुशना हो
19:21शाहिद ही कोई बदनसीब बाप होगो
19:22रही बात आँटी की
19:27आँटी हमारे गढ़ में रहेगी
19:30वाई?
19:31अमारी इज़त बन गए
19:32जाए कुछ भी हो जाए मैं आँटी बरांच नहीं आने दूगा
20:02अच्छा हूँ आगे तो आपि अच्छा हूँ चोड़ दो साकिप मुझे
20:09चोड़ो मुझे मैं सुरत के टुक्रे टुक्रे कर दूगी वरना मुझे सुकून नहीं मिलेगा
20:13अपि नहीं
20:14सोया है नसी वारवा ऐसी है जदाईवे
20:20अभी कि अभी बुलाओ हसन को यहां पार बोलो उसको लेकर आए हाँ
20:26अपि क्या हो गया अपको पहले भी समझाए कि अपने घुसे पर काबू रखी
20:30मैंने कहा बुलाओ उसे
20:32उसी को फोन मिला रहा हूँ उठा नहीं रहा है आपी
20:35नहीं उठारा तो दुबारा मिलाओ, बार बार मिलाओ, जब तक फोन विसीव नी करता, मिला के रहो, मिलाते रहो
20:40अच्छा ओगे कट आपिछिए, जरो लुगो हो अच्छा ओगे कि अच्छा, मुझा तो अच्छा शाम मिलेगा है, अट्चा उठीक के वादो हिए पनी तुड़े कर दो तो, ऑर च्छाम में यहां, आपिन रहों रहोंगी नहीं, लुगो हाँ, यहां यहां रहेंगी नहीं �
21:10अरे जिन्दा रहेगी तो यहां रहेगी ना
21:12इसको तो मैं मार के यही लोगन में दफ़न करूँगी
21:15और सुबा शाम दिन राथ हजार बार उसको कबर में लानत भे जूँगी मैं
21:18अपी
21:19बस बहुत हो गया
21:20अब और कोई बात मैदाश नहीं करूँगी
21:22कैसे भाई हैं हम बोलो
21:24अगर इनकी हालत पर नहीं तो हम दोनो मा बीटी की हालत पर रहें करें
21:27और पावी खाने दाखिल करवाई है
21:29मुझ खामोश
21:30मैं बात कर रहू ना
21:31आपी आपको कोई खल्ट थामी हुई है
21:35अरे बत्बास बन करो तुम अपनी
21:37अपने कानों से सुना है मैंने इसको बोलते हुए
21:39कोई खल्ट थामी नहीं हुई है मुझे
21:42भाई
21:43अप मैं अपने दिल पर पत्था रख्या आपी को हस्पड़ी बेजने ही ठीक होगा
21:48हाँ
21:49क्यों जाएंगे आपी हस्पड़ी
21:51आपी बिल्कुल ठीक है नहीं
21:54और इन्होंने जो कहा जो सुना सब सच है
21:59आप कैसे यकीन कर सेथे हैं
22:04क्योंके एक वारत अपनी मरूमा मा और अपनी एकलौती और आप के सर पे हाथ रखके जूटी कसम नहीं खा सकती अजन
22:12बहुत हो गया
22:14अब हम दूने इस घर में नहीं रहेंगे
22:17चले हम ऐसे नहीं जाएगी है सही सलामात यहां से इसके जिसम से तिरू निकल के जाएगी बस आपी इस बहुत हो गया
22:25जो इन्सान अपने खोशावास में ना उसकी किसी बात को क्या
22:30कसम पर भी यकीन खिले ना बहुत बढ़ी बेव कुशी है
22:33हसन आप भी अपने पूरे होशावास में हैं आप खामोश रहें सारे पुसाफ की जड़ाफ हैं हसन जब आप अपनी बीवी के खिलाफ कुछ ने सुच सकते हैं और मैं अपनी बीवी और उसकी मासूम मा के बारे में अत्ता कुछ बर्दाश करके भी आपको समझाने की कोश
23:03अपनी माजी की वग्तियों को दोहराना नहीं चाहता है आपकी वजह से फरवा और अपनी अलाग को खोच चुका हूं मैं अब आपकी किसी फुदूल बात और किसी फुदूल हरकत की वजह से मैं गुल और अपने आने वाली अलाग को खोना नहीं चाहता
23:17कि आप अपने कमरे में जाए कि कमा लॉक करें और फोजा है रहां से
23:29चले देखो साकित देखो यह यह हमारी मां की सगी अलाग है यह हमारी मां की
23:44कि सग्षाटे के एक एक कमरें जो कि आ अपने कि सग्ष शुष सग्षाटे करने में और एक अपनी है प्यू से घर्ड बेरा हैила मेरी बात सुने कि मेरी बात सुने मेरी बात सुने आपी
24:05तेरी बात सुने?
24:07बालो!
24:07बुलना यू!
24:09अबी ये बात जुटलाई नहीं जा सकती
24:11के हसन ने अला की जो चोट खाई है
24:13उसकी बजा हाँ है
24:16है उसकी बजा हाँ
24:17फरवा उसे छोड़के ज़ेंगी
24:19उसने अपने बच्चे की आज तक शकल कक नहीं दुकि है आपी
24:23ऐसे मैं आज उसको हुशभरी देली।
24:25फरवा उसकी बच्छे की
24:27वह आपकी बात कैसे मान लेंगा अपनी बीवी के उपर इस वक्त?
24:30मैं कब कहुरी हूं कि अपनी बीवी को निकाल दैए यासे?
24:32आप रिलाक्स करें, छोड़ दे इस बात को फिला, प्लीज, घुसा मत करें आप, मैं सूच ताँ, इसका कोई और हल ने का लिए, आप रिलाक्स करें, प्लीज, रिलाक्स करें, ऐसे नहीं चाहिए, प्लीज, प्लीज, छोड़ दे
25:02ये नमबर की बंद कर रखा है रावी ने, हो सकता है किसी मौल बगैरा में हो, सिग्नल ना मिल रहा हूँ, लेकिन इतनी देर हो गई, कब से नमबर मिला रहा हूँ, एक बार तो मिल जाना चाहिए था,
25:20ये भी हो सकता है कि मौबाइल चार्ज करना बोल गई, बैटरी डाउन होकर मौबाइल आफ हो गया हूँ, इसा भाभी के नमबर से मेसेज करती थी, तह भी क्या चक्कर है,
25:50को खो काम सब्सक्ता है, को व्क बार प्रफे करते हैं लोग 파ार्ज कर देरा систह के अँद करते हैं, अगने करते हैं, इसलिए भाज
26:20सब्चाई कड़वी जरूर होती है
26:38लेकिन उसको सुनकर बर्दाश करकर
26:44एकसेप करने वाला ही बहाद होता है
26:50मैंने हसन को देखा है
26:53बहुत अजियत ले देखा है
27:05ना दिन में ना दिन में सकुन था ना रात में आ रहा हूं
27:11हर वक सिर्फ लोगता रहता था
27:17बस्फरबा का और अपनी बेटी का इंतजार करता रहता था
27:20ऐसे में उसका गुल्बुख से शादी करना बहुत बड़ी बात थी
27:28और अब उससे भी बड़ी बात यह है कि अल्ला पाक
27:39अल्ला पाक ने हसन को खुशक्री से नवाज दिया
27:42मुझे नहीं हसन से कोई प्रॉब्लम है और नहीं गुल्बुख से
27:54मुझे समझ आ गया है कि मुझे अपने भाईयों की जिन्दगियों में तखल अंदाजी नहीं करनी है
28:11लेकिन उस औरत को तुम्हें नहीं चुप
28:17बहुत अच्छी बात है वो यही इसी घर में रहे
28:22ताकि मैं जान सक Finnish कि किस किस तरह मेरी मा को अजयते लिए
28:28और उसके बात में अपनी है कि असको किस तरह अजयते दें
28:37और उसके बात में अपनी है ।कि उसके साथ मुझे क्या क्या करें ता Billy
28:43अब मुझे कोई जल्बी नहीं सबर आगे हैं मुझे समझ आगे
28:53इस औरत को नहीं एक बार नहीं बार बार मारोंगे बार बार अजिते दूली से मैं
29:06मुझे लगता है आप यह सब करके बहुत मुलत करेंगी इजाज़ा में सासा मिले यकिन कानून के पहर मिले आपके हाथों नहीं
29:19और उसके लिए हमें सबुच चाहिए जो हमारे पास नहीं है
29:27उसके साथ तो मैं वो करूँ कि अपना गुना अपने मूं से कुबूल करेंगी
29:38सब उगलवाओंगी उससे गूंगी भी हो गई ना तब दिल लिख के देगी
29:45कि उसमें मेरी मा के साथ क्या क्या दिया
29:48छोड़ूगी नहीं उससे मैं नहीं छोड़ूगी
29:54मारि झाल दिल लिख कुबूगी उससे कि उसके प्रज़ूगी नहीं प्रणी के वोड़ूगी उससे मैं लिख के वोड़ूगी उससे मैं उससे टावश जहीं है
30:24झाल झाल
30:54जी भावी, शुकर आपने फोन कर लिया, ये राभी का फोन क्यों बंद आ रहा हुए? मैं बहुत देर से कर रहा हूँ, हाँ? सुखेर्यत आप रो क्यों रही है? भावी? हलो? भावी आप रो क्यों रही है? हलो? हलो?
31:17ये क्या हुआ है?
31:24मुसीबत? ये क्यों नहीं मिला?
31:34वे क्यों रहा है, लो ज
32:01झाल झाल
32:31झाल झाल
33:01ठाल झाल
33:03ठाल झाल
33:05अब तो तुम्हे तसली हो जानी चाहिए
33:07शाइद आप समझ नहीं रहें
33:11या समझना नहीं चाहरें असर
33:13चाहनी समझना चाहरा है
33:15हमारी खुशी का इतना बड़ा दिन था और हमारे घर आते ही जिन बातों और इल्जामात ने हमारे इस्तिपाल किया हो
33:27भूल जाओ, निकाल दो जहन से
33:33नहीं भूल सकते और नहीं निकाल सकते हूँ
33:37मैं अच्छी तरह से समझती हूँ कि आपी की मेंटिल कंडिशन ठीक नहीं है असन
33:43मैंने कहा था आप लोगों को
33:46कि आपी को हॉस्पिटल में एड्मिट करवाएं, इनका हिलाज करवाएं
33:50लिकिन आप लोगों ने मेरी एक बात नहीं सुनी
33:52अब जब आपको समझ आ रहा है
33:57तो साकी भाई पर आपी के प्यार का जनून सवार हो गया
34:00मी की क्या गलती है असन
34:03सिर्फ इतनी कि वो आप लोगों को अपने बच्चों की तरह प्यार करती है
34:06और साकी भाई बजाये आपी को गलत बात पर रोक टोक लगाएं
34:12उनका साथ दे रहे हैं ताकि उन्हें और शेह मिल सके
34:15चलाँ
34:17टेंशन मतलो आपी सुबा तक ठीक हो जाएंगी
34:20और अगर इसके बाद उन्हें कोई और दोरा पड़ गया तो
34:23इसी को भी नुकसान पहुँचा सकती है
34:26आपको साकी भाई को अफशा भाबी को
34:29इसा नहीं है कि मुझे सर्फ ममी के फिकर है
34:31हब सब की भी फिकर है मुझे
34:33चाब चाब प्रीज रिलाक्स कर
34:36डॉक्टर ने मना किया रहे है इस्ट्रेस और टेंशन लेने से
34:40जिस तरह के महाल में हम लोग रह रहे है
34:43ना चाहते वे भी इनसान स्ट्रेस तो लेगा ना हसन
34:46अच्छा फिर मुझे ये बताओ कि मैं ऐसा क्या करूँ जिससे तुम्हें सुकून मिले
34:53कुछ दिन के लिए मुझे इस घर से दूर लेजा है सन
34:56जहां हम सुकून और गहरी नीन से सूर सके
35:00एक दूसरे से प्यार की बात कर सके हस सकी बोल सके
35:05जब से शादी हुई है यही सब हला चलते आ रहे हैं हसन
35:10ठीक है
35:14मैं जल्द से जल्द कोई प्रोग्याम मनाता हूँ
35:18और जो आटी के इंसल्ट हुई है तुम देखने है
35:24आपी वह बहुत जल्द है सासो का अजबात का आपी खुद इंसे हज जोड़कर मांपी मांगे दिए
35:32ते जिम्मत लो
35:34फ्लैक्स
35:37यहां सुदो साफ करो
35:54टो कि छोड़ों के छोड़ों को इने लोगो मामा मत करें इतना गुससा क्यों वह घुचान करो क्यों दाडा मेरी करो
36:08बोलो क्यों ना करो तुम ज़रा मेरी जगा औक सोच नगि Hm
36:11आपने आपको मारने को तयार हो गए थे तो इस औरत ने तो मेरी माँ को मार ही डाला
36:21जी चाहता है इसका बगदा दो तुम क्या चाहते हो खामोश हो कि बैठ जाओ मैं
36:27आप मेरी बात को समझने की कोशिश करें सब आपको फिर से हस्पिटल भेज़ देंगे सब आपको पागल कह रहे हैं
36:34ऐसा कुछ नहीं होगा जिद मत करें मामा आप मेरी बात को समझें मैं आपके लिए परिशान हूँ
36:40इतने साल अब गायब रही और फिर आप हस्पिटल में एडमेट हूँ और तो वाँ पर आपके ट्रीटमेंट हूँ और वाँ पर आग लग गई और आप जल गई और वाँ पर सरज़री हूई इतना टाइम आपके बगएर ना हो और अगर आपको कुछ हो गया तो मैं आपक
37:10आप मेरे साथ रहेंगी अच्छा ठीक है मैं जान जैसा तुम कह रहे हो मैं बिलकुल वैसा करूंगी अब गुसा नहीं करूंगी ठीक है चलो अब जादा दिमांग खुजूर मत दो चाप चाप सूच रिलैक्स हो जाँ आज़ो पर आज़ो
37:27सिंदगी तुम पर महबान है लेकिन जादा दन नहीं रहेंगी मौत तो तुम्हारी मेरे ही वातों लिखी है नहींगा छोट में दो चाप
37:57कर दो चाप
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