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  • 13 hours ago
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00:00विलासपुर गाउं की सुबहें हमेशा किसी पुराने गीद की तरह धीमी धीमी खुलती थी।
00:11उसी गाउं में एक व्यक्ती था बाबा गोपाल।
00:14वो साधारन रूप के थे। सफेर धोती कुर्ता, लंबी दाड़ी, माथे पर दिलग।
00:21गाउं वालों के लिए वो वर्दान थे। हर दशेहरे पर पूरा गाउं उनकी खिचड़ी के लिए कर्था होता।
00:28अपनी इसी प्यार की वज़ा से लोग उन पर जान छिड़कते थे।
00:43लेकिन इसी बीच एक खबर गाउं में आग की तरह फैल गई। गाउं का एक लड़का रमेश अचानक से गायब हो गया था।
00:51उसकी मा रोते हुए बाबा के पास आई।
00:55बाबा जी मेरा बेटा कहीं मिलने ही रहा है।
01:03शांती रखो बेटा डर से कुछ नहीं मिलेगा।
01:09आखरी बार कहां देखा।
01:13खीत में और फिर उसके बाद देखा ही नहीं।
01:19इतना सुनकर बाबा ने आँखें बंद कर ली।
01:23मानों उन्हें पता चल गया था कि अब रमेश कभी नहीं आने वाला।
01:27फिर भी उन्होंने गाउवालों से जंगल की तरफ ढूणने के लिए कहा।
01:33बाबा की बात सुन सब गाउवाले जंगल गए।
01:43लेकिन रमेश का कोई पता न चला।
01:46कुछ दिन बाद खोच बंद कर दी गई।
01:50चौपाल में लोग बाते कर रहे थे।
01:53अरे राम जाने रमेश कहा चला गया।
01:56हाँ भाई सही कहा।
01:58पता नहीं उसे आसमान निगल गया या जमीन खा गई।
02:02कुछ महीनों बाद और लोग गायब हुए।
02:06डर का माहौल बढ़ा।
02:10और लोगों ने शाम को घरों से निकलना बंद कर दिया।
02:14फिर एक दिन पंचायत बुलाई गई।
02:37बाबा रोज मंदर जाते।
02:39बच्चों को आशीर वाद देते और लोगों के दुख बाटते।
02:44ऐसी माहौल में गाउं के चार दोस्त एक दूसरे के साथ खड़े थे।
02:51अरे यार, लोगों का इस तरह से गायब होना सही नहीं लग रहा है।
02:55इसमें कुछ तो गडबड है।
02:56सही का यार, पुलिस भी उन लोगों को ढोड़नी पाईए।
02:59और रात को जंगल जाने का प्लान बनाया।
03:17गलियां सुंसान होते ही, रवी, मोहन, सुरेश और पपु चुपचाप जंगल की तरफ बढ़ने लगे।
03:28यार, अबे, सुन्दा, वापस चलता है यार।
03:32अबे, वापस चलता है यार।
03:34मुझे बहला डर सा लग रहा है यार।
03:37देख भाई, कुछ आवाज भी आई।
03:39अबे, यार, अबे, तु डर क्यो रहा है।
03:41अबे, तु नहीं तो कहा था न, आने के लिए।
03:43अब तु डर क्यो रहा है ये बता।
03:45और भाई रही आवाजों की बात।
03:47तो मुझे लगता है कि जंगल में शेर भालू चीता
04:07थी, तभी जाड़ी के पीछे हलकी सी आवाज आई।
04:11अरे यार, उस जाड़ी के पास कुछ तो है यार।
04:14चारों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे।
04:17अबे, ओय यार, ओय भाई, मोहन, देख भाई, मुझे पहले भी आवाज आई थी।
04:22सब धीरे-धीरे जाड़ी के पीछे पहुंचे और सामने का नजारा देख सन रह गए।
04:35उनकी सामने चांदनी में एक आधा नर और आधा पशू दानव घड़ा था, जिसके मुन से घून टपक रहा था।
04:43पपू चीख पड़ा।
04:45सभी वहाँ से जान बचा कर भागने लगे।
04:54डर क्या होता है, आज उन्हें सही माइनों में पता चला था।
04:58अगली सुबह उन चारों ने गाउं के चौपाल में सब को ये बात बताई।
05:03क्या हुआ, तुम सबने इतने आनन भानन में पंचायत क्यों बलाई भाया।
05:15बाबा आते हैं और लोग उनकी जय जयकार करने लगते हैं।
05:19बाबा की जय हो, बाबा की जय हो, जय हो बाबा जी की जय हो, प्रणाम बाबा जी प्रणाम।
05:27पताओ बेटा, मुझे तुम बुलाया है।
05:35बाबा जी हम आप सभी को ये बताना चाहते हैं कि गाउं के जंगल में एक दानो रहता है जिसका आधा शरीर मनुष्य का है और आधा पशु का
05:47मुहन की बाती सुनकर सब हैरान और परिशान हो गए
05:52हैं और ये बात तुम्हें कैसे पता लगी बर खुरदार
05:56क्योंकि कल रात हम उस जंगल में गायब होए लोगों का राजचान ने गए थे
06:01हां और तभी हमने देखा कि एक दानो जंगल में घूम रहा है
06:05हैं मतलब गाउं के लोग उस दानों की वजह से गायब हो रहे हैं क्या
06:12बाबा जी अब आप ही हमारा सहारा हो बताओ को चुपाए
06:18लेकिन सोचने वाली बात ही है न कि इतने सालों से वो हमें दिखा क्यों नहीं फिर कली क्यों दिखाई दिया हो
06:26हां क्योंकि वो वापस आ गया है
06:35क्या मतलब वापस आ गया है बहुत साल पहले काउं मैं ऐसी ही घटनाएं होवा करती थी
06:47दानव लोगों को ले जाता था पर अब फिर उसे मंत्र जाप से बांध दिया गया था
06:59पर अब लगता है कि वो मुक्त हो गया है
07:05बाबा की बातें सुन सब डर गए पप्पू कापते कापते बेहोश हो गया
07:13कुछ दिन बाद रवी सुरेश मोहान और पप्पू बाबा की गुटिया पहुँचे दरवासा खोला अंदर धंगली रोशने और अजीम गंध थी
07:32अरे बाबा जी तो यह नहीं है दरवासा खोला कैसे रह गया फिर अरे यार यह बद्बू कैसे है यार जैसे कुछ सौड रहा हो यहाँ पर
07:44चारों एकदम चुक हो गए
08:11बाब अब कुटिया मी प्रवेश करते हैं
08:13और चारों को कुटिया में देख चौक जाते हैं
08:17अरे बेटा तुम सब यहां कैसे
08:29जी जी बाबा हम आपसे एक बहुत जरूरी बात करने आये थे
08:35कहो बेटा डर क्यों है तुम्हारे चहरों पर मेरी कुटिया में तो सब सुरक्षित है
08:50बाबा क्या उस दानों को भगाने का कोई उपाय है वो ही जानने आये थे
08:58बाबा कुछ पल चुप रहते हैं फिर आँखें बंद करके माला फेड़ते हुए बोलते हैं
09:05उपाय है बेटा पर कठिन है दानों शुद्धी से डरता है
09:18जहां गाय का दूद गंगा जल और पीपल की पत्तियां छिड की जाएं वहां उसकी शक्ति नहीं टिकती
09:32मतलब हमें इन तीनों चीज़ों का प्रयोग करना होगा
09:36लेकिन सावधान रहना दानव चालाख होता है
09:48रात को चारों दोस्त बाबा के बताए हुए मिश्रन को लेकर जंगल जाती है
09:55ठंडी हवा चल रही थी और अंधेरा भी गहरा गया था
09:59तभी जाडियां हिलने की आवाज सुनाई दी
10:02ओ यार ओ यार ध्यान से ये चेगा मुझे बहुत खतरनाग लग रही है यार
10:07ओ यार यार मैंने पहले कह दिया था इसमें नहीं पसना चाहिए था आप है
10:13आप चलो पसी गए तो अब जल्दी करो बाई
10:15जो करना है फटावट करो फिर गर जाते हैं परको भूग भी लग रही है काना भी काना है
10:20ओए चुप चुप चुप देखो वहाँ जाडियों के बीच कुछ हिल ला यार देखो
10:26चारों ने चौक कर जाडियों की ओर देखा
10:29कुछ पल के लिए धेरा और डरावना सन्ना था
10:33फिर धीरे धीरे लाल जलती आँखों वाला दानव जाडियों से बाहर आया
10:38वो अपने आधे इंसान और आधे जानवर वाले रूट में ही था
10:42अरे यार ये तो ये तो वही है यार वही है न
10:47अरे यार शांद्रो ना यार बाबा ने जो पता है था वही करना है समझे शांद्रो
10:56दानव की ओर बढ़ते हैं लेकिन तब ही पीछे हटने लगता है और भागता हुआ जंगल की गहराई में चला जाता है
11:06यार मुझे ना कुछ अजी भी लग रहा है यार
11:36किस बारे में
11:37यार वो बाबा जी के बारे में यार
11:39देखो हम बाबा जी के कहने पर ही तो जंगल गए थे न
11:43वहाँ पर हमें दानाव मिला
11:45और फिर हमें देखकर भाग गया
11:48ओई यार तो इसमें इती है जीम क्या बात है बताओ
11:51बाबा ने वो मिश्रण जो बताया था
11:53शायद उसी को देखके भाग गया होगा यार मैं बता रहा हूँ
11:57हाँ लेकिन उसका तो हमने प्रयोग भी नहीं किया
12:00फिर उसे कैसे पता चला
12:03कि हम कुछ लेकर आएं
12:05बताओ
12:06बोलो बोलो
12:07हाँ यार ये तो बिल्कुल सही बात कही तुमने
12:11हमने तो ये बात सोची नहीं
12:14और तुमने देखा
12:15कि हमें देखते ही वो वहाँ से भाग भी गया
12:17हाँ यार मानो हमें बैकार आओ
12:20और एक बात नोट की तुम लोगोंने
12:22वो जो गंद महां से आ रही थी यार
12:24वो वैसी थी जो
12:26बाबाजी की कुटियां से आ रही थी
12:28त्यान दिया
12:30अरे हाँ यार
12:32तु सही कह रहा भाई
12:34यार पता है मुझे लग रहा है कि
12:36हमें न इन बाबाजी पर
12:38नज़र रखनी होगी भाई
12:39कहीं कुछ गरबर ना निकले
12:41हाँ तो ठीक है यार
12:43आज ना थम बाबाजी पर नज़र रखेंगे भी रोर क्या
12:45चारों दोस्तों की इस ओर सेहमती बनी
12:54और रात में वो बाबा की कुटिया के पास गए
12:57उन्हाने देखा कि बाबा कहीं जा रहा है
13:00वो चारों उसके पीछे पीछे जाने लगे
13:04चारों बाबा का पीछा करने लगे
13:18एक जगा पर बाबा रुका और बैट कर एक हानी में खिचडी बनाने लगा
13:26वो मंत्र भी पढ़ रहा था
13:29और सबसे हैरानी की बाद कि उसके पास वही लड़का बैठा था
13:33जिसे गाउं कई दिल से खोया हुआ मान रहा था
13:36शरीर बदल चुगा था
13:39जुर्यां कमजोर आँखें
13:41ये देखकर चारों का हरदय काप उठा
13:44ओ यार भाई
13:45भाई ये तो अरे ये तो हमेश है यार
13:48ये अभी तक जीवित है क्या
13:50ओ भाई
13:52यार मतलब
13:53गाउं के आदमी गायब नहीं हो रहते भाई
13:56बाबा उनको गायब कर रहा था
13:58ये बाबा तो लकली बाबा है भाई
14:01तबी बाबा ने खिचरी उस लड़के को खिलाई
14:03और वो लड़का तडपा
14:05उसकी उम्र तेजी से बढ़ी
14:07और बूढ़ा होकर उसकी जान निकल गई
14:10वहीं बाबा के चहरी पर जीवन लौट आया
14:13उसकी शक्ती फिर तरो ताजा हो गई
14:16ये दृश्य देखकर चारों सबने में आ गए
14:19भाई
14:22भाई ये इनसान नहीं है भाई
14:25ये बाबा बाबा कुछ नहीं है भाई
14:27ये ये कोई बहरूपिया है
14:29ये भाई कुछ और ही है भाई
14:31अरे यार भाई चुप रहो
14:34वो सुन लेगा और सुनो
14:36हमें ये सब बात ना यार
14:38गाउवालों को बतानी होगी भाई
14:39पर यार किस तरह से
14:42लोग जो है न बाबाबा जी की इंजल करते भाई
14:45कोई यकिन नहीं गरेगा
14:47हमारी बातों से बता रहा हूँ
14:48अरे यार ठीक है
14:49चलो अभी चलते हैं यहां से
14:51कल देखते न
14:52चारों वहां से बापर सा गए
14:54और फिर अगली सुबह
15:06बाबा लोगों को खिचरी बांट रहा था
15:09तबीरा भी अपने दोस्तों से बोला
15:11सरा देखो तो इस नकली बाबा को
15:13रात में लोगों को मारता है
15:15और दिन में इनका भगवान बन जाता है
15:18इसे इसके करमों किससा मिलनी चाहिए
15:21भाई लेकिन कैसे
15:22अगली रात चारों फिर जंगल गए
15:32लेकिन इस बार बाबा नो ने देख लिया
15:34चारों दोस्त जान बचाने के लिए भाग रहे थी
15:45पेड़ों से टकराते
15:47जमीन पर गिरते पड़ते
15:49हाफते हुए
15:50अचानक रवी मुर कर देखता है
15:53अरे पपो का है
15:56लगता पीछे रह गया
15:58क्यों पीछे रह गया
16:01अब यार जल्दी देखो
16:03कई यहावा गिरतों नहीं गया जंगल में
16:05तीनों पीछे भागते हैं
16:08चान्दमी में हलकी जलक मिलती है
16:10पपो जमीन पर तडप रहा था
16:12और उसी आधे इंसान रूपी दानव में उसकी गर्दन चकर रखी थी
16:17पपो पपो पपो आरे चोड़ना उसे चोड़ना बाई भागो बाई मुझे चोड़ना
16:33दानव गरचता है उसकी आखे आग की तरह चमक रही थी
16:39वो हाथ में चकड़ी पपो को और उपर उठाता है
16:43नहीं नहीं यार यार हमें कुछ करना होगा यार हमें कुछ करना होगा
16:57अब भाई क्या करेंगे क्या करेंगे बता उसके सामने गए तो हम भी मर जाएंगे भाई देखनी रहा उसको
17:03हावाल मुटा रखा उसे अरे यार लेकिन पपू पपू को क्या होगा यार
17:08कोई पास आया
17:15तो इसका खून
17:17अभी यही बहा दूँगा
17:22तीनों दोस्त सहन कर वही रुक जाते हैं
17:30पपू की आखें धीरे धीरे धीली पढ़ने लगती है
17:33तबी बाबा का हाथ दानव के गंधी पर आता है
17:37अरे नहीं भाई इन्हें मत मारो
17:42यही तो अब मेरी साधना के पूरे होने की
17:49असली जाबी है हरिया
17:54बाबा के मूँ से हरिया का नाम सुन चारों छौक जाते है
18:01तबी दानव अपने पूरे इंसानी लूट में आता है
18:05और वो हरिया होता है
18:07क्या हरिया हरिया तु दानव है क्या
18:11तुन्हें ये ठीक नहीं किया रहे
18:14क्या ही कर लोगे अब
18:22क्या कर लोगे
18:26दानव हो या मनुष्य तुन्हें गाउं से जो गद्धारे की है उसका हिसाब तुझे चुकाना होगा
18:33फिलहार तो अपने दोस्त की जान का हिसाब चुकाओ
18:41वरना उसकी सांसे कम होने में जादा टाइम नहीं लगेगा
18:50क्या करना होगा मैं क्या करना होगा बोलो
18:57ये हुई ना बात
19:06तुम तीनों को दशहरे की रात किसी भी गाउं वाले को यहां लाना होगा
19:16जान रहे थोड़ी भी चतुराई की तो तुम्हारा दोस्त मारा जाएगा
19:29बाबा की बातें सुनकर तीनों के पसी में छूट गए लेकिन अपने दोस्त की जान बचाने के लिए वो लोग शर्प को मान लेते हैं
19:41ठीक है ठीक है हमें मन्सूर है लेकिन तब तक पप्पू को कुछ नहीं होना चाहिए बता रहे हैं
19:48जल्दी जल्दी जाओ जल्दी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है जिनकी जिन्दगी में रस है
20:03मैं उनसे फिर अपनी खिचरी बनाऊंगा और उनसे उम्र निकालूंगा ही ही ही ही ही ही
20:18तीनों बाहर से बाबा का हुकम मानते देखे और भीतर उसकी ताकत खत्म करने की योजना बना रहे थे
20:28यार पपू और गाउं को बचाने का न एक ही तरीका यार
20:31हाँ बोल क्या तरीका रभी
20:33यार बाबा की जोली से न हमें वो किताब सुरानी होगी लग रहे है
20:38उसमें न यार जरूर कुछ राज शुपा हो यार मुझे लग रहे है
20:50रातने बाबा के चले जाने पर वो जोले के पास पहुँचे
20:53और किताब निकाल ली
21:00हर पन्ने पर अलंकर संकेत और डराबनी पहेलिया थी
21:05अरे यार ये कुछ लिखा है इस पन्ने पर देखो
21:12पड़ो पड़ो क्या लिखा है
21:14लिखा है कि जिसकी शक्ती रक्त से बढ़ती अगनी में उसकी चाया नहीं टिकती
21:22उसकी मृत्यों के लिए चाहिए धंडी शुधता और जन्म का दूध जिसमें जड़की ज्वाला मिलाकर बुझाई जाती है
21:35तीनों ने देखा और समझने की कोशिश की
21:40किये संकेत स्पष्ट था कि बाबा की शक्ती किसी तरह की खिचडी धारा से जुड़ी है
21:46जो लोगों के खाने पर उनकी उम्र खेंचती है
21:49पर क्या ठंडी शुधता और दूध से उसकी मात संभव थी
21:54यार शायद ना उसे किसी चीज से तोड़ा जा सकता होगा
22:02जिससे उसने लोगों की उम्र चुड़ाई हो
22:04ठंडा पवित्र और दूध जैसा कुछ
22:08यार अमिना काउं की पुरानी कहानियों मैं भी देखना होगा
22:12शायद कोई घरेलू उपाय हो ये
22:14वो किताब में और पढ़ते गए
22:16हर पन्ना किसी तरह की पहेली और संकेतों से भरा था
22:21अंत में एक पन्ना ऐसा निकला
22:23जिस पर अंतिम लाइं थी एक तरह का अनुष्ठान मिर देश
22:27यार इसमें लिखा है
22:28खिचडी की हांडी उलटकर दूध मिलाओ
22:32और उन आत्माओं को पुकारो
22:35जिनके साथ उन्होंने व्यापार किया
22:39जब आत्मा अपने मालिक को खाए
22:43तब दूध में मिलाकर बंधन तोड़ दो
22:46तीनोंने योजना बनाई
22:50बाबा से छीनी गई आत्माओं की मदद लेंगे
22:53आत्माओं सिर्फ सच्ची दिल की बुकार पराती है
22:56पप्पू को बचाने के लिए उन्हें आगे बढ़ना पड़ा
22:59अर्यार अपना चाहे कुछ भी हो जाए
23:01पप्पू को और इस गाओं को बाबा के चंगुल से छुड़ाने के लिए यार
23:05हमें आत्माओं को बुला नहीं होगा यार
23:07दिशहरे वाले दिल में धोई मंगाड़ी बच रहे थी
23:18लोग उपसा नुबीवे थी
23:22वो हांडी के बास पहुंचे
23:28वो तो, अब समय आ गया है
23:31हांडी उलट दो
23:32मोहन हांडी पलट देता है
23:35सुरेश गल्द पवित्र दूद का मिश्रन उसमें उडेल देता है
23:39यार, कर तो देंगे
23:42पर अगर गल्दी हो गई तो भाई
23:44पप्पू गया फिर
23:46अरे यार मंत्र पढ़ो ना यार वरना देर हो जाएगी यार
23:49तीनों कापते हुए किताब के मंत्र पढ़ते हैं
23:54हांडी से एक लंबी करह उठती है
23:59अचानक हवा में सेकलों पर छाईयां उभरती है
24:02अरे ये ये पियार गाउवाल है यार
24:07अबे देख भाई, ये सब गाउवाल है
24:09यार, जिनके उम्र बाबा ने चिनी थी
24:12ये तो वो सभी लोग है
24:14ये सब लोटा है भाई
24:15तभी बाबा वहां आ जाता है
24:18और वो आत्माएं उसकी तरफ लपकती है
24:25नहीं, कम लोग मुझे छू नहीं सकते
24:32मैं, मैं अमर हूँ
24:36अमर नहीं, तुम्हारा इसाब आज पुरा होगा
24:40आत्माएं बाबा पर टूट पड़ती है
24:43उसकी शक्ती बुझते दीपक की तरह खत्म होने लगी
24:47तबी बाबा अचानक पपु को खेच लेता है
25:02उसकी आँखे लाँच चमकते है
25:04बेजी खिचडी गिराई
25:07याद रखो
25:10अमरता के लिए बलिदान चाहिए
25:16ये लड़का अब मेरा है
25:21बाबा माई माई मचा बाई
25:26तबी हर्या अपने आधर दानव रूप में बाबा को बचाने जाता है
25:32पर वो आत्माए उसे भी जकड लेती है
25:41बाबा भी तबता है
25:46उसकी चीखें तरिंदों जैसी गूंचती है
25:49और बाबा की चमक धीरे धीरे मिखने लगती है
25:52अरे भाई देखो उसकी शक्ती बुझ रही है
25:56हाँ, हाँ भाई, उसकी शक्ती खम हो रही है
26:00और लगता है ये नकली बाबा आप खत्म हो गया है
26:03जो अब कभी नहीं लटेगा
26:05बाबा तरफते हुए चीखता है
26:08उसका शरीर सिकुर्ता जाता है
26:11आखिरकार वो राख बन कर उड़ जाता है
26:24भाई खतम, भाई सच मुझ खतम हो गया भाई
26:27पपु जमीन पर गिरा पड़ा हिलता है
26:30फिर धीरे से आखें खोलता है
26:32भाई, भाई मैं बजिया भाई
26:38भाई मैं बजिया भाई
26:39हाँ, हाँ भाई, तुब बज गया भाई
26:43तुब बज गया, अब तुब आजाद है भाई
26:46हाँ, और आखिरकार गाउं भी आसाद हो गया यार
26:50पूरा गाउं वहाँ इकठा हो चुका था
26:53और हरिया भी अपने पूरे इंसानी लूप में आ चुका था
26:56रवी निल से पूछा
26:58हरिया भी या, तुम दानाओ कैसे बन गयते भाई
27:03अरे भी या वो नकली बाबा जो है, वो बाकी सबकी तो उमर शीनता था भी या
27:10पर उसने मुझे अपना जोएना गुलाम बना रखा था, यह सब उसी ने किया था
27:15पर अब भीया तुम लोगों की वजह से मैं भी आज आजाद हो गया हो भीया
27:19मुक्ति मिल गई मुझे उस राक्षस के सरीर से
27:23अरे भईया इसी लिए तो हमारे यहां एक कहावत है कि अंत भला तो सब भला
27:30आज चलो तुम चारों बच गए यह बहुत अच्छी बात है और हरिया भी ठीक हो गया यह उससे भी अच्छी बात है
27:39चलो भईया सब मंगल ही मंगल हो गया आप तो
27:43हो इतनी बड़ी गुथी सुलजादी हम तो तुम्हें नकारा समझते थे
27:49चारों दोस्त हसने लगते हैं और अपने अपने घर को लॉट चाते हैं
27:55कर दोस्त कर दोस्त कर दोस्त है
28:25कर दोस्त कर दोस्त है
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