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00:00बड़े घर की छोटी बहूँ
00:30तो ये तैरा, हम कल से ही मूर्तिया बेशने जाएंगे
00:35और मैंना महलने में भी ख़बर फैला दूंगी कि हम मूर्तिया बेशने जा रहे
00:42था कि लोग आके हमारी मूर्तिया देखे मा और पत है
00:46मुझे पूरा विश्वास है
00:48एक बार लोग हमारी मुट्टिया देखने आएंगे तो वो ज़रूर खरी देंगे
00:52वेरी गुट, बहुत बढ़िया
00:57अगर मुझे पता होता ना कि ये है आपका अस्ती चेरा तो मैं आपसे कभी शादी ही नहीं करता
01:04अब यभी वक्त आपके पस
01:12अपनी गलती सुधार सकते हैं? मुझे कोई अत्रास नहीं है
01:32बहुत ही प्यारी मुर्तिया बनाई आपने
01:34क्या हुआ? मुर्तिया तो किसी दुकान में बेशने वाली थे ना?
01:49फिर अच्छानक आप सब यहां बेकी नहीं किया?
01:53वो काकी मा पहली बार बनाया है ना, इसले कुछ कमी रह गई
01:57अच्छिली हमने थोड़ी जल्दबाजी कर दी बनाने में
02:01थोड़ा और सुखाना चाहिए था, वो तुकान से मुर्तिया बिकी तो थी पर टूट गई थी
02:08और हम जो ले जा रहे हैं, वो भी अगर टूट गई तो
02:14नहीं, काकी मा ऐसा कुछ नहीं होगा
02:23आप तो मुर्टिया तोट भी गई तो आप वापस लोटा दीजेगा, हम आपको पैसे दे देंगे
02:30पक्का पैसे लोटा दोगे ना
02:32बैसे तो पैसे लोटाने की नौबत ही नहीं आएगी
02:35इस बार शायद हम लोगों से कोई गलती नहीं हुई ये मूर्टिया बनाने में फिर भी ना तुम लोग निश्चिंद रहो
02:40अगर कुछ हुआ ना तो जरूर पैसे मिल जाएंगे तुम्हें
02:45आप लोगों का नुकसान नहीं होने देंगे हम
02:47क्या हालत हो गई आपके पड़िवार के राम राम राम राम
02:51और अब देखो घर की बहों सड़त पर आ गई हैं
02:56खाकी मा अब ये मूठियां बेचनी है तो सड़त पे तो निकलना ही पड़ेगा ना
03:01तोहीं तो कह रही हुँ बड़ी बहों
03:03माई साज कितनी इजददार है अब मोल तुसे तो जहमेला हो गया तो कुण भी आजकल नहीं दिख रहा है मोले में
03:08छोटू अकेला कैसे संभालेगा बला सब कुछ
03:11कुकून की भी तो नौकरी नहीं रही है अब
03:13देखो भई क्या हो गया
03:16अब चब इतनी हमदर्दी दिखाई रही हो तो कुछ मुर्तियां भी ले लो हमारी थोड़ी सी मदद ही हो जाएगी
03:24अरे यही हम करीदन आय थे वो तो हमारी नातिन जिद कर रही थी लेकिन
03:28लेकिन एक सो साथ रुपए में गुड़े गुड़िया लेना मेरे बस की बात नहीं है इतने पैसे नहीं है मेरे पास
03:34काकी मां देखे बनाने में भी तो कितनी मेंठ लगी है हमारी पहले चूला जलायो फिर ये मित्ती लेकर आओ और उसकी बात कोईला
03:44ने तो पड़ता है और फिर कई दिनों तक धूप में भी सुखाना पड़ता है कि देखे कपड़े कपड़े भी पहनाए है हमने इस पे भी तो खचा हुआ है न हमारा अब आप भी बता ही कितनी महनत और कितनी लागत है हमारी लेकिन छोटी बो कुछ भी बोलो तुम एक सुस
04:14मैंने आपको मुट्यान दे दी तो इसी दाम में मुझे सबको देना पड़ेगा सौ से एक रुपर जादा नहीं दे पाएंगे महां मतलब जोड़ी का मतलब है सौ रुपर जोड़ी तो एक गुड़ा जो हुआ हुआ हुआ पचास रुपे का हुआ आप पुरा मार्क पिट
04:44का नतीजा सब मूर्तियां वापस दे दी हैं अगर हमें सही लगा तो हमारे घर में तो कई बच्चे हां और भी लेंगे अच्छा चाप आप जितना दे सकते हैं उतना दे दीजिए और फिर मौले वालों से क्या ही पैसे लेने पहले जैसी बात होती ना तो मौले के बच्च
05:14लाना पड़ रहा है अगली बार जब हम ज्यादा पना पाएंगे तो अपने पडोसियों से पैसे नहीं लेंगे और बच्चों को भी फ्री में देंगे हमारी बनाई हुई गुट्टे-गुट्टिया मिली अब तुम यहीं रहोगी क्या सशुराल वापस नहीं जाओगी
05:28पती मेरे चल बसे है बच्चे भी है नहीं सशुराल जाके क्या करूँगी मेरे साश सशुर मुझे बिल्कुल पसंद महीं करते बेफालतु का बोज समझते है मुझे मेरा खर्चा पानी वो नहीं चलाएंगे वहां कौन ही रखेगा मुझे
05:48खर्चा उटाना तो उनकी मजबूरी है कानून हक है तुम्हारा ये उनके घर के बहू हो तुम बात तो आपकी बिल्कुल सही है देखती हूं कुछ सिनों में शायद वापस लाओ चाहूं हाँ भई बेटी की शादी करने के बाद भी अगर उसका खर्चा उठाना पड़े �
06:18अपनी बेटी अब उन्हें ऐसे भूका पेट तो नहीं रहने दे सकती है न किया अतनी तकलीफ में तो नहीं देख सकती है मैं एक औरत हूँ इसलिए एक औरत का दुख समझ पारी हूँ पर आप भी तो एक ऑौरत है नपर आपकी भी एक बेटी भगवान न करे लेकिन किसी
06:48अगर एक रोटी भी खाएंगी, तो आधी खुद खाएंगी और आधी अपनी बेटी को देंगी है ना, मेरी सासु मा भी अपनी बेटी का भलाई चा रही है, और फिर माने भले ही एक बार ऐसे कह दिया हो कि यह यहाना रहे, लेकिन हम इने यहां से नहीं जाने देंगी, और �
07:18मैं तुछ से बड़ी हो, थोड़ा तो उमर का लिहास कर
07:38कईष पहूंचाएंगी, तो इन्हें जवाब भी तो वैसे ही मिलेगा ना, और फिर यही तो दुनिया का नियम
07:48चोटे तो बड़ों सी सीखते हैं ना काकी मा?
07:53भाप रे, तुम लोगों से मूर्तिया खरीदने आई थी
07:55और यहां तो मुझे मूर्तियों के बदले भाशन मिल रहा है
07:59पैसे भी दो और बेफाल तुका ज्यान मिलो
08:02खाकी मा, हम पैसे मुफ्त में नहीं ले रहें आपसे
08:05आप अपसे समान खरीदने हैं इसलिए पैसे दे दी
08:08आप कहीं भी किसी भी दुकान से कुछ भी लेती हैं तो उसके पैसे देती हैं ना
08:12हम थोड़ी अलग है और फिर आप लोगों ने जो दाम का मा उसमें राजी भी तो हो गई है
08:18छोड़ो भई कोई ज़रुवत नहीं है इतनी सारी बाते सुनने के बाद मुईरा तो खरीदने का ज़रा भी मन नहीं है
08:24आप लोग कुछ खरीदेंगे क्या
08:26अरे दीदी गल्ती तो आप ने की है इतनी सारी बाते मिली को सुना दी आभी अभी तो वो बिचारी बिदुआ होई है कितनी परिशानी में है बिचारी
08:37अब गल्ती मेरी है सारी कि सारी हम
08:40मैं हाठ जोड़कर बिंटी करते हूं मुर्ती लिए बिन वापस मत चाथ
08:45अगर मेरी छूटी बहुने कुछ गल्ती किये न तो उसके लिए माफिय मांग क्यों आप लोगों से
08:53माँ छुप रहे तू
08:57नहीं नहीं आप क्यों माफी मांग रही हो यह तो यहीं खड़ी है इसके चेहरे पर माफी का नाम और निशान नहीं है
09:07मैंने कोई गलत बात नहीं किये काकी मा आप मुझे गलत समझ रही है जो आपने दीदी बाही को कहा वह आणा
09:17काकी मा ने मुझे कहा ना मुझे तो बुरा नहीं लगा तो क्यों इतना बोल रही हो
09:24अच्छा ठीक है काकी मा छोड़िये नहीं सब गुस्सा क्यों कर रही है वैसे भी हम लोगों ने तो कुछ नहीं कहा ना अपसे
09:33काकी मा आप मुर्थिया लिए भी ना मत जहिए ना भी जहिए ना बेशने में तो बहुत ज्ञान लगाते हो पर बरताब कैसा करते हो हां इसका रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है तुम सबको अगर वेपार करना है तो लोगों से पहले अर्च्छा बरताब करना सीको
09:48और सिखाए इस चोटी भाव को अहना ने ऐसा तो कुछ नहीं कहा है काकी मा आप मुर्थियां लेने आई थी और पता ने क्या बाते लेकर बैठ गई
10:01और बात होते होते इतनी आगे बढ़ गई
10:07हम तो बस ठाकूर जी के हक में बात कर रहे थे आपने हमसे कुछ नहीं कहा इसलिए हम चुपचाप खड़े हुए थे लेकिन आपने आपने आना से इतना सब कुछ कह दिया दिखें ना उसने आपको पलटके जवाब तक नहीं दिया
10:21अगर आपको लगता है कि हमसे कोई गलती हुई है तो माफ कर दीजे तेरे चहरे पर तो माफी का नाम और निशान नहीं है
10:30सहास माफी मांग रही है सारी बहुए माफी मांग रही है और तो तो इन मूर्कियों के जाते चुपचाप खड़ी है
10:41बच्पन से यही सिखा है काकिमा कि अगर गलती ना हो तो माफी मत मांग और अगर गलती है न तो फिर सामने वाली के पैर पकड़ के माफी मांगने में भी कोई हर्ज नहीं है
10:53और मैंने कोई हन्याय नहीं किया है काकीमा जिनों ने भी आप से माफी मांगी उन्होंने अपने हिसाब से सही समझा लेकिन मैं जानती हूँ कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया इसलिए मैं माफी क्यों मांगू और ये बात आप भी अच्छी तरह से जानती कि मैंने कुछ भी �
11:23नहीं चाहिए कुछ अरे नहीं नहीं नहीं गो रुख जाओ रुख
11:26क्या जूटी हो ऐसे भैपार सम्हाल होगी तुम सब को अपने ही खिलाफ ऐसे भड़का होगी
11:35अगर उन्होंने मिली को कुछ कहा है तो मिली ने जवाब दिया के नहीं न या फिर मैंने या मिली ने जवाब देने के लिए तुछ से
11:43तो हर बात का जवाब देने के क्या ज़रूरत है
11:47मा मुझे गलत समझ रही है
11:49अगर बड़ों से ऐसे बत्तमिजी करोगी, तो गलत ही समझोंगे, क्या जरूरत है ऐसे बड़ों को जबाब देने के?
11:55अरे एक ही मॉल्ले में रहते हैं, वो तुझसे बड़ी है, भुजूर्ग है, ऐसे बात नहीं करने चाहिए थी उनसे, हर बात में तेरा बोलना क्यों जरूरी है, बाकी बहुए भी तुछुप है
12:05मा, अहाना ने तो कोई गलत बात नहीं कर गी, तो आप इसे क्यों डाट रहे हैं?
12:14अरे, अहाना, गलती हो गई थी, तो माफी मांग लेती ना, क्या देती कि गलती हो गई काकी माप से नहीं होगी, माफ कर दीजे
12:20मैं ऐसा कभी नहीं बोलूँगी दीदी, जब मैंने कोई गलती नहीं की, तो फिर मैं माफी क्यों डाट हूँ?
12:27अहाना, कभी-कभी लोगों को खुश करने के लिए उड़ना पड़ता है, वो गुपिया ले लेती तो दूसरों से जाके भी कहती ना, कि अच्छा है, छोना ले भी, इसले से सब कुछ रही होंगे, पहले खुद के लिए इमानदा रहना पड़ता है, और फिर बिजनेस के स
12:57इसले मैं चुटती में, मैंने जो कुछ भी किया, सही किया, हाँ छोटी पो, तुम हर चीज हर बात सही ही करती हो, तुम अभी यहां से जाओ, जब तक तुम यहां रहोगी ना, कोई बुर्तिया खरीद दे नहीं आएगो, तुम अंदर चाओ, और कमरे मेरा हो अपने, आप
13:27तु लोगों से समझदारी से बात नहीं कर सकती, मिल जुल कर नहीं रह सकती, तो बहतर होगा तु घर में ही रह, ज्यू भूल चाती है, कि इतना घमन शूबा नहीं देता तुझे
13:57रहाना, मुझे आप से कुछ बात करने है, बोली, आपने एक दिन के लिए भी मुझे इस घर में चैन से जीने नहीं दिया, उसके लिए क्या करना होगा मुझे, आपी बताएं, अगर मेरी जगा कोई भी होता ना, तो आपको इस घर से कपका निकाल देता,
14:27तो आप क्यों निकाल रहे हैं, आप भी तो दूसरों के तरह मुझे निकाल सकते हैं, मैं कोई जबदस्ती दो नहीं कह रही हूँ कि मुझे यहां रहने दीजे, प्रब्लम ही है ना, कि मैं आपको निकालना चाहता हूँ, लेकिन आप मुझे कोट कशेरी की धंकिया देना श
14:57महले वालों से कैसी बात करी है, वो लोग चिरते हैं आप से, क्योंकि आपको उनकी हर बात का जवाब देना होता, और आप इसमें सिर्फ अकीली नहीं है, हमारे घर की बहुए भी इसमें मिली हुए हैं, भूल तो ने गई ना, कि हमारे घर की बहुए हैं, महले में नाच र
15:27महा भी आपकी बातों में आकर आपको सपोर्ट कर रही थी, लेकिन आपको जान चुकी हैं, कि उनको यह करने की अब और जरूरत नहीं है, और महले वाले मुझे ही ताने मारते रहते हैं, मुझे बोलते हैं, कि तेरी बीवी ऐसी है, वैसी है, उसको थोड़ा बांध कर रख
15:57मैंने तो मियुक बोलने जैसा कोई काम नहीं किया है, तो मतलब आप सोरी नहीं कहींगे, जिंदीही भर ऐसी सिफ़ी हे रहने वाले हैं, मेरी जिंदगी है, मैं कैसे लोगी ये तो मैं तेय करूंगे? ज Singing Life, आप कैसे जियेंगी या आप तैकरेंगे, मैंने कितनी कोशिच �
16:27बदल जाओंगी इसका मतलब आप हमारे घर में डंसें नहीं रहने वाली है ना आपको ये बात रिलाइज हो दिया है कि दीदी भाई के हस्बेंट के क्रिया करम का काम अभी तक खतम नहीं हुआ था और आपने उन्हें चूले के सामने लखेल दिया
16:39पिशी मूने एकत्म साही कह दिया कि आप ने एक भी बार नहीं सोचा इस घर के कल्यान के बारे में
16:50ताकि लोग डस बाते ना सुना पै है और मुझे लगता है कि मैंने जो कुछ भी किया ना वो आपके परिवार के लोगों के भले के लिए
16:58आप लोगों ने तो मा का अपमान किया
17:00उसका बदला लेने के लिए मैंने मा को प्रोचसाइद किया
17:04कि वो सबको अपना होनर दिखा है
17:06और यहां तक कि घर की बहू को भी सरूचा रखके जीना से खाया
17:10किसमें बोला था?
17:12किसीने बोला था आप से इस करने के लिए?
17:28किसमें बच्पन से देख रहा हूं मैं
17:30और आप निना हमारे घर के सारे रिष्टों को और इस घर को तोड़कर रख दिया है
17:34मेरी वज़े साब का घर नहीं तोटा है
17:36असल में इस घर में दरारे पहले से ही पड़ चुकी थी
17:40यहां पे बस लोग एक दूसरे के सामने अच्छा बटाफ करके ना काम चला रहे थे
17:46इतनी दरारे पड़ चुकी थी ना इस घर में
17:49कि एक हलके से जटके में यह पूरा घर तोटकर बिखर गया
17:53और इसके लिए आप मुझे जिम्मेदार मत ठेराई
17:56आप नहीं जिम्मेदार तो कौन है जिम्मेदाराग ना
17:59और यह सिर्फ मैं नहीं मानता हूँ यह घर का हर इंसान मानता है
18:04सब लोगों को यही लगता है कोई भी आपसे खुश नहीं है इस घर में
18:07एक अकेली माँ आपका साथ देती थी बस लेकिन उनको भी यह चीज समझा गई कि वो गलत थी
18:13कोई मिनिस्टर हो आप कि जो जी माइगा आप वो करोगे
18:17नहीं मैं कुछ भी नहीं हूँ
18:21नहीं मेरे मन में जो आएगा मैं वो करूँगी
18:24मैं मानती हो मुझ से गलती होई है
18:31अगना अगर आप चानती हो और यह बात मानती हो कि आपने गलती है तो आप क्यों नहीं सब के सामने कबूल कर लेती
18:38अगर आपको लगता आपने गलती कि तो मान लो ना सब के सामने
18:43आप एक बाद सूच के देखो, कोई भी आता है माँ कुछ भी सुना के चला जाते हैं।
18:47उनको कैसा लगता होगा।
18:49एक बाद सूच के तो देखो।
18:51माँ को तो कहीं सारी चीज़े नहीं पसंद है।
18:54जैसे आप लोगों का बढ़ता ह।
18:57क्या आप लोगों ने कभी खुद को बदलने की कोशिश की।
19:00कभी उनका साथ दिया।
19:02आप लोग भी तो उनके साथ नहीं रहते हैं।
19:07प्रेनी दीजे, अब इस बहस का आना कोई फाइदा नहीं और वैसे भी
19:12आपके साथ बहस बाजी करके, मुझे कुछ हासिल नहीं होने वाल है।
19:18आप बता है यह क्या करना है मुझे।
19:21हमारी शादी को लेकरना?
19:23मैंने कुछ सप्ने देखोते थे आना लेकिन आपने उन सप्नों को तोड़ कर रख दिया है।
19:29मैं हमारी शादी से खुशियां डिसर्फ करता था
19:36मुझे लगता था कि आप वो खुशियां मुझे तो गे लेकिन आपने वो खुशियां मुझे नहीं थी
19:40क्या मुझे हख नहीं है खुश रहने का बिल्कुल है
19:47और इसलिए तो मैं आपसे पूछ रही हूँ कि आप क्या चाहते हैं?
19:54मैं
19:55मैं अब और आपके साथ इस कर्मेने गहना चाहते हैं
19:59हैरानी हो रही है सुनके
20:17मैं तो बस वो दिन याद कर रही हूँ जब आप मुझे जी जान से पाना चाहते थे
20:28फिलाल तो मेरे घर वालों के खिलाफ जाने की मेरी हिम्मत है ने
20:33लेकिन हाँ अगर आप मेरा साथ देंगी मेरा हाथ थामेंगी तो शायद
20:38शायद एक दिन ये हिम्मत भी मुझ में आजा है
20:41जब आपने मेरे लिए बहुत कुछ करना चाहा भी था
20:47मैंने भी कुशिश की थे जितना मुझ से होप आया आपका साथ देने की
20:51फिर अचानक एक दिन जाने अन जाने में हमारे रास्ते बदल गए
20:57मैंने आपके कई बात में माने और आपने भी मेरी कई बाते में माने
21:01पलकि आप से ज़्यादा आपके घर वालों से घुन मिलकर रहने लग भी थी मैं
21:06आपके माँ को अपनी माँ से भी बढ़ कर माना है मैंने
21:10आपके भापीओं को अपनी सकी दीदी, यहां तक क्या आपकी दीदी से भी कम लगाव नहीं है मुझे, पता है इस घर की छोटी बोवने, छोटी बेटी बनकर रहना चाहती थी और वहीं से इस जमेली की शुरुवात भी हुई है न, बहुत इस घर को रहने लायक बनाना चाह
21:40हमने आपसे का था कि हमें इस घर में एक बेटी चाहिए हमें एक शुशील भहु चाहिए थी आहना बेटी नहीं
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