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00:00सच्ची जीत प्रतित दंदी पर नहीं आपनी ही बेडियों पर ही होती है जब महीला क्रिकेट टीम जैसी बाहारी जीत होती है तो क्या ये केबल खेल की बिजय पर है या ये उस मानसिक गुलामी पर है जो सदियों से स्त्री को सिमित करती आई है
00:18जूजती हुई लड़की भले वो होकी का मैदान हो कि क्रिकेट के पिछ हो ये एथलेटिक्स हो उनहीं पसंद आएगी ज्यादा तर लोगों को क्योंकि अगर वो क्रिकेट में या बैड्मिंटन में जूज सकती है तो फिर वो समाज से भी जूज सकती है इंडियन वुमन की त
00:48और किस मैदान में भावना के मैदान में नहीं खेल के मैदान में पर इस जीत का हमें सही इस्तिमाल करना है ताकि हमें याद आए कि अभी बहुत कुछ है जो जीता जाना बाकी है जहां हम बुरी तरह हार रहे हैं रोज हार रहे हैं लड़कियां हैं जो बिना किसी तहशत के
01:18वो बहुत चाहिए और उठाओ खत्रा हो सकता है एक दो बार ओंधे मुपड़ो चोट लगे खून बहे हार मिले कोई बात नहीं फिर भी उठाओ खत्रे तो आपके घर में अगर बेटियां है या बहने आपकी या कोई भी महिला आपके घर में उनको जूजना सिखाईए उसक
01:48महिला च्रिकिट की जीत पर अपनी आज की कविता में कहा की सची एप फ्रती देंदी परने अपनी ही बेढ़ी ओपढ़ होती है कि जब महिला क्रिकेट टीम जैसी बाहरी जीत होती है तो क्या यह केबल खेल की बिजने पर है ९ह उस मानसिक गुलमी पर है जो शदियों से स
02:18का पूरा आप मजमा देख रहे हैं चारो तरफ उसमें एक मूलभूत अंतर है, ज्यादा तर लोग जो बधाई दे रहे हैं वो बधाई क्रिकेट को दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें क्रिकेट पसंद है, मैं क्रिकेट को नहीं बधाई दे रहा हूं, ठीक है, मैं ज्यादा व्या
02:48जब महिला होकी टीम विश्व कब जीत ले या कि शत्रंज में कोई लड़की कोई महिला बाजी मार ले जाए या इथलेटिक्स में वो सब जगए आप अगर सबसे उची जगए पर पहुंचते हो बात महिला की है तो वो वो स्पश्टी करन देना जरूरी है क्योंकि ज्यादा
03:18देखो जूजती हुई लड़की भले वो हौकी का मैदान हो कि क्रिकेट के पिछ हो या इथलेटिक्स हो उनहीं पसंद आएगी ज्यादा तर लगों को क्योंकि अगर वो क्रिकेट में या बैडमिंटन में जूज सकती है
03:48तो फिर उस समाज से भी जूज सकती है उसने जूजना सीख लिया
03:54इसलिए आप देखोगे कि परंपरा से हमने जहां कहीं भी चित्रन करा है या वरणन करा है चाहे लिखा हो और चाहे चित्र बनाया हो
04:09एक आधर्श लड़की का या महिला का या मा का तो उसमें वो हमेशा कुमलांगिनी है हमेशा
04:19उसका वरणनी ऐसे होगा कि मुलायम मुलायम है अगर उसके हाथ कहीं दिखाये जा रहे हैं बाहें तो आपको उसमें ऐसा नहीं होगा कि मजबूत मास्पेशियां दिख जाएं या बाइसेफ्स दिख जाएं नहीं होगा
04:35चाहे धार्मिक रचनाकार हो या साहित्यकार हो
04:41चाहे शास्त्र लिखा गया हो या कविता लिखी गई हो
04:45सब में यही कहा जाएगा कि ऐसी उसकी नाजुक उंगलियां हैं
04:51और नाजुक कलाईयां हैं
04:53और कई बार तो उसके कमजोर होने को
04:57ये उसके सौंदर का प्रतीक बना दिया जाता है
05:00कि छूई मुई है
05:02छूई मुई समझते हो
05:03कि इतनी कमजोर है कि छूदो तो मुर्झा जाएगी
05:07छूने भर से गिर जाएगी
05:10हमने तो नहीं सुना कि चौड़े कंधों की बात हो रही हो
05:15तब भी नहीं होती थी आज भी नहीं होगी
05:19यहां इतनी साए लड़के बैठे हैं
05:20मैं कहूँ कि गल्फरेंड चौड़े कंधों वाली
05:22एकदम घबरा जाएंगे
05:24बात समुझ में आ रही है
05:29और इतना ही नहीं
05:30जब आप जो विकसित
05:34वैचारिक रूप से और आर्थिक रूप से
05:38जो विकसित विश्व है
05:39उसकी महिलाओं के साथ
05:41प्रतिसपरधा करते हैं और जीत भी लेते हैं
05:44तो इससे आपको पदा चलता है
05:45कि भारतिये महिला
05:47में कुछ खास नहीं है
05:50जो में कहा जाता है न कि
05:52देखिए इंडियन वुमन की बात ही
05:54दूसरी होती है वो तो होती ही कमजोर है
05:56इंडियन वुमन की तो बात ही दूसरी होती है
06:00वो तो होती ही कमजोर है
06:01भावुक बहुत होती है
06:03बहुत कोमल होती है हृदै से
06:04नहीं कमजोर नहीं होती
06:07वो कड़ी भी हो सकती है
06:08और उसका प्रमाण ये है कि उसने गोरी महिलाओं को हराया है
06:11और किस मैदान में? भावना के मैदान में नहीं, खेल के मैदान में
06:16तो इससे जो परंपरागत कमजोरी की छवी रही है उसको चनौती मिलती है
06:26इसलिए ये घटना उलेखनी है
06:29और फिर कह रहा हूँ, क्रिकेट नहीं, इसमें अथलेटिक्स भी आता है
06:34इसमें बैडमिंटन भी आता है, इसमें टेनिस भी आता है, इसमें स्विमिंग भी आता है
06:38है नहीं हमारे पास इतने अच्छे महिला एथलेट्स उनक्षित्रों में
06:42अब मैं जिमनास्टिक्स कहूं तो बहुत हमें उचे नाम मिलेंगे नहीं
06:45बीच बीच में यदा कदा कुछ तारे कौंध जाते हैं
06:49पर बहुत बड़ी विजय है हमें पाश-दस साल में कभी एक बार देखने को मिलती है
06:54मैं छोटा था तब पीटी उशागी देखने को मिली थी
06:57कि अचानक से जाकर कि एशियाड में उन्होंने कई गोल्ड सामने रख दिये
07:03वो बीच बीच में होता है कई कम होता है
07:06लेकिन जब हो तो उसको समझा जाना चाहिए कि ये क्या है
07:13और उसका सही दृष्टी से सेलिब्रेशन होना चाहिए
07:18तो तरह तब आता है जब उस सेलिब्रेशन में मूल मुद्दे भुला दिये जाते हैं
07:27आप खुश तो बहुत हो जाओगे कि देखो
07:30मैन इन ब्लू और विमेन इन ब्लू एक बराबर हैं
07:33पर कैसे एक बराबर हैं आबादी में ही पांच करोड का अंतर है एक बराबर कैसे हो गए
07:37एक बराबर कैसे हो गए
07:39कैसे हो गए
07:42ठीक जब मैच चल रहा होगा उस वक्त भी दरजनों या सैकडों भुरूड हत्याएं चल रही थी
07:48एक बराबर कैसे है
07:49ये नहो कि ये जो पूरा पॉम्प और कलर और फेस्टिविटी और चियर फुलनेस है
07:57इसमें जो असली मुद्दा है वो और छुप जाए
08:01हमें भरम हो जाए कि महिला सचमुच सशक्त हो गई
08:04महिला सचमुच सोतंत्र हो गई
08:06कैसे हो गई
08:07बहुत अच्छी बात है कि जीता
08:09पर इस जीत का हमें सही इस्तिमाल करना है
08:12ताकि हमें याद आए कि अभी बहुत कुछ है
08:14जो जीता जाना बाकि है
08:16जहां हम बुरे तरह हार रहे है
08:17रोज हार रहे है
08:22बात आ रही यह समिझ मैं
08:24आप अभी भी देखिएगा
08:26आप होकी टीम उठाईए, आप रिकेट टीम उठाईए, जहां कहीं भी टीम्स होती है, यह आइटलेटिक्स की भी आप टीम उठाईएंगे, तो उसमें आप एक बात पर गौर करिएगा,
08:35कि देश की जो आबादी है, उसमें जो हिंदी हार्ट लैंड है, वो कितना प्रतिशत है, कितना है, कितना है, वो पचास प्रतिशत है, और आप होकी टीम ले लो या, पचास प्रतिशत से ज्यादा है, पचास प्रतिशत से ज्यादा है, अगर हम पूरा ही नौर्थ इंडिया �
09:05लेकिन जब आप composition देखते हो किसी team का तो उसमें आप पाते हो कि UP इकका दुका, MP इकका दुका, राजस्थान कहां है, बिहार कहां है, कहां है, कहां है, इससे कुछ पता लगना चाहिए
09:25हाँ, celebrate हम भी करना चाहते हैं, पर हम ये भी समझना चाहते हैं, कि जो देश के सबसे गरीब और कमजोर इलाके हैं, वहां महिलाओं की हालत क्या है, वहां उनकी हालत ये है, कि वो national team में भी representation नहीं पा रही है
09:40का नौर्थीस्ट से रहती हैं, साउथ से रहती हैं, हरियाना से रह लेती हैं, पंजाब से रह लेती हैं, पर सबसे ज़्यादा आबादी इन जगों पर तो नहीं है ना, सबसे ज़्यादा देश की आबादी है, और माने सबसे ज़्यादा महिलाएं जहां रहती हैं, वहां �
10:10हम देख पा रहे हैं
10:16टीम
10:19मैं जब अभी पूछा गया कि
10:25जो मेंस क्रिकेट टीम है वो तो जीत भी नहीं पाई
10:28और विमेंस क्रिकेट टीम जीत गई
10:31तो अभी बात उठी कि उनकी तुलना में इनको कितना पैसा मिलेगा
10:35मैंने का तुलना अगर करनी ही है तो तुलना के लिए तो एक बहुत अच्छा सूचकांक हमारे पास होता है
10:42लेबर पार्टिसिपेशन रेट
10:43यह वहां करलो न
10:46वो कमाती ही कितनी है घर में भी कितना कमाती है जो फिर खेल के मैदान पर बहुत कमाए
10:54हमारे घरों में भी वो कितनी हैं जो कि कमा रही है
10:59और हमारे पास ऐसी सुचना ऐसे प्रमाण आ रहे हैं
11:04कि लेबर पार्टिसिपेशन रेट कई खेत्रों में और गिर रहा है
11:07क्यों गिर रहा है क्योंकि उन घरों में समरिध्य आ रही है
11:16जब समरिध्य आ रही तो पहले तो फिर भी महिला काम कर लेती थी
11:19अब उसको कह रहे हैं कि अब तुझे काम करने की ज़रोद क्या है
11:21तू घर पे बैठना मैं लाके दूँगा
11:23माने जो काम कर भी रही थी हूं बस मजबूरी में कर रही थी
11:28कि पती की तनखा पूरी नहीं पड़ती तो मैं भी कुछ कमा लेती हूं थोड़ी बहुत additional income
11:32माने काम करना जीवन में सार्थक स्वतंत्र काम करना उनकी individuality का हिस्सा नहीं था
11:44मजबूरी का हिस्सा था और जैसे ही वो मजबूरी थोड़ी घटी काम छोड़ दिया
11:48इन सब बातों गों में देखना पड़ेगा
11:56Corporates में कितना representation है
12:01Parliament में कितना representation है
12:04Institutions तरह तरह के उन में कितना representation है
12:08Judiciary में कितना representation है
12:10कितने percent CEO महिलाएं है
12:14कितनी percent venture capital महिला entrepreneurs को जा रही है
12:22क्योंकि आगे चलकर value creation so called capital creation
12:29तो वही करने वाले है न
12:30तो economy के vanguard पर भी महिलाएं कितनी है
12:34यह सब सवाल भी पूछने पड़ेंगे
12:35लेकिन फिर भी जो हुआ
12:40उसकी जो तस्वीरे ही है वो बड़ी लिबरेटिव है
12:44लड़कियां हैं जो
12:48बिना किसी authority की दहशत के
12:54आगे बढ़ रही हैं अब आगे बढ़ करके केंद को उच्छालते हो छक्के के लिए
13:02यह अपने आप में risk की बात होती है
13:06वो आगे बढ़ रही है और six
13:09स्टंपिंग भी हो सकती थी
13:11जो डरा होता है वो risk है वर्स होता है
13:14risk लिना माने डर को चुनौती दी जा रही है
13:17जो कि इस देश की महिलाओं को बहुत चाहिए
13:19कि दो चुनौती आगे बढ़ो
13:21हाँ खत्रा है कि स्टंपिंग हो सकती है
13:23या catch हो सकते हो
13:24पर उठाओ खत्रा
13:26हो सकता है एक दो बार
13:29ओंधे मूँ पड़ो चोट लगे
13:30खून बहे हार मिले कोई बात नहीं
13:32फिर भी उठाओ खत्रे
13:33बात हारी ये समझ में
13:38हारी बाजी को भी जीतना सीखो
13:40जैसा सेमिफाइनल में हुआ था
13:42अगर आथा कि ये तो गया
13:44पर महां पर भी डट गए कि हाँ
13:49इस्थितियां प्रतिकूल है
13:50और अगर आप महिला हैं तो संभावना यही है
13:52कि आपको इस्थितियां तो प्रतिकूल मिलेंगी
13:54पुरुषों के लिए जरूरी है कि वो जूजना सीखें
13:59पर अगर आपके घर में लड़की है
14:02तो उसके लिए तो दूना जरूरी है
14:04कि आप उसको जूजना सिखाएं
14:06लड़की को तो जुजारू होना ही पड़ेगा
14:09क्योंकि उसका जो क्लाइमेट है
14:12उसको जो महाल मिलता है
14:13वो तो बाई डेफिनिशन एड़वर्स होना ही है
14:16लड़की को तो फिर भी फेवरेबल क्लाइमेट मिल सकता है
14:20किसी भी इंस्टिटूशन में या समाज में या कहीं भी
14:23पर लड़की के लिए तो बहुत बहुत ज्यादा संभावना है
14:26कि वो जहां भी जाएगी उसको महाल प्रतिकूल ही मिलेगा
14:29एड़वर्स ही मिलेगा
14:30तो आपके घर में अगर बेटियां है या बहने है आपकी
14:34या कोई भी महिला आपके घर में उनको जूजना सिखाईए
14:36उसको सर जुकाना मत सिखाओ
14:40सर तो उसका शताब्दियों से जुकाई हुआ है
14:43उसको सर उठाना सिखाओ
14:45बात आ रही है समझ में
14:49और साथ ही साथ सर उठाना अहंकार की ही अभिव्यक्तिन बन जाए
14:55इसके लिए उसको अध्यात्म से जोड़ कर रखो
15:01नहीं तो महिला भी होती तो मनुष्य ही है
15:05वो भी बहुत बुरा गिर सकती है
15:14वो भी एकदम पिशाचनी बन सकती है अगर उसके केंद्र में अहंकार बैठ गया
15:19तो हमें जूजना भी सिखाना है
15:23हमें जीतना भी सिखाना है
15:25हमें सर उठाना भी सिखाना है
15:27लेकिन साथ ही साथ केंद्र केंद्र पर सकते रहे ये भी सिखाना आवश्यक है
15:36नहीं तो फिर वो उस तरह वाला फेमिनिस्म शुरू हो जाता है
15:42किस तरह वाला कि अल दीज मैं दीज डॉग्स
15:47I'll kick them all away
15:52वो वाला फेमिनिस्म फिर शुरू हो जाता है
15:54वो अपने आप में और बड़ी बीमारी है
15:57गुड़ीवनिग अचारी जी
16:01अचारी जी मेरा क्वेस्टिन यह है
16:04जैसे आज इंडिन टीम जीती
16:05गर्स इंडिन टीम
16:06ओफिस में देर वोज अ सेमिनर
16:08टाइप इन अभरी गेस्रेड ओफिसर रैंक
16:11अब बड़ी बात नहीं है
16:17यह वो खतम हुआ
16:21अब लुगोड़ी लुगोड़ी आप चलो अपना काम करो यह बहुत बड़ी बात नहीं है
16:29क्रिकेट खेलवाने की वज़े से कितना कुछ जेला होगा
16:39कि कोस दियार्ट क्रिकेट
16:42यह अच्छी बात नहीं है
16:43उनके बहुत कुछ सुनना पड़ा होगा
16:45और करनी तो शाधी ही है
16:48बात कर रहे हैं जो कि बहुत अच्छे कॉलिफाइड लोग है
16:52CGL Qualified, UPSC Qualified
16:55stage पर बहुत इच्छे से बात है कि जैसे ही खतम हुआ
16:58they started talking like this
17:00इन लोगों को कैसे
17:02तो आप से किस ने कह दिया कि UPSC से कुछ हो जाता है
17:05आपके सवाल में
17:08आपके सवाल में
17:12माननेता बैठी हुई है कि UPSC Qualified है
17:15गजेटेड ओफिसर्स है
17:17तो उनमें कुछ विशेश बात होगी
17:20आपको इमाननेता रखने हो किस ने कहा
17:23क्यों रख रहे है आप इमाननेता कुछ नहीं है
17:25Sir, even the females
17:27जो वहाँ पे उस पोस्ट पे है
17:29आपको इमाननेता क्यों रख ली
17:30कि आत्मग्यान के बिना
17:32female और male
17:33में कोई अंतर होता है
17:35sir, उन्हें समझाएं कैसे
17:38कि कम से कम आप तो इस तरह से बात कर रहे हो
17:40like
17:40समझाने के लिए तो मैंने
17:43पुरी दुनिया हिला रख ही है
17:45समझाने का काम थोड़ा मुझे दे दिया करिये
17:55okay sir
17:58समझाने नहीं
17:59अगर मैं वहाँ पे कुछ बोल भी रही हूं
18:02तो they all are like कि अब तुम जहांसी की रानी मत बनो
18:05जाओ तुम भी खेल के हो
18:06इट इस टेप कि आप उनसे बात ही नहीं कर पार हो
18:08जहांसी की रानी मत बनो तो जहांसी की रानी की जितनी प्रतिमाएं है
18:12हटा दो फिर
18:13अगर जहांसी की रानी बनना नहीं है
18:15तो जहांसी की रानी फिर पाट्टि पुस्तकों में क्यों है उनकी प्रतिमाय मूर्तियां चित्र वरणन क्यों है ये पाखंड क्यों है फिर जहांसी की रानी को वैसे तो इतना संबंदेना है पर घर में लड़की अगर मुझ खोलेगी तो कहो जहांसी की रानी मत बनो
18:31जासी की रानी से संबंधित जब कोई दिन आएगा, उस दिन मंच पे चड़किया हिम्मत है तो बोलिया कि जासी की रानी मत बनो
18:46Thank you, sir.
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