00:00अभिभावकों की पीरा को समझते विए नेने लिया कि नीजी स्कुलों में और सरकाई स्कुलों में एक समान गणवेश करने का जो उनका नेने है जो उनका आदेश है बिलकुल वो स्वागत हो जो है और पूरी पेरेंट्स वेलकर सोसाइटी और सभी अभिभाव को उसका स्�
00:30कि हर बार ज्रेश बदलने के नाप पर किस तरह विभावकों से पैसा वस्तुला जाए ये बहुत बड़ी पीड़ा थी हम बार बार इसका निवेदन भी बार बार जो सरकारे आ रहे थी सभी से करते आ रहे थे लेकिन अब जाकर सिक्षामत्य ने इस पर संग्यान लिया और
01:00एक हीन भावना उनके अंदर थी कि ये प्राइविट विद्धाले में अच्छा पड़ता है नीजी स्कुल्म पड़ता है इसकी ग्रेस अच्छी है हमारी खराब है तो इस सभी दूरियां दूरों की जो बालमन है उस पर जो विपरीत प्रभाव पड़ रहा था इस गणव
01:30जान पाजी करते हैं उनकी जो लेकर ये मुखर रहते हैं लेकिन जो परदेश के अंदर वर्तमान में चिछ्छा वजवास्ता चल रही है उनको लेकर उनका कोई इस प्रश्टी करन विल्कुल भी नदर नहीं आता है आज प्रकास अभीवाव पिछ्टे च्हामें लेता आ�
02:00जिस पुर्कारि सकोलों के बढद बाद वावस्ता सामता आ रही है वो बढद बाद वावस्ता कैसे चुदेगी इसके अपक्ति पर सिछामंस पर स्पियार शृक्त करते हैं
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