Skip to playerSkip to main content
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00021

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
ये वीडियो वेदान्त संहिता - 28th मई, 2025 के लाइव सत्र से लिया गया है|
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant

Category

📚
Learning
Transcript
00:00आउ यहां आउ आओ आओ दो depressed
00:08तुम आउ
00:12चलो आउर खड़े हो जाए तुम यहां खड़े हो ताकि सबकु दिखाई दो तुम वहां खड़े हो जाए अब एक दूसरे गामने सामने हो जाए
00:21फेस ही चदर ठीक है आप मान लो हुट तुम्हें परक्षिश करती है
00:27हाठ चलो एक देखक बचालिया है ये ना कैसे बचालिया है तनके खड़ा ये फिट से मारने कोशिश करो
00:42बचालिया और कुछ किसी तरीके से घूँसा मारो पेट में फिर बचालिया है तनके खड़ा हुआ है
00:50अब तुम बताओ को स्वार्थ जुन जुना कुछ बूलो मैं तुझे कुछ दूंगी करो डल्चाओ लल्चाओ अब तुम लालच में आजा जुक जाओ जुको पूरा जुम जुक जाओ और जुक ज़क ठीक है
01:06अभी जुक गए हैं
01:08अब कुछ भी हो सकता है
01:10मरो
01:11और हो
01:13जुके आदमी पर कोई रहम नहीं
01:17उसने खुद ही कहा है मुझे
01:18मरो, हाँ जुक जाओ जुके रहो
01:20मरो
01:21क्या ही बचा सकता है अपने अपको
01:24तना रहता तो बचा रहता
01:26इस आदमी से ज्यादा
01:30दुर्दशा किसी की नहीं होती जो जुका खड़ा है
01:32इसे अब कहीं भी मारा जा सकते
01:34इसे कुछ नहीं दिख रहा
01:35जो जुक गया उसकी नजरों ने
01:38आसमान से नाता तोड़ लिया न
01:39इसको अब क्या दिखाई दे रही है बस
01:42जमीन
01:43आसमान से मिलती है ताकत
01:46इसको अब सिर्फ जमीन दिखाई दे रही है
01:47यह जुक गया
01:48इसे कुछ नहीं दिख रहा
01:50तो यह तो कुछ देखतो रहा नहीं अब तुम इसर से आओ
01:52इसे कुछ नहीं दिख रहा
01:55लगा अच्छे से लाग
01:56लगा दो लगा दो
02:00जुके आदमी के साथ यही होता है उसे पता भी नहीं चलेगा पिछवाड़े में लाथ पड़ रही है उसे पता भी नहीं चलेगा वो जुक गया है
02:09तने रहोगे तो बचे रहोगे जुकोगे तो बहुत पिटोगे और जुके इसलिए थे कि पिटो नहीं
02:23जुकते तो इसलिए हो कि जुक जाएंगे तो पिटने से बच जाएंगे ना ना ना जुकोगे तो और पिटोगे
Be the first to comment
Add your comment

Recommended