00:00तो उनका अपना विचारधारा है, मेरा अपना विचारधारा है, मैं परियास करता हूँ जिस कलाच शेतर में था मैं, मुझे वही सही लग रहा था, मैंने वही की, बच्चपन से घरीबी में पला हूँ, घरीबी में बढ़ा हुआ, और घरीबी से बहुत सारी चीजे सीखी म
00:30अब कुछ बहतर करने के प्रयास है और ये कुर्शी अलग हो गई वो इंटर्टेन की दुनिया अलग हो गई तो मैं प्रयास करूंगा कि उस इंटर्टेन की दुनिया को भी जिंदा रखू और इस चीज को भी जो नित्र तो मुझे मिला है जो जिमेदारी मिली है उस जिमेद
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