00:00एक लड़के की दो गल्फेंट थी एक रोज ये बात दोनों गल्फेंट को पता चल गई अब दूसरी गल्फेंट ने लड़के के सामने एक शर्त रखी कि वो अपनी पहली गल्फेंट को मार दे तब ही वो उसके साथ रहेगी लड़का सच मुझ पहली गल्फेंट को मार दे
00:30कानपूर से करीब सौ किलो मिटर दूर बांदा जिले में यमुना नदी के पुल पर चलती पुलिस की ये तफ्तीश
00:40पुलिस के साथ मौजूद नए उम्र का ये दर्का
00:43और पुलिस के वही खातों में हमेशा हमेशा के लिए घुम हो चुकी ये लड़की
00:50ये एक लड़की के कतल का वो दीगर केस है जिसे चार महिने का वक्त गुजरने के बावजूद पुलिस अभी तक पूरी तरह सुझा नहीं सकी
00:59पुलिस के पास कातिल भी है कतल का मोटीव भी यहां तक की सबूत मिटाने में कातिल का साथ देने वाला उसका दोस्त
01:06लेकिन अगर कुछ नहीं है तो वो है एक अदद लाश जिसके कतल की तफ्तीश फिलहाल कानपूर पुलिस के जिम्मे है
01:15और जिसकी तलाश में पुलिस पिछले चार महिनों से कानपूर से लेकर बांदा तक का जर्रा जर्रा च्छान रही है
01:22यह और बात है कि कतल के बाद लाश के साथ एक सिल्फी लेकर कातिल ने खुधी अंजाने में पुलिस के हाथ अपने जुर्म का एक ऐसा सबूत दे दिया है
01:31जो अदालत में भी उसके गुनेगार साबित होने की वज़़ बन सकता है
01:35कतल तो खैर खामोशी से पहले ही हो चुका था
01:39लेकिन सही माइनों में इस कहानी के शुरुआत हुई आठ अगस्त को
01:43जब कानपूर के ही सुजनीपूर गाउं की रहने वाली विज़श्री नाम की एक महिला ने
01:48अपनी बेटी की गुमशुद्गी की रिपोर्ट लिखा
01:50विज़श्री ने कहा कि उसकी 20 साल की बेटी आकानशा कानपूर के हनुमंत विहार इलाके में रहती थी
01:57और शहर के एक रेस्टोरेंट में काम किया करती थी
02:00लेकिन जुलाई के महिने में वो एकाएक कुछ ऐसे गायब हो गई
02:04कि अब करीब 20 दिनों का वक्त गुजरने के बावजूद उसका कोई अता पता नहीं
02:08वैसे आकानशा की गुमशुद्गी तो खैर अपनी जगद
02:12लेकिन जिस बात ने उसके घरवालों को सबसे ज़्यादा हैरान किया
02:16वो थी उसका अपने मुबाइल फोन से अजीवो गरीब तरीके से बातें करता
02:21असल में आकानशा का भाई काम के सिलसले में दिल लिगया थी
02:24लेकिन उसने अपना मुबाइल फोन अपने घर में ही छोड़ दिया था
02:28ताकि उसकी माँ उससे और उसकी वहनों से बात कर सके
02:31जाहिर है इस बात की जानकारी आकानशा को भी थी
02:35लेकिन इसके बावजूद जब 22 जुलाई को आकानशा की माँ ने
02:39आकांशा से बाद करने की कोशिश की तो उसने फोन नहीं उठाए
02:42इसके बाद जब उसकी माँ या यानि विजश्शी ने अपने बेटे के मोबाइल नंबर से आकांशा को मैसिज किया
02:48तो आकांशा ने जवाब दिया भईया मैं आपसे बाद में बात करुगा
02:52जबकि काइदे से आकांशा को ये मैसेज अपनी मां के नाम लिखना चाहिए
02:57क्योंकि भईया तो उसका दिल ली गया हुआ और आकांशा को इसबात की खबर
03:02ऐसे में सवाल ये था कि आखिर आकांशा ने भाईया के ना होने की बात जानते हुए भी ऐसा जवाब क्यों लिखने बस यहीं से अपनी बेटी की गुमशुद्गी पर विजश्री का शक गहरा गे और वो पुलिस के पास पहुँच गया
03:16तीन दिन तक परिवार से अकांशा बनकर बात करता रहा रोपी और फिर एक टेक्स मेसेज ने खोल दिया इस हत्या का राज
03:23दरसल अकांशा की मा विजश्री ने बताया कि उसका बेटा जब दिल्ली नौकरी करने गया तो अपना फोन घर पर ही छोड़ गया
03:30वैसी फोन से अपनी बेटीयों से बात करती थी और यह नमबर आकांशा के फोन में भईया नाम से सेव था
03:37जब मा ने अपनी बेटी का हालचा लेने के लिए मैसेज किया तो वहाँ से रिपलाय आया कि भईया मैं बात में बात करती हूँ
03:45जिसके बाद मा को शक हुआ कि ये फोन कोई और चला रहा है
03:49असल में आकानशा कानपूर में सूरज कुमार नाम के एक लड़के के साथ रहा कर दी
03:54ऐसे में आकानशा के घरवालों का शक सूरज पर ही था
03:58और उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से भी की दी
04:01लेकिन जब पुलिस ने सूरज से पूचताच चालू की
04:04तो वो पुलिस को गोल गोल खुमाने लग उसने बताया
04:08कि उसकी कुछ रोज पहले आकानशा से लड़ाई हो गई थी
04:11जिसके बाद वो खर छोड़कर चली गए
04:13लेकिन जब पुलिस ने उससे सक्ती से पूचताच की
04:16तो उसने न सिर्फ आकानशा का कतल करने की बात मान ली
04:20बलकि कतल को लेकर एक ऐसी कहानी सुनाई
04:22कि पुलिस वाले भी हक्के बक्के रोगे
04:25उसने बताया कि उसने आकानशा की हत्या करने के बाद
04:29उसकी लाश को कानपूर से करीब 100 किलोमीटर दूब बांदा के इसी चिल्ला पुल के उपर से उफंती यमुना नदी में प्लेख दिया
04:37और लाश को ठिकाने लगाने के इस काम में उसके एक दोस्त ने भी उसका साथ दो
04:42लेकिन आखिर उसने आकानशा का कतल किया ही क्यों और कतल के बाद उसने आकानशा की लाश के साथ सेलफी क्यों ली
04:49तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको कुछ महिने पीछे चलना होगा
04:54आकांशा की मुलाकात पतेपुर के रहने वाले सूरज से पहली बार इंस्टाग्राम पर ही हुई थी
05:00जिसके बाद दोनों में प्यार हो गया और दोनों ने कानपुर के एक रेस्टूरेंट में काम करना शुरू कर दिया
05:07और दोनों लिविन में रहने लगे
05:09लेकिन इस कहानी में असली ट्विस्ट तब आये जब आकांशा को सूरज के बारे में एक सच पता चल गया
05:16असल में सूरज रहता तो आकांशा के साथ ही था लेकिन उसका एक और भी लड़की से अफ्रेयर था
05:22और अब आकांशा को इसकी जानकारी मिल शुकी जिसके बाद दोनों के बीच अकसर लड़ाईयां होती थी
05:28उधर सूरज की नई नई गल्फ्रेंड बनी लड़की भी उससे दोनों में से एक लड़की को चुणने के लिए कहती ही
05:35ऐसे में 21 जुलाई को पहले आकांशा के साथ उसकी लड़ाई हुई और फिर घुस्से में सूरज ने अपने ही कमरे में आकांशा की गला घूट कर हत्या कर दी
05:4421 तारीक ते को इसकी जगड़ा हुआ है काना फोर में
05:50हद तो ये रही कि आकांशा की हत्या करने के बाद लाश ठिकाने लगाने से पहले
06:13उसने उसकी लाश के साथ एक सिल्फी ली और इसे अपनी नई गल्फरिंड को आकांशा को रास्ते से हटाने के सबूत के तौर पर भेज़े
06:22अब गतल तो हो चुका था लेकिन सूरज के सामने आकांशा की लाश ठिकाने लगाने की बड़ी चुनौती थी
06:29तो उसने फतेपूर के ही अपने एक दोस आशीश को फोन किया
06:33और उसे पूरी बात बता उसने आशीश से लाश ठिकाने लगाने में मदद महंगी और उसे अपने पास कानफूर बुला लिया
06:40इसके बाद दोनों दोस्तों ने मिलकर आकांशा की लाश एक सूटकेस में फरी और उस सूटकेस को बाइक पर रखकर लाश ठिकाने लगाने निकल पर
06:48आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों लाश लेकर कानपूर से करीब सौ किलो मिटर दूर बांदा के यमुना फुल तक गए
06:56और फिर मौका देखकर सूटकेस समेट लाश को इसी फुल के उपर से नीचे फिंक
07:01इत्तिफाक देखिए कि लाश को नदी में ठिकाने लगाये हुए अब चार महीनों का वक्त गुज़र चुका है
07:08सिर्फ कानपूर और बांदा ही नहीं बलकि कई जिलों की पुलिस लाश की तराश करके ठक चुकी है
07:14लेकिन उसका अब तक कोई पता नहीं
07:16सूरज ने आकानशा की जान लेने के बाद उसकी लाश ठिकाने लगाने के लिए जितनी और जैसी साजिश रची
07:23पुलिस को गुमरा करने और बाकी सबूत मिटाने के लिए भी उसने उतना ही दिमाग दोड़ाए
07:2921 जुलाई को कतल करने के बाद तीम दिनों तक तो वो आकानशा के मोबाइल फोन से ही आकानशा बनकर लोगों से चैट करता रहा
07:37ताकि वो सभी को भर्मा से और फिर 25 जुलाई को उसने आकानशा के मोबाइल फोन को कानपूर सेंटरल पहुँचकर एक ट्रेन में रख दिया
07:45ताकि ट्रेन के साथ ही मोबाइल फोन कानपूर से कहीं दूर चली जा
07:49और लोगों को लगे कि आकानशा शहर से भाग चुकी है
07:53कुछ देर के लिए लोगों को ऐसा लगा भी
07:56लेकिन जब कुलिस ने शक के घरे में आए सूरज से सक्ती से पूछताच की
08:01तो वो ज्यादा देर तक ठीक नहीं सकी और उसने खतल की पूरी कहानी कबूल कर दी
08:19कई समय बीच जाने के बाद फिलहाल पुलिस अभी तक लाश का पता तक नहीं लगा पाई है
08:25वीडियो जनले शुब हम शुक्ला के साथ सिमर चावला कानपूर आज तक
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