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  • 19 hours ago
हमारे कारनामे देखिए आप... Azam Khan ने किसको दे दी खुली चुनौती? 
 

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00:00हम दोनों ने एक शराब की दुकान लूटी ती, देखिए हमारे कार्णामे तो देखी आप, बोतलों के अलावा 16,900 रुपया गले से भी लूटा था, हम तो गिनीज बुक में भी पता नहीं हमें कहां जगा मिलेगी, जब हमारा इतिहास दिखा जाएगा, मैं माफिया नमबर
00:30जाना चाहता है, जंगल राज में नहीं जाना चाहता है, तो उन्होंने कहा वंदे भारत को जिस तरीके से लगातार एक देश के भक्ती में है, लेकिन अगर बात की जाए तो विपक्च इसको लगातार पीछे ले जा रहा है, अब देखिए, जैस समाज वात तो कहेंगे न
01:00तो वो अपनी बादशाहत के लिए, अपनी कुरसी, अपने राजनेतिक भविश्य के लिए जतनी कोशिश हो सकती है करेंगे और उन्हें करना चाहिए, जब अख़ड़े में पहलवान उतरते हैं, तो हर पहलवान जीतने के लिए उतरता है, हम भी हैं कहीं दूर खड़े ह�
01:30करेंगे तमाम लोग अच्छले लगा रहे हैं कि आज हम खड़े हुआ हैं अपनी शारों से, वो अभी दूर नहीं है, कहीं में कहीं में दिली कहा रहे गया, दिली कहा रहे गया, अगर कभी सुन लोगे तो आपके कई बंदू रोते वे बाहर निकले हैं मेरे ड्राइंग र
02:00आए कि इलाज कराने के लिए खुला गया कि आप लगनों कराईए तो साइब आपने उसको लेकर करके कहा तक मैं रहूंगा तहाँ
02:06अस फारी बार मिनिस्टर था जेट सिर्णी की सरक्षा � Building. свои
02:27तो हम तो गिनीज वुक में भी पता नहीं हमें कहां जगह मिलेगी
02:33जब हमारा इतिहास दिखा जाएगा तो उसमें भी हम सजा के मनतजर हैं।
02:40पता नहीं अभी तो मालूम नहीं है।
02:56देखते ही नहीं हैं चश्मा लगा रखा है।
03:04देखेंगे तो दर्द होगा दर्द होगा तो चल नहीं पाएंगे।
03:09लेकिन कोई नारा किसी में दहशत पैदा करने के लिए नहीं हो।
03:23ये तो मैंने 20 वरस पहले कहा था।
03:26कि अगर किसी मुसल्मान महले से नारा एक तक्बिर अग्बर कहा जाए।
03:32इसलिए कि बराबर हिंदु महले के बच्चे सोते वे सहम जाएं और उड़ जाएं।
03:36तो ये नारा इसलाम का नारा नहीं होगा।
03:39खीक उसी तरह अगर हर हर महादेओ का नारा इसलिए लगए कि मुसल्मान देश्चे ज़दा हो जाएं तो भी सही नहीं होगा।
03:46जाएं होगा।
04:00अब उनकी बात का तो जवाब मुसल्मान लीजे आप तो अच्छा है।
04:03हमारे मित्र हैं और हम चाहते हैं कि वो शुब शुब बोला करें।
04:08और आजकल बोल रहें शुब आपकर सुनते नहीं हैं तो आपकी गलती है।
04:13अब पतानी किन खालात ने क्या कह दिया होगा।
04:16कुछ पी नहीं कहना चाहें।
04:27क्छी नहीं कहना चाहें।
04:30क्छा कहेंगे।
04:32हमारी भी रोजी-रोटी का कही ठीकाना था
04:35हाँ भी भूल दोजर चला।
04:37किसे ही को रहे हैं।
04:38दोज़ार 27 के चुछाव को लेकर के अंलेश यादो लगातार पीडिये बोले करके जखरीये हैं।
04:45पीडिये बन्टायद भी किया गया पीडिये को लेकर के आप किया रहा हैं।
04:49किया पुछ रहेंगे 27 के क्या और भूमिका होगी आपको बता दूँ।
05:07जानता हूँ आप चाहते हैं बदलाव आए। इतना कह सकता हूँ कि हम उसमें हिस्सेदार होंगे।
05:17मजबूत है।
05:19मजबूत है।
05:21मैं माफिया नमबर एक खड़ाता हूँ आपके सामने।
05:27मैं खड़ाता हूँ आपके सामने।
05:31मुझसे बड़ा माफिया कौन है।
05:33मैं खड़ाता हूँ आपके सामने।
05:35मैं तो मिसाल हूँ
05:37हूँ और मेरे बाद सदियों मिसाले दी जाएंगी लोग हमारे
05:41किसे कहानियों की तरह सुनाया करेंगे आपके बच्चे अपने
05:45बच्चों को सुनाया करेंगे और बताएंगे कैसा दोर भी हंदुस्तान
05:48में आया था
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