Kalki 2898 AD एक हाई-फाई एक्शन फिल्म! जिसमें भविष्य की दुनिया को दिखाया गया है जहां अच्छाई और बुराई के बीच महायुद्ध होता है। इस फिल्म में प्रभास, दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और कमल हासन मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म पौराणिक कथा और भविष्य की तकनीक का शानदार मेल है।
#Kalki2898AD #KalkiMovie #Prabhas #DeepikaPadukone #AmitabhBachchan #KamalHaasan #SciFiMovie #IndianCinema #MythologyMeetsFuturism #BollywoodAction #IndianMovie
• Creative common Content
✿ Copyright information:
Video Footage used From Social media As Telegram, Downloaded Videos. For Reaction
✿ Voiceover powered by Elevenlabs[elevenlabs.io]
License & API Keys: sk_6e6a6-+-+-+-+-+-de4008a0da
⚠️ COPYRIGHT ISSUES:
If you have any copyright concerns, Please email teenabrobh@gmail.com
We will remove the clip or video or reach an agreement. Thank you.
@Hindimovie @ATVSearial @UrduDUB
#Kalki2898AD #KalkiMovie #Prabhas #DeepikaPadukone #AmitabhBachchan #KamalHaasan #SciFiMovie #IndianCinema #MythologyMeetsFuturism #BollywoodAction #IndianMovie
• Creative common Content
✿ Copyright information:
Video Footage used From Social media As Telegram, Downloaded Videos. For Reaction
✿ Voiceover powered by Elevenlabs[elevenlabs.io]
License & API Keys: sk_6e6a6-+-+-+-+-+-de4008a0da
⚠️ COPYRIGHT ISSUES:
If you have any copyright concerns, Please email teenabrobh@gmail.com
We will remove the clip or video or reach an agreement. Thank you.
@Hindimovie @ATVSearial @UrduDUB
Category
📺
TVTranscript
00:00जंगल में हिर्णियों का एक शांती पून जुन रहता था। वे मिल जुल कर चरती थी, पानी पीती थी और हर खत्रे से एक दूसरे को सावधान करती थी। लेकिन एक दिन जुन्ड की दो हिर्णियों में किसी बात पर विवाद हो गया। शायद भोजन को लेकर या जुन्ड
00:30एक ने पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी। लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही। सुबह होते होते एक हिर्णी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई। दूसरी हिर्णी चो घायल तो थी �
01:00जोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहाँ आ पहुंचे। उन्चंगर में हिर्णों का इस्नामच पूमच गंठाना श्रू कर दिया। वे मिल्चो अचर्णी कपकी कर्व से जीम में दौरती थी और हर अफरे से एक जानपरों का भोजन बन जुखी थी। लेक
01:30दूसरी ने हार नहीं मानी। लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही। सुबह होते होते एक हिर्नी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई। दूसरी हिर्नी चो घायल तो थी पर जीवित थी। उसका सींग अब भी
01:58मरी हुई हिर्नी के सींग में फसा हुआ था। जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे।
02:28दूसरी ने हार नहीं मानी। लड़ते लड़ते रात हो गई। अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही।
02:38दूसरी ने हार नहीं मानी। लड़ते लड़ते रात हो गई।
02:48अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही। सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई।
02:56दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी। उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था।
03:04जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोम्री, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहाँ आ पहुचे।
03:14जंगल में हिरनी का इश्रनी को नोच नोच कर खाना शुरू के मिल जुलकर चटी थी।
03:19जो फिरनी कभी प्री जंगल में तोड़ी थी। और हर खत्रे से एक मासा हारी चाहरों का भोजन बच चुई थी।
03:25लेकिन एक दूसरी हिरनी जुन्ड की जो हायलों में किसी वाद थी।
03:29लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी।
03:50लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चाह गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही।
03:56सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई।
04:02दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी। उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था।
04:11जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे।
04:19जंगल में हिरनी मरत शरणी के उन्मून खुण न आगर खाना शूबर में जुलकर चर्ति थी नी कभी बनी भी से जंगल में बॉट पर थी खत्रे थी वो आमसे तो साहती जंगलों का भोजन पन चुई थी, लेकिन एक दूसरी लीच्विट की जो घायलों में किसी वहीती �
04:49तो शायद आज एक में शेखानी की कुशिश की, लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी.
04:56लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चा गया, और पूरी रात वे संघर्ष करती रही.
05:02सुबह होते होते, एक हिरनी थक कर गिर पड़ी, और अंततह मर गई.
05:07दूसरी हिरनी, चो घायल तो थी, पर जीवित थी.
05:12उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था.
05:17जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे.
05:24जंगल में हिरनी का इशानी को नो जुन रहता हाँ, शुरूबे मिल जूलकर चट्चो धिलनी कभी कर्व से त्री अखल में दौड़ी और हर खत्रे से एक दूसरी हिरनी जुन्द की जो घायलों कर किसी बात पर विबाद हो एक भैभी तनस्रों से ये सजन को लेकर या जु
05:54लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हु
06:24पिद्ध, लोम्री, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुंचें
06:54लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हु
07:24हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे, जंगल में हिरनी का इच्छानी को नोच नोच कर खाना शुके मिल जुल कर चर्टी थी, जो हिरनी कभी बनी की से जं�
07:54था, धीरे दोस्तों पहस्त आपको गड़ाई और हिंकार के और दोनों दढ़ने लगी, एक तब किसींग आपस में तकर चरा करती है, और इस तकराव में वो दोनों पूरी तरह भास के तो शायद आज एक में पीछे ख़णने की कोशिश की, लेकिन दूसरी ने हार नहीं मा
08:24तो थी, पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये ख़बर फैली, गिद, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे, जंगल में हिरनी के उनोंच नोच कर खाना शूबे मिल चुल क
08:54वह भेडिये मौके शायद गोजन को लेकर ये जंग उसे अपने की पहस रावाथ हुआ था, धीर दोस्ते बहस ने पुगड़ाई पले हिंकार के वल वे दोनों न गढ़ने लगी, एक्तम के समझताई ही जीमें टकराश करती है, और इस टकराव में वो दोनों पूरी तरह �
09:24थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी चो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहाँ आ पहुँचे, �
09:54लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया,
10:24और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिध, लोम�
10:54लेकिन दूसरी हिरनी जो घायलों में किसी बाद पर विवाद होवे एक भैर की नश्चा के गोजन को लेकर था, जैसे हिरनी पहस ने को गड़ाई पर एंकार केवल और दूसरी हिरनी लगी, एक तमसे सींग अधरी जीवित की राखशा करती है, और इस टक्राम में वो दोन
11:24लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
11:54जंगल में हिरनी निम्रत आश्राणी उन्मूल जुन रहने लाए खाना शुबह मिलचल कर चरती थी नी कभी बनी कर गीती जंगल में दौबर अब हर खत्रे से एक दूसरी हाँ लोगा बोजन बन चुकी थी, लेकिन एक दूसरी निर निजुन की जो घायलों में किसी वाहत
12:24रही भस गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये ख़बर फैल
12:54लोम्री, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुचे
13:24लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिरनी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी
13:53मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
14:23थी, दोस्तों पहस ने कोड़ाई लिए हिरनी कोशिश की, लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया, और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, ब बेढ़ते ने अमदों अदों दूसरी थाज करती भाई,
14:25दोस्तों, आप सी लगण रूप ले लिए अंकार केबल और दोनों लड़ने लगी, एक कम किस दीन आरी इजिमिन की रख्षा करती है, और इस रख्रावगरों को दोनों पूरी तरही भसकें, तो शायद आज एक जन पीछे रखने की कुशिश की, लेकिन दूसरी ने हार नही
14:55जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये ख़बर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे, जंगल में हिरनी का इश्णी को उनल चुन नोच का कहाना शुरू कर मि
15:25जोजन को लेकर या जुण कुझे अपनी अपनी काहसा को लेका था, धीरे धीरे पहस आपसी लड़ाई और रहिंकार के वल और दोनों लड़ने लगी, एक तम के समझता आपस जीवन की राखशा करती है, और इस का अगर वो दोनों बिलकर रहती तो शायद आज एक में पी
15:55और अंततह मर गई, दूसरी हिर्नी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अभी मरी हुई हिर्नी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे, जंगल में हिर्नो
16:25लेकिन एक दूसरी ने हार नहीं मानी, लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चागया, और पूरी रात है
16:55वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिर्नी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिर्नी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिर्नी के सींग में फसा हुआ था, जैसे ही जंगल में ये खबर फैली, गिद्ध, लोमडी, सिया
17:25दूसरी ने हार नहीं मानी
17:55लड़ते लड़ते रात हो गई, अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही, सुबह होते होते एक हिर्नी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई, दूसरी हिर्नी जो घायल तो थी पर जीवित थी, उसका सींग अब भी मरी हुई हिर्नी के सींग में फसा हुआ
18:25लड़ते लड़ते लड़ते हैं
18:55जैसे ही जंगल में ये खबर पैली, गिद्ध, लोमडी,
19:25सीयार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
19:29जंगल में हिर्नी का इचिर्नी को पूर जुन रहने चाहत कहाना शुरू कर दिया
19:33जैसे ही जंगल में तोड़ते हैं
19:37जैसे ही जगल में तोड़ते हैं
19:41जुन की जो खायल होकर किसी वात तर विबाद हो एक भेड़ी नजज़ों से जोचन को लेकर या जुन उसे अपने तहसा को लेका था
19:49दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चागया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
20:11सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
20:17दूसरी हिरनी चो घायल तो थी पर जीवित थी उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
20:26जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
20:34जंगल में हिरनी मुरत आई श्राणी उन्मों चुन नोच कर खाना श्रूगे मिल चुलकर चर्टी जो हिरनी कभी बानी की जंगल में बोड़ती हर खत्रे से एक दूसरी हाली जंगलों कर भोजन बन चुकी थी
20:44लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया
21:14और पूरी रात वे संघर्ष करती रही सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में भसा हुआ था जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद लोमडी सिया
21:44लेकिन दूसरी ने
22:14और भेडिये मौके की तलाश में वहां आपहुचे
22:44जंगल में हिरनी का हिरनी को नो जुन रहा कर खाहाना शुरूपे मिल जूलकर चर्जी थी नी कभी गर्व से लिखल में दौड़ी और हर खत्रे से एक दूसरी जानवरों का भोजन बन चुकी थी लेकिन एक उसरी हिरनी जुन की जो घायलों कर किसी बात कर विवाद हो एक �
23:14जायद आज एक दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
23:26सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
23:41जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहाँ आ पहुँचे
23:49जंगल में हिरनी का इचनी को पूरों चुन रहे ता कहाना शुरू कर मिल जूलकर चट्डियों तभी आई बीते जंगल में तोड़ी थी और हर खत्रे से एक दूसरी को स्टाव कर दूजन बंच चुकी थी
24:00लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी
24:25लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
24:31सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
24:37दूसरी हिरनी चो घायल तो थी पर जीवित थी
24:41उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
24:46जैसे ही जंगल में ये ख़बर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
24:54जंगल में हिरनी का इस नाकि वोन जुझन नोचकर खाना शूकर मिल जुलकर चर्थी ती नी कभी वाणी कर भी से जंगल में बाड़ी खतरे से एक मासे तो साहां गोजन बन चुगी थी
25:05लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी
25:30लड़ते लड़ते रात हो गई
25:32अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
25:37सुबह होते होते एक हिर्नी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
25:42दूसरी हिर्नी चो घायल तो थी पर जीवित थी
25:46उसका सींग अब भी मरी हुई हिर्नी के सींग में भसा हुआ था
25:51जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
25:59जंगल में हिर्नी मरत आश्राणी के उनों जुन रने दाएर खाना शुब ए मिल जूलकर चर्थी ती नी कभी बनी कर्वी से जंगल में दौड़ की खत्रे से एक मासरी तो सी जंगलों कर भोजन बन चुकी थी
26:10लेकिन एक दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात आश्राणी की कोशिश की लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी
26:35लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
26:41सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
26:47दूसरी हिरनी चो घायल तो थी और जीवित थी उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
26:56जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
27:04जंगल में हिरनों का हिरनी को नोच नोच कर खाना शुरूबर मिलचुल कर चट्च जो हिरनी कभी गर्व से ती जंगल में दोड़ती और हर खत्रे से एक उस्रावाई चानवारों का भोजन बन चुकी थी
27:15लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी
27:40लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
27:46सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
27:52दूसरी हिरनी चो घायल तो थी पर जीवित थी
27:56उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
28:01जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
28:09जंगल में हिरनी का इशनी को पूरों चुन नोच कर कहान शुरू कर मिल जुल कर चड़ी थी जंगल में तोड़ी थी और हर खत्रे से एक दूसरी हिरनी चुन्ड की जोख हैलों कर किसी बात पर विबाद होए एक भैवीत नजश्चादी सब देख लेकर या जुन्ड में अ
28:39लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही सुबह होते होते एक हिरनी थक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर जीवित थी उसका सींग अभी मरी हुई हिरनी
29:09लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुँचे
29:14जंगल में हिरनों का इशनी को पूर जुन नोच कर खाना शुरू कर मिल चुल कर चर्थी जो हिरनी कभी पाली वीते जंगल में दौड़ी और हर खत्रे से एक दूसरी हिरनी जुन्द की दो हिरनों में किसीरी वाल कर विबाद होए एक भैबीत नजशार दिये सब देख ले
29:44तो शायद आज एक में पैसनी की कोशिश की लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई दूसरी हिरनी जो घायल तो थी पर ज
30:14लोम्री, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहां आ पहुंचे
30:19जंगल में हिरनी भरत चाहिनी पूर जुदने दागर खाना शुबे में चुलकर चट्टी ती नी कभी बनी भी से जंगल में बोड़ते ही और हर खत्रे से एक मांसरी तो साव लोम्रों कर गोजन बन चुकी थी
30:30लेकिन एक दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चाह गया और पूरी रात वेड़ते ही तो साव लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी
30:55लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चाह गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
31:01सुबह होते होते एक हिरनी ठक कर गिर पड़ी और अंततह मर गई
31:07दूसरी हिरनी चो घायल तो थी पर जीवित थी उसका सींग अब भी मरी हुई हिरनी के सींग में फसा हुआ था
31:16जैसे ही जंगल में ये खबर फैली गिद्ध, लोमडी, सियार और भेडिये मौके की तलाश में वहाँ आ पहुँचे
31:24जंगल में हिरनी का इशनी को नों शुन रहे का खाहाना शुरू पे मिल जुलकर चर्चियों हिरनी कभी अभी गर्व से लखल में दौड़ थी और हर खत्रे से एक दुसरी हिरनी चुन्ड की जोग हैलों में किसी भी पर विवाद हो एक भैगी नश्चादी बोजन को लेकर
31:54लेकिन दूसरी ने हार नहीं मानी लड़ते लड़ते रात हो गई अंधेरा चा गया और पूरी रात वे संघर्ष करती रही
32:06सुब
Recommended
0:51
|
Up next
36:29
7:42
6:15
1:41:51
7:15
38:42
43:30
Be the first to comment