00:00अज्यों मुझे आज इस बात की भी बहुत खुशी है कि आज हमारा चत्रिसगाड नक्सलवाद माओवादी आतं की बेडियों से मुक्त हो रहा है
00:15नक्सलवाद की वज़े से आपने 50-55 साल तक जो कुछ जेला वो पिड़ा दायक है
00:26आज जो लोग संभिदान की किताब का दिखावा करते हैं
00:34जो लोग सामाजी इन्याय के नाम पर गड़ियाली आँसु बहाते हैं
00:43उन्होंने अपने राजनितिक स्वार्थ के लिए आपके साथ दसकों तक अन्याय किया है
00:56साथियों माववादी आतन के कारां लंबे समय तक छतिस गड़ के आदिवासी इलाके
01:08सडकों से वन्चीत रहे
01:11बच्चों को स्कूल नहीं मिले
01:15बिमारों को अस्पताल नहीं मिले
01:19और जो जहां थे बम से उड़ से उड़ा दिया जाता था
01:26डॉक्टरों को टीचरों को मार दिया जाता था
01:30और दसकों तक देश पर साथन करने वाले
01:36आप लोगों को अपने हाल पर छोड़कर विलोग एर कंडिशन
01:46कमरों में बैठकर अपने जीवन का आनंद लेती रहें
01:51कि साथियों मोदी अपने आदिवासी भाई बहनों को हिंसा के इस खेल में
02:03बरबाद होने के लिए नहीं छोड़ सकता था
02:08में लाखों माता और बहनों को अपने बच्चों के लिए
02:18रोते बिलकते नहीं छोड़ सकता था इसलिए
02:24इसलिए दोहजार चौदा में जब आपने हमें आउसर दिया
02:31तो हमने भारत को माववादी आतंग से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया
02:41और आज इसके नतीजे देश देख रहा है ग्यारा साल पहले देश के
02:52सवासो जिले माववादी आतंग की चपेट में थे और अब
03:02सवासो जिलों में से सिर्फ सिर्फ तीन जिले बचे हैं तीन
03:11जहां माववादी आतंग का आज भी थोड़ा रुबाप चलाने की कोशिश हो रही है
03:23लेकिन मैं देश वास्यों को गारंटी देता हूं
03:28वो दिन दूर नहीं जब हमारा चत्तिजगाड हमारा हिंदुस्तान
03:37इस हिंदुस्तान का हर कौना माववादी आतंग से पुरी तरह मुक्त हो जाएगा
03:47साथियों यहां चत्तिजगड के जो साथी हिंसा के रास्ते पर निकल पड़े थे
03:58वो अब तेजी से हथियाद डाल रहे हैं कुछ दिन पहले कांकेर में बिश से अधिक नक्षली मुक्यधारा में लौट आये हैं
04:12इससे पहले सत्तुरा अक्तुबर को बस्तर में दोसों से अधिक नक्षलीों ने आत्म समर्पन किया था
04:22बिते कुछ महिनों में ही देश भर में माववादी आतंग से जुड़े दरजनों लोगों ने हथियार डाल दिये हैं
04:34इन में से बहतो पर लाखों करोडो रुप्य का इनाम हुआ करता था
04:41अब इनोंने बंदू के छोड़ करके हथियार छोड़ करके देश के सम्विधान को स्विकार कर लिया है
04:53साथियों माववादी आतं के खात में ने असंभव को भी संभव कर दिखाया है
05:03जहां कभी बंबंदुक का डर था पहा हालाद बदल गए है
05:09बिजापूर के चिकापली गाउं में साथ दसों के बाद पहली बार बिजली पहुंची
05:20अबुजमार के रिकाव या गाउं में आजाती के बाद पहली बार स्कूल बनाने का काम शुरू वहा है
05:31और पुवर्ती गाउं के जो कभी आतं का गड़ कहा जाता था
05:38आज वहाँ विकास के कामों की बयार बहर बै रही है
05:43अब लाल जंडे की जगह हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है
05:50आज बस्तर जैसे खेत्रब है डर नहीं उत्सव का माहोल है
05:58वहाँ बस्तर पंडुम और बस्तर ऑलिम्पिक जैसे आयोजन हो रहे हैं
06:06साथ यो आप कल्पना कर सकते हैं
06:08जब नक्सलवाज जैसी चुनवती के साथ हम पिछले 25 वर्सों में इतना आगे बढ़ गए हैं
06:16तो इस चुनवती के खात्मे के बाद हमारी गती और कितनी तेज हो जाएगी