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  • 13 minutes ago
'समाज केवल कानून से नहीं, संवेदना...', बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत, देखें

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00:00आकेर समाज चलता कैसा है समाज क्योंकानून से नहीं चलता है अपनापन होता है उस अपने पन की समय दना उटकटता से अपने रुधाय में अनुभूत करके उसको सत्त-जागृत रखने का काम हम सब लोगों ने करना चाहिए हमारे रुधाय के अंदर जो दीप है उसको जल
00:30सब रुदयों में वही दीप जले इसके लिए हम जो जो कर सकते वो करना चाहिए तब अपना समाज खड़ा होगा तब भारत वर्शे खड़ा होगा तब हम विश्व गुरू बनेंगे
00:40क्यों कि आकिर विश्व को सिखाना क्या है विशो को यहीं सिखाना बगी सब बिश्व के पास है कि जान अधे
00:49पास है जान है विज्ञान है पैसा है सेना है सब कुछ है
00:59हमको पहले उनकी बराबरी करने हैं कि हमारे पास भी है तुमारे पास नहीं है लेकिन एक बात तुमारे पास नहीं है जो हमारे पास है
01:07वो वैसी क्यों है यह हमारे पूर्वत जानते थे उन्होंने हमको बताया है यह अपनापन जो है वहीं हम सब लोगों का मूल और नित्य स्वरूप है
01:22यह अत्मीयता क्यों है आत्मा के गरण आत्मा से अत्मीयता है अधिया सब में एक ही अस्वित्व है उसी को अपनी पुरंपरा में ब्रह्म कहते इश्वर कहते जो कुछ कहना
01:41कि और आज विज्ञानी कहता है कि कॉंशेस्टेस है मूल स्वरूप
01:47और कॉंशेस्नेस लोकल नहीं है युनिवर्सल है और प्रिएग्जिस्टिंग है उसे सब शुरू हुआ है
01:55तो हमारे पुरवजोंने नजाने कितने युगों पहले स्ट थारं किय वहां तक विज्ञान मुपमंभी पहुच्छा है लेकिन हमारे पास सथ्य किवल था एसे नहीं है
02:11उसका हमने परंपरा से आचरन किया है विपरित परिस्थितियों में भी आचरन करते हुए उसको जिन्दा रखा है हम सब लोगों के रुदय में उसका पूर्ण प्रगटन हो उसके आधार पर भारत बड़ा हो और बड़ा हो पर भारत सबको यही अपनापन सिखाएगा
02:30तो आज जो हमारे पास ज्यान है सुखस विदाएं हैं विद्यावगरे सब कुछ है उसके कारण संपूर्ण विश्व एक सुखसान की उप्तो सुंदर विश्व बनेगा और निल्लेई जैसे जो अनेक प्रयास देश में अन्यान्य समाजों में भी चल रहे है उनके करने वाल
03:00देख रहे हैं कि उसी कार्य के कारण संपूर्ण विश्व का जीवन केवल सफल नहीं हो रहा है तो सार्थक भी मन रहा है ऐसे सार्थक जीवन की आज आक में शुन देता हूं और मेरे चार सब्सम्द आपने सुन लिए इसलिए आपका धन्यवाद करता हुआ
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