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Mokama: दुलारचंद हत्याकांड (Dularchand Yadav) मामले में पुलिस (Police) ने मोकामा (Mokama) के दबंग अनंत सिंह (Anant Singh) को गिरफ्तार किया है। हालंकि ये पहली बार नहीं है जब अनंत सिंह को पुलिस ने (Mokama Police) उठाया हो। अनंत सिंह का जेल से रिश्ता 13-14 साल की उम्र में बन गया था। तबसे लगातार जारी है। अनंत के अपराध की कहानी बेहद जबरदस्त है।
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00:00अनंत कुमार सिंग, जिन्हें पूरा मुकामा छोटे सरकार के नाम से जानता है, पटना में उन्हें मुकामा का डान कहा जाता है और विहार की राजनीती में एक कुख्यात अपराथी के तौर पर उनका तमाम पुलिस की फाइलों में नाम दर्श है।
00:15पाँच बार के लिए भले ही मुकामा की सीट जीती हो, विधायक रह चुके हो और जेडियो आर जेडी और निर्दली टेक्टों से विधान सवा पहुँच चुके हो लेकिन उनके जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अपराथ के साहे में गुजरा है।
00:45जितने इंटर्व्यूज उनके वाइरल होते हैं उसके पीछे उनका एक शातिर दिमाग गिया है।
01:15अनन्त क्राइम कहानिया भी है।
01:17तो आई ये नजर डालते हैं उनकी क्राइम पुंडली पर।
01:20नमस्कार में हो कुल दिब्दिवेदी और आप देखना शुरू कर चुके हैं वन इंडिया।
01:24जो हत्या अपहरन और हत्यारों से जुड़े दर्जनों मामलों पर उनकी रिहाई हुई थी।
01:31और ये माना जा रहा था कि मुकामा में अब आसानी से जदियू जीत जाएगी।
01:36लेकिन अब उसी मुकामा में राजद नेता और जन सुराज के समर्थक दुलार चंद की हत्या के केस में जडियू के प्रत्याशिय और पूरों विधायक अनन सिंग को ग्रफतार कर लिया गया है।
01:48अनन सिंग बावबली माने जाते हैं और उनका अपराधिक रेकॉर्ड बहुत लंबा है।
01:52और ये शुरू होता है अस्सी के दशक जब आधा बिहार उस वक्त पैदा भी नहीं हुआ था।
01:58आधे बिहार से यहां मत्तब है कि आधा बिहार जो आज मोटर है, शादी सुदा है, बाल वच्चे वाला है उसका तब जन्म भी नहीं हुआ था।
02:28इसी दवरान बाढ़ और मोकामा में अनन्थ सिंग की आपराधिक सत्ता भी उन्हीं की छत्र शाय में कायंब हुए थी।
02:34उन्हीं की छत्र शाय में कायम हुई थी। अनन्द सिंग की आपराधिक यातरा की अगर बात करें तो इतना लंबा है कि अनन्द सिंग आज भी इस छवी को छुडाने के लिए कई बार दावा तो करते हैं कि सब केस फर्दी हैं।
02:48लेकिन जिस अनन्द सिंग का जन्म 5 जनवरी 1967 को पटना जिले के नदावा में हुआ था और वो भी एक जमीदार परिवार में इसके बाद जो उनके भाई से उनको जितनी सीख मिली वो उनके लिए काफी थी।
03:02वो चार भाईयों में सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाई दिलीप सिंग भी बाहु बली नेता हुआ करते थी।
03:32अदावत में अनन्द सिंग के बड़े भाई विरंची सिंग की मुन्नी लाल ने हत्या कर दी थी। इसके बाद अनन्द सिंग ने भी चुन्नी लाल के कई परिवार वालों को मौत के घाट पतार दिया था।
03:46कहा जाता है कि मुन्नी अनंद की बीच कई सालों तक खूनी अदावत बाढ़ की धर्ती को लाल करती रही और खून से सीशती रही।
03:53देगू सराय के पास मुन्नी लाल की हत्या के बाद अनंद सिंग कुनबे का खौप बाढ़ और उसके आसपास खूचाया रहा।
04:01कहा जाता है कि उस वक्त उनके खिलाफ कोई आवाज उठाने वाला नहीं थी जिसने आवाज उठाई उसका काम खत्म हो गया।
04:09उसकी जुबान या तो खत्म कर दी जाती थी या फिर हमेशा के लिए खामोश कर दी जाती थी।
04:15असी के दशक में ही अनन्द सिंग की अदावत मोकामा के महेश सिंग से भी ठनी थी।
04:19उस समय तक अनन्द सिंग की आपराधिक सत्ता की गूंच पूरे विहार में पसर चुकी थी और अनन्द सिंग बेहत को ख्यात हो चुके थी।
04:28अनुंत सिंग ने महिश्ट सिंग को रास्ते से हटाने के लिए मोकामा के रंगरूट नरे सिंग से हात मिला लिया था और नगर के जेपी चौक पर 1985 में महिश्ट सिंग की बं मार करके हत्य कर दी गए थी
04:421985 में दिलीट सिंग ने मोकामा से निर्दली उम्मीद्वार के तोर पर विधान सभा का चुनाव लड़ा लेकिन कॉंग्रेस के श्याम सुन्दर से हार गए थे
04:51इस जंग की पराजय के बाद दोनों भाईयों का आतंक बढ़ता चला गया
04:56इस दोर में बाड के राजपूत लड़ाकों की एक अच्छी खासी सेना खड़ी हो गई और इन लड़ाकों के वीश में एक खुनी जंक इछड़ गई थी
05:05अनन्द सिंग ने इस दोर में दरजनों राजपूत युवाओं की हत्त्या करके अपना वर्चस बना लिया था
05:12राजनीती में बढ़ते कदम 1990 के चुनाव में दिलीज सिंग ने जनता दल के टिकट पर सियासी सफर का आगास किया
05:191995 के चुनाव में बाड विधानसवा छेतर से अनन्द सिंग के भाई सच्चिदा अनन्द उर्फ फाजो सिंग ने अपनी किस्मत आजमाई थी
05:28लेकिन अपने ही वंस के विवेका पहलवान से चुनावी मौजूदगी में उनकी हार हो गई थी
05:34इस चुनाव में विजय कृष्ण की जीत हुई थी
05:36पाजो सिंग की पराजय का ठीकरा अनन्द सिंग ने विवेका पहलवान पर फोड़ गिया
05:41परिणाम ये हुआ कि विवेका पहलवान को लदमा गाउं छोड़ना पड़ा
05:45क्योंकि बाहुबल इतना ज़्यादा सक्तिसाली था कि उसके पीछे पड़ गया था
05:50विवेका पहलवान ने गाउं तो छोड़ दिया लेकिन अनन्द सिंग से उनकी भीशन खुनी जंग हमेशा जारी रही
05:57इस जंग में अनन्द सिंग ने कई शूटर खो दिये और रिष्टेदारों को भी बली देनी पड़ी
06:02बाद के दिनों में अनन्द सिंग ने राजपूत सवाच के दरजण लोगों की पूर्टा पूरवक हत्यकी अफ्र कराई
06:22साल 2009 के चुनाव में अपने भाई दिलीब सिंग को चिताने के लिए सूरज भान समर्थक
06:28भवन चक निमासी बच्चों से इनको घर से खीच करके गोलियों से भुन दिया गया था और पूर्टा की सारी सीमा लांग करके उनके सिर को भी काट दिया गया था
06:38साल 2014 में बाढ़ में यादो समाच के पुटस यादो को एक अन्य युवक के साथ बेरहमी से मार दिया गया था
06:46इस घटना में अनन सिंग की गिरफ तारी हुई थी
06:49अनन सिंग का दो दशक का जितना लंबा सियासी सफर रहा है उससे कहीं लंबा कहीं लंबी लकीर अपराद में उन्होंने खीची है
06:57अपने बेखोफ अंदाज के लिए उनकी जितनी ख्याती है उतनी ही ख्याती और या यूँक हैं को ख्याती उनकी अपराध जगत में होने से भी है
07:06लिकिन हर बार उन्हें सत्ता का साथ मिला पार्टी कोई भी रही हो अनन्द सिंग के उपर सत्ता की छाया हमेशा रही है
07:15और यही हालात है कि एक दिन मुकामा के साथ साथ पटना में चल रही सरकारों के लिए अनन्द सिंग मजबूरी बन गए चाहे वो आरजेडी रही हो या फिर जदी हो
07:26यानि दोनों की जरूरतें अनन्द सिंग रहें और एक बार फिर से इसी जरूरत के बीच में हाल के सालों में उन्हें जेल से बाहल लाया गया था और उसके बाद एक बार फिर से चुनाव के बीच में उन्हें जेल का सफर करना पड़ा है
07:40अनन्सिन से जुड़ी हुई अगर कोई आपके पास कहानी हो तो मैं कमेंट बॉक्स में कमेंट करके शरूर बताएं
07:46इस ख़बर में फिलाल इतना ही अपडेट्स के लिए बने रहें वन इंडिया हिंदी के साथ तुमस्कार
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