00:30पड़ना सिर्फ लड़कों के हाथ में है किताब पैन पड़ाई यह आदमें ही कर सकते हैं क्योंकि उन्हें तो आगे जाके कमाना है और तो को तो सिर्फ बेलन जाड़ू और पोचा क्या ही करना है जीवन पर और तेरे इस कामपिटिशन को जीत कर मुझे नहीं चाहिए पैसे
01:00आप सबकी सोचना जमीन में धसी हुई रहेगी लाइफटाइम न जाने क्यों मैं इस घर में पैदा हुई
01:05ऐसा नहीं बोलती तारीनी तारीनी रोकर अपने कमरे में चली जाती है पाठक परिवार में आज तक किसी भी लड़की ने पढ़ाई नहीं की और सिर्फ लड़कों को ही इजाज़त दी जाती है लड़कियों को नहीं
01:18बिंदू के दो बेटे होते हैं, बड़ा बेटा सागर जो एक अच्छी नौकरी करता है और उसकी बीमी मदू है और छोटा बेटा तेज जो अभी कॉलेज में अपने लास्टर की पढ़ाई पूरी कर रहा होता है।
01:28बिंदू और यश्राज ने कभी अपनी बेटी तारीनी को पढ़ने नहीं दिया, जिसकी शिकायत वो आज तक करती है।
01:58पाच साल से एक दुझे को जानते हैं।
02:01आइनो तेज, जैसे तुमने अपने जज़बातों को मन में चुपा के रखा, वैसे मैंने भी चुपाया।
02:07मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन मैं तुमसे शादी कैसे कर पाऊंगी।
02:12क्यों? कौन रॉक राया हमें?
02:28तुमें इस सब की चिंदा मत करो, I'll fix that all, बस बरूसा और हिम्मत रखो।
02:33तीज घर जाकर अपने माता पिता बिंदो और यश्राज से बात करता है इस बारे में, और प्रिती के बारे में जानकर बिंदो और यश्राज कहते हैं।
02:41है? तु बोरा गया है क्या लल्ला? देख, ये सब हमारे घर में ही नहीं, राज घरानों में भी होता है, अप्रिती के माबाप होंगे फिर फुरी, लेकिन हम नहीं।
02:51हाँ बेटा, ये शादी कता ही नहीं हो सकती, शादी में लड़का आगे और लड़की पीछे होती है, वैसे ही जीवन में भी पत्नी पती से एक कदम पीछे ही होनी चाहिए।
03:04ठीक है, अगर आप लोगों को ये सही लगता है, तो मैं भी वही करूँगा जो मुझे सही लगता है। अब आप सब मेरा मरा हुआ मुई देखोगे, गंगाजल तयार रखेगा।
03:34लेकिन बिंदू, यश्राज और सागर अब भी इस शादी से थोड़े से नाखुशी होते हैं। जब घर के सभी आदमी खाना खाने बैठते हैं, तब प्रीती भी उनके साथ खाना खाने के लिए बैठती है, तबी…
04:04क्यों? मेरा मतलब, खाना तु सब का एकी होता है न, तु सब अलग-अलग बैठ कर क्यों खाए?
04:10प्रीती, तुम चलो ना रस्वय में, चलो, सब के लिए कटोरी में खीर परोस्नी हैं। लेकिन मधु दीदी…
04:16प्रीती, मा और मधु जो कह रही है, वो सब सुनो। तेज, अपनी बीवी को कुछ समझाओ।
04:22प्रीती… प्रीती गुस्से से उठकर रस्वय में चली जाती है, और मधु के साथ खीर को कटोरियों में परोस्नी में लग जाती है।
04:32प्रीती, हम इस घर की बड़ी बहु हैं। उसके बावजुद भी हमें हर मामले में, हर काम में पीछे रखा जाता है।
04:39जूती की नोक पे रखा जाता है, क्योंकि हम पड़ी लिखी भी नहीं है। अब सोचो, हम बड़ी बहु होकर भी हमारा ये हाल है। तो तुम्हारे साथ क्या-क्या होगा।
04:50मदो दीदी, आप पड़ी लिखी नहीं हो, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। लेकिन ये जो कुछ भी हो रहा है न, आदमी और आउरत का भीदभाव। ये सब बहुत ही बेकार और इल्लोचिकल है। आज दुनिया कहां से कहां पाँच गई है। आज की जमाने में आउर
05:20आपको पता है मदो दीदी, आपना बहुत क्योट हो, आपको किसी की नजर ना लगे। सभी जब सभी हाल में एकतरित होते हैं तभी बिना घूंगट ओडे, प्रिती को देख कर। प्रिती बहु, अब क्या तुम्हारे लिए दिवार पर बड़े अक्षरों में इस घर के त
05:50ना घूंगट कर दिखी न, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, मधुबाहु को देखो, सोते समय भी घूंगट ओडे ही सोती है, नेंद में भी ये हमारे आदेशों का पालन करती है, और हाँ, एक और बात कान खोल कर सुन लो, आइंदा से बडो से, और अपने इर्द गि
06:20समझा का रख, प्रीती निराश हो जाती है, और अपने कमरे में चली जाती है, रात में वो तेज से कहती है, तेज, ये सिब क्या हो रहा है, तुमारे घरवाले इतने पागल कैसे हो सकते हैं, अगर मुझे ये अंदर की बाते पता होती न, तो मैं कभी तुमसे शादी नहीं
06:50और बहुं के लिए, अब उनने तो फॉलो करना ही होगा न, आई नो, वो थोड़े बहुत गलत हैं, लेकिन अब हम और कर भी क्या सकते हैं, एक दिन जब यश्राज दूद वाले का हिसाब कर रहा होता है तबी, ये तीन हफते जुलाई महिने के और दो हफते अगस्त के, त
07:20उफो, ये कैलकुलेटर चल क्यों नहीं रहा, मैं हिसाब कैसे करूंगा, पांच हफतों का हिसाब मिला जाए तो बनते हैं, छे सो असी रुपे, क्योंकि हमने तीन रवीवार और चार मंगलवार को दूद नहीं लिया था रगवईया से, तो उस हिसाब से ये हिसाब बनता ह
07:50मैं तुब बिलकुल भी ध्यान नहीं देगी, चल, दफाओ यहां से अब, नचाने कौन सी घड़ी थी वो जब तेज को इससे प्यार हुआ, देखू फ्या मरा बीटा, इस तरह फिर से पृती को चुप कराकर रसुए में भीज दिया जाता है, कुछ दिनों बाद पृती ज
08:20तुम मेरे संदगी में पनोती हो तुम पनोती, लेकिन सागर जी, डॉक्टर साब ने कहा है कि आपके अंदर कुछ medical issues है, जिसके वज़से आप कभी बाब नहीं बन पाएंगे, अब इसमें हमारी क्या गल्टी है, आई मधू, ज्यादा उच्छी आवासे बात मत कर, वही त
08:50तुम मधू दिदी को क्यों सुनाना, वो क्यों सहे, सारे ताने, सारी डाट, सारी गल्टी मधू दिदी की कैसे हो गई, ए मास्टर नी, तो तो चुपी रहा कर, वो कहते है न, एक गंदी मचली पूरे तालाब को और बाकी मचलियों को खराब करतेती है, तू न, वैसी ही है
09:20foreign
09:27foreign
09:34foreign
09:39foreign
09:44foreign
09:47I am going to take a look at him.
09:50My hand!
09:52If someone is a god made a fool,
09:56one woman is a girl in the face.
09:59Do you understand, Saagar Waiya?
10:01You all, think one time, think,
10:04think, if the upper one has made a woman and woman together,
10:08then why do we have to change?
10:10Why women are behind her?
10:12Can you go together with each other?
10:15साथ में काम करके अपना घार अपने ग्रेशते चला सकते हैं ना
10:19गल्ती सोच की है अगर सोच बदलोगे तो ही बदलाव आएगा
10:23वन्ना जमीन में ही धसके रह जाओगे
10:25उतने में तेज अपने साथ पुलिस अफसर्स को लेकर आता है
10:28साघर भाई, आप मेरे बड़े भाई हो
10:31लेकिन आज जो मुझे आपके बारे में पता चला
10:34कैसे आप मधु भावी को मारते हो, उन पर अत्याचार करते हो
10:38इसके बाद से आप मेरे कोई नहीं
10:40मेरे लिए आप ना के बराबर हो गए हो
10:43Inspector Saab, go get rid of them.
11:13and Yashraj, which is fast and fast and fast,
11:16they both are their children's children's children's children.
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