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  • 2 days ago
झारखंड स्थापना के 25 सालों में झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में क्या बदलाव आया है, उससे जुड़ी रिपोर्ट.

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00:00राज गठन के 25 बर्स पूरे होने पर जहारखन ने सिक्षा के छेत्र में उल्लेखनिय प्रगर्टी दर्ज की है।
00:06सरकारी स्कूलों की संख्या बड़ी है, विद्यार्थियों का नमांकंदर सुधरा है और विश्विद्यालयों के साथ-साथ तक्निकी संख्थानों का बिस्तार हुआ है।
00:36एक फिजदी तक पहुची है, लेकिन यह अब भी राष्टिय ओसत से पीछे है। सबसे बड़ी चुनोती सिक्षकों की कमी है।
01:06सिक्षकों के नियमित नियुक्ति और सोध संस्कृति को बाढ़ावा देना आवश्यक है।
01:10सिक्षकों की रिक्तियां पूर्ण नहीं हो पाई।
01:22अभी भी बहुत सारे ऐसे पद हैं जो रिक्त रह गया हैं इतनी बहाली के बाद की।
01:28इन्वर्ण सिट्यों में पद रिक्त हैं अब जाके एक दो दिन पहले कुछ बहालिया हो रही है।
01:34वही हालात है हाई स्कूल का और नीचे का प्राइमरी ठीचरों का है।
01:40और यह जारखन बहुत दूर दिन भेलने जा रहा है।
01:44इस तरह की बेवस्थाम पढ़ाई नहीं है।
01:48उसके समय पर किताबे उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
01:52सिच्छक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
01:55उनको जो पढ़ना चाहिए।
01:58सिलेबस, सिलेबस के अनुसार प्रहाई नहीं होने से उनका कैरियर पर परभाव पढ़ा रहा है।
02:05और यह नीचे से लेके उपर तक है।
02:08यहां जो लोग M.A. पास कर रहे हैं, B.A. पास कर रहे हैं, बिना सिच्छक के पास कर जा रहा हैं।
02:14एक भी सिच्छक नहीं है, बचा हर एक साल पास कर रहा है।
02:17तो अब आज के जो अभी higher education में कुछ promotions हुए हैं।
02:23यह टीचरों की ज़गरत नहीं है।
02:262008 का vacancy बहुत पहले की vacancy से मान कर की गई थी।
02:31अब आज का जो vacancy है, जो दर होना चाहिए, सिच्छक और छात्रनुपात होना चाहिए, उस पर होना चाहिए।
02:39यही primary school का, middle school का, high school का, पलस्टू का भी होना चाहिए।
02:45syllabus भी लोग complete करने भर सिच्छक नहीं है।
02:49सिच्छकों के भारी करने भारी करने।
03:19बनी हुई है।
03:20जहारखणने सिच्छा के छेत्र में नई दिसा तो पकड़ी है, लेकिन गुनवत्तापुर्ण समाविशी और रोजगार प्रमुख सिच्छा के लक्ष तक पहुँचना अभी बाकी है।
03:30चन्दन भटाचारिया, ETV भारत, राची।
03:33झालची।
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