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पूरा वीडियो : मौत नहीं, अधूरी कहानी डराती है || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2025)
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00:00हर बीतते सेल डिविजन के साथ सेल्स करप्ठ हो रही है, एजिंग हो रही है, पुल पर धाचे पर जंग लग रहा है, जंग लगातार लग रहा है, लग रहा है, लग रहा है, धाचा लगातार, कमजोर हो रहा है, एक दिन आएगा कि वो भरबरा के धाचा गिर पड़ेगा, �
00:30है अड़े मैं आया ही नहीं कभी तो जाओंगो कैसे है जाने कितने कंकालों से मिलकर बनाओं मैं सैकड़ों हजारों लाखों कंकाल जब अपना छोटा-छोटा-छोटा अंच देते हैं तो आप और मैं खड़े होते हैं
00:51आप कंकाल बनने से क्या घबरा रहे हो आपके एकी शरीर में करोडों कंकाल बैठे हुए हैं कितने कंकालों ने अपना अपना हिस्सा दिया है तब ये एक कंकाल खड़ा हुआ है आप क्या घबरा रहे हो कोई कहीं नहीं जाने वाला सुचो वो भी रोय होंगे अपनी मौत पर
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