00:00माझे चाल काई जाला, माझे काल पर निगालो आणी इकड़ा आलो, पार्त मुंबई मदे, मी उध्या रातीरी मुंबई जानारे, परन्तु मी मुंबई दियेल्यावर कला सांगनारे, के जे कौई प्रकरण जाला, ये प्रकरणा वळुन काई गूष्टी, तुमी लोकाणी �
00:30सब्सक्राइब
01:00लेज संगेतले होती है कि वहाला जाला है पुछुकी चाहे आणि वहाला महितीन होता है
01:07श्रचीत होता ना वडिल मुहंत पार्क पोर रड़े वीचार लाएका कि यहुडे पाइसे में इन्वेस्त करतो है
01:14आरे पाइसे सुने इवेस केला नहीं बाड़ा नहीं भाड़ा है विते सगह भगितल इंशी कोटे घशाला वन्तात
01:24कि अधान आधा आधा कोन फसल प्रश्ट विचारना पसला वाल कि पड़ी पसला विचारतोई ना आधा
01:49करना नहीं कि अधिकारी होते कांकिन कोड़ होते ते सवकशी जारे और सांतो ना अशी स्प्रेस कॉंफरेंगें सांतो
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