00:00योग आईवेद बद्दती हमारे 3000 वर्ष पुरानी योग बद्दती है और 3000 वर्ष पूर्थ उस समय के महान विशी सुशुद और विशी चरण जी ने इसको उस समय के जीवन के अंदर लोगों के उप्चार करें लाए चाहिए
00:27और योग भी हमारे इसी तरीके से सबसे पार्चिंतम पद्दती है मारशीद पतंजली जी ने योग की सिधात्तों को लागू किया योग की आचार सहीता बनाई और हमारे रिशी मुन्यों ने इसके अभ्यास को किया
00:48और हमारे प्रदान नंदी मानने में बोरी जी ने इसको दिनिया में पोचाने का काम किया यह हमारे वियास सबसे लिखें जयात की कहानी और इसलिए
01:00कि आज भी बेखती कि सुस रहने की और सुस रहने के लिए अगर सबसे पहले उसके जीवन की प्रापित्ता होती है तो पोशिश करता है कि मैं आईवेग पंद्दती की दवायों के मात पज़ुए
01:20क्योंकि वो जानता है कि आईवेग पंद्दती चिकिसा पंद्दती जो रोगों को पर्मानिल्ट खतम करती है वो जानता है इसके साइटिकेट नहीं है
01:34मैं किसी के आरोशना नहीं कर रहा है लेकिन हम सब जानते हैं कि एलोपेटिक दवायां के मिटल के आधार से बनती है और आईवेग की दवायां हमारी चड़ी मुटियों से बनती है और इसलिए हम हमारी ग्रासर धर्म आठ्यर्पी को मानने वाले लोग हैं और उस समय
02:02जब युद्ध की अवस्ता थी और लश्वन जी को मुर्चित होए थे उस से मैं मान की जड़ी मुर्चित लाके उन्होंने लश्वन जी को जिवन दाने हैं
02:19हम तो विचारों को मानने वाले हैं तो फिर इतनी सालों में हमारी
02:26पत्वियों के अतिरद को दीरे धीरे बहुत सारा प्रित अंब आया हमारी जीवन में प्रित अनए हमारे कान पान में प्रित अन्ए
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