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  • 18 hours ago
भिलाई के लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय को दाऊ मंदराजी सम्मान मिला है.रिखी क्षत्रिय दुर्लभ वाद्य यंत्रों के संग्रह के लिए मशहूर हैं.

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00:00प्रख्यात लोकवाद्धि संग्राहक और कलाकार रिखिक ख्षत्रिय को राज्य अलंकरन समाहों में दाउ मांदर जी सम्मान मिला।
00:17वे पिछले 45 साल से च्छत्थीस गर में विलुप्त हो रहे वाद्धियंत्रों का संग्रहन कर रहे हैं।
00:23वे पुरातन वाद्धियंत्रों को बनाने के साथ उसे किस तरह से बजाया जाता है इस कलाको भी आने वाली पीड़ी को सिखा रहे हैं।
00:53रिखी के संग्रहाले में सजे वाद्धियंत्रों को एक छट के नीचे लाना कोई आसान काम नहीं है।
01:01इसके लिए 45 वर्षों का लंबा समय लगा है।
01:05वे कहते हैं पुराने वाद्धियंत्रों को एक जगाई कठा करने का सपना पूरा हुआ।
01:10वो देश अगर सही हैं आप उसमें आगे उन टार्गेट को पूरा करना चाहते हैं तो ये सारे जितने भी कठाई नहीं है वो एक साइड हो जाता है।
01:20रिखे ने अपने संग्रहाले कुहुकी में रखे वाद्धियंत्रों की महत्ता उनके परातन इस्तिमाल के साथ उसे बजा कर भी दिखाया।
01:50मेरे पास से वाद्धियंत्रे भी ए सिकार करने के बजने के लिए, बाड़ी के रखानी के लिए
02:04This is the name of the Kukki, Sisri, Tendor, Hulki, Bhair, Chahe, Chatka, Turna, Turna, Hirki,
02:15इस तरह एम तरहों मतालए, टर्कव, Tenderh, Chatka, women,
02:24और हम हैं क fix the P학er,
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02:36इस तरह तरह के सब वाद्य अंत्र हैं 211 प्रकार के।
03:06वाद्य अंत्र है।
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