00:00युपुरुष विवेकानंद की दी गई गई सीख और प्रेना वाकई किसी भी इनसान को न सिर्फ सफल बलकी राष्ट्र भक्त बना सकती है। युवावस्था में ही वो इतना कुछ कह गए और कर गए की इतिहास वर्तमान और भविश्य उन्हें प्रणाम करता रहेगा। ज
00:30पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते। शूने चार एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जा। शूने पांच जब तक जीना तब तक सीखना अनुभव ही जगत म
01:00जब आपके सामने कोई समस्या ना आया आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार पर चल रहे हैं। शून्य नौ पहले हर अच्छी बात का मजात बनता है, फिर विरोध होता है और फिर उसे स्विकार लिया जाता है। दस उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब �
01:30पतीत ऐसा है, वैसा है। बेकार की बात जिसको चाहिए हो, उसको उचाई मिल जाती है। तुम्हें नहीं मिली है, तुम्हें चाहिए नहीं थी। पेड कभी भी फूलों के गिरने से परिशान नहीं होता है। वह सदैव नए फूलों के खिलने के निर्मान में व्यस्त रह
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