00:00मीठे बच्चे, तुम ड्रामा के खेल को जानते हो, इसलिए शुक्रिया मानने की भी बात नहीं है।
00:06प्रश्न, सर्विस एबल बच्चों में कौन सी आदत बिलकुल नहीं होनी चाहिए।
00:12उत्तर, मांगने की, तुम्हें बाप से आशरवाद या कृपा आधी मांगने की जरूरत नहीं है, तुम किसी से पैसा भी नहीं मांग सकते, मांगने से मरना भला, तुम जानते हो, ड्रामा अनुसार कल्प पहले जिन्होंने बीज बोया होगा, वो बोयेंगे, जिनको अपना
00:42के लिए मुखेसार, विकर्मों से बचने के लिए इस शरीर में रहते अशरीरी बनने का पुरुशार्थ करना है, याद की यात्रा ऐसी हो जो शरीर की विस्मृती होती जाए, ज्यान का मन्थनकर आस्तिक बनना है, मुरली कभी भी मिस नहीं करनी है, अपनी उन्नती के लि�
01:12की रुहानियत, रुहानियत की शक्ती से ही स्वयम को वा सर्व को परिवर्तन कर सकते हैं, इस शक्ती से अनेक प्रकार के जिस्मानी बंधनों से मुक्ती मिलती है, लेकिन युक्ती युक्त बन हर कर्म में लूज होने के बजाए, रुहानी शक्ती को यूज करो, मनसा, वाच
01:42और शक्ति की अनुभूती करते चलो
01:43अव्यक्त इशारे
01:45अशरीरी व व विदेही स्थिती का अभ्यास बढ़ाओ
01:48जो भी परिस्थितिया आ रही हैं और आने वाली हैं
01:52उसमें विदेही स्थिती का अभ्यास बहुत चाहिए
01:54इसलिए और सभी बातों को छोड़
01:57ये तो नहीं होगा ये तो नहीं होगा
01:59क्या होगा इस क्वेस्चन को छोड़ दो
02:02अभी विदेही स्थिती का अभ्यास बढ़ाओ
02:04विदेही बच्चों को कोई भी परिस्थिती वा कोई भी हल्चल प्रभाव नहीं डाल सकती
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