00:00तो साजिश का पूरा परदा फाश होगा जांच एजिंसिया अपनी रफ्तार बढ़ा रही है एनाईए विस मामले की जांच करें सीधे आपको हिमानशु मिश्राक पास लिया जाता है हमारे समवादाता वहीं पर मौजूद है जहां से दिल्ली को दहलाने की कोशिश की गई �
00:30जगर का दिनम देखें पूछताच परवेजनसारी से होनी है उसी के साथ हरियाना ये जो यूनिवस्टी है वहां से भी पूछताच चल रही है क्या कुछ संभावनाएं हम देख सकते हैं जहां तक जांच की बात है और जांच एजिंशों की सक्ती की बात है
00:42देखें आशुतोस जो दो सबसे महतोपूर बात है वो पता लगाने की कोशित जास एजेंसियों द्वारा की जा रही है एक सबसे पहले जो बात है वो कि जो ये धमाका हुआ ये पूर नियोजित था या एक्सिडेंटल था
01:00क्योंकि जिस तरीके से ये धमाका हुआ जिन चीजों का इस्तिमाल किया गया उसको देखते वे एजेंसियां अभी किसी निशकर्स पर नहीं पहुची है और यह आप देखें ये पूरा लाल किले का जो पूरा इलाका है ये पूरी तरीके से सिक्योर कर दिया गया है ट्रै�
01:30आगे तक FSL की टीम पहुची थी सबूर जुटाने की कोशिस की जा रही थी क्योंकि वो बेहत महत्वपूर सुराग होगा उससे पता चलेगा कि धमाका किन चीजों का इस्तिमाल करके किया गया था और ऐसे में काफी हद तक एक इशारा एक मिल जाता है कि जो धमाका था वो
02:00मौझूद है यहां से चंद कदमों की दूरी पर है वहाँ पर जब वो पहुचता है तो उसके बाद तीन घंटा वो वही पर गारी पार्क रखता है तो ऐसे में जब वो यहां पर पहुचा तो उसके बाद क्या उसने किसी से बात की क्या उसे किसी तरीके की मदद का इंतज
02:30विस्फोटक पकड़े जा रहे हैं और इसके पहले आबिद वगदर सारे गिरफतार होई चुके थे तो ऐसे में उमर को क्या किसी मदद की इंतजार थी क्या वो अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था और संपर्क में था तो किस तरीके से था ये कुछ चीजे हैं जो बेहद म
03:00कातार पूश्टाज की जा रही है ताकि पता लग सके कि किस तरीके से ये धमाके की तैयारी की गई थी और जो सबसे बड़ी बात है दिल्ली के करीब इतने बड़ी संख्या में जो विस्फोटक जुटाए गए थे उनमें किन लोगों ने मदद की क्या लोकल लेबिल पे को
03:30पुलिस के द्वारा और दूसरे दिन सोमवार को फिर से रेट की गई और उस दिन धाई हजार किलो विस्फोटक बरामत किये गए जो अपने आप में बेहच चौकाने वाला है इवन जब मंडे को वहाँ पर पुलिस टीम पहुची तो हम साथ में थे और हमने देखा था कि क
04:00हर्याना इन सभी स्टेट्स में इनके नेटवर्क फैले हुए थे और इसलिए जब तक सभी लोगों से पूश्टाच नहीं हो जाती जब तक एकदम क्लियर ऐसा कोई एविडेंस नहीं मिल जाता कि हां इनका इरादा क्या था इनका टार्गेट क्या था नमबर एक और जो ल
04:30जो था वो दिल्ली को दहलाना था आतंक फैलाना था और इसलिए हर साजिश के तार खोजे जाएंगे खंगाले जाएंगे आखिर विदेश में फैले हैंडलरों की यहां इस देश की जमीन से मदद कौन कर रहा था
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