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दिल्ली में कृत्रिम बारिश (Cloud Seeding) को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। Oneindia की टीम पहुंची Signature Bridge, जहां कई युवक और राहगीर नकली बारिश देखने पहुंचे थे।
किसी को पता था कि यह दिल्ली सरकार का वैज्ञानिक प्रयोग है, तो कुछ इसे बस “नकली बारिश” कहकर देखने आ गए।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल — क्या यह बारिश दिल्ली की हवा साफ कर पाएगी?
देखिए Shivendra Gaur की ग्राउंड रिपोर्ट Signature Bridge से।

Excitement filled the air as Delhi experimented with artificial rain through cloud seeding!
Oneindia team reached Signature Bridge, where youngsters gathered just to witness this “fake rain.”
Some knew it was a scientific effort by the Delhi government, while others were simply curious.
But the real question remains — Will this rain help clear Delhi’s toxic air?
Watch this exclusive ground report by Shivendra Gaur from Signature Bridge.

#DelhiRain #ArtificialRain #CloudSeeding #DelhiPollution #SignatureBridge #OneindiaHindi #ShivendraGaur #GroundReport

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Transcript
00:00नमस्कार वन
00:05आपका सौगत है महूर शिवेंदोर् आज ही खास कबर यह है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के कुछ
00:28वारिष देखना चाहता हो क्या है वास्ता में होगी नहीं होगी तो इस समय उस इलाके में हूँ जा मिलाइचना यूजना है
00:58तो खास बात क्या है कि यह क्लाउड शीडिंग है इसे हम कृतिम वर्सा कर सकते हैं कैसी तखनीक है जिससे बादलों में रासायन मिलाकर बारिश कराई जाती है इसका उद्देश दिल्ली की जहरीली हवा को साफ करना है
01:15दिल्ली सरकार ने आयाइटी कानपुर के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट शुरू किया है बताय जा रहा है इसकी कुल लागत लगबग तीन करोन 21 लाख रुपए हैं लेकिन यह काम तभी करेगा जब मौसम साथ दे यानि कि बादल नमी और तापमान इसके अन्खूल हो तो यह �
01:45से चाहूंगा हलका सा देखिए आपको बादलों के भीच से सूरज भी दिख रहा है तो यह बैग्यानिक तत्थ है थोड़ा इधर आईए बंटी बाहीं तरफ तक दिखाते हैं आपको कि यह जो मौसम है यानि कि यह बादल क्या वास्तम में इस बैग्यानिक तखनीक से क्र
02:15बारिस नहीं हो पाई है अब है क्या इसमें जो थोड़ा सा यह बताया कि आमने देखा इसमें कोशिस की समझने कैसे होता है क्लाउट सीडिंग है वह बैग्यानिक तरीका जिसमें जो बादल अगर मौजूद है अब जैसे हलका आपको धूम दिख रही है अगा थोड़ा उ
02:45करका प्पाएं इतना कभर करपा बादल काफी दूर होते लेकिन फिर भी हम आपको कोसिस कर रहा है दिखाने की तो यह बैगर हो मौजूद हो तो यह संभव है लेकिन उसमें क्या मावचाइन छोड़े जाते हैं कैसा चोड़े जाता है सिल्वर आयूडाइड नमक सोडियम
03:15बूंदों का रूप ले लेते हैं और इस तरीके से कृत्रिम बारिस करो या नकली बारिस करो इसकी दिल्ली सरकार की योजना है लेकिन अभी अगर मैं बात करूं यहां पर साम का समय हो गया है और अभी तक कोई ऐसी नकली बारिस नहीं हुई है काफी लोग आ जा रहा है दे�
03:45लोगों को जानकारी है नहीं है पता है आप लोगों को जानकारी है कि बारिस नकली बारिस कराने की योजनाफ बना रही है वह तो थोड़ी जानकारी तो है
04:04तो वोतारा है कि अगर बादल रहेगा तब हो पाएगी तो इसके पता है कैसे क कुछ सुना कहां कहीं पड़ा कैसे होती वारेस है
04:19वो चुनाय शेयरों में कहीं और होती है यहां मोसम ही ऐसा वरा वारीस तरीके का हो रही है
04:29अभी तो मोसम सही हो रहा है वाक्य में वारिस का मोसम अभी स्टेम्ब बिल्गुल जो वात है नग रहा है लेकिन हुई नहीं है तो यह कुछ और वह भी कड़े हैं कैसे खड़े हो रधार कि अधाई नियुक्ते नच्वलें हुरिए ना यहां पर चल गाला पता यह ओंगरी ह
04:59अब सुच रहा हो क्या weках Ud�
05:06बडा बैग्यानिक निए बातलर्प जयesz ंसनी होती है यह तो पता चछेहा है जब बारिस होई तो इसी को क्थ नाम में है आ
05:15भाही के साथ समे लोग दो नकली बारिस है और हुसा है
05:24यह तो फायदा क्यों करा रहा है
05:28को अपशा deja doll
05:35करने के पूट जाता है उसको जो है लुट से kitchen कम करा जाता है इस तरीके से time
05:36कई समय से लोगो ने फड़ा सुना देखा कि वारिस होगी था में लोग बचों में तो कर इस तरह
05:54उस्ता है जो है कि बारिस नकली बारिस दोलना होगी लेकिन क्यों होगी यह अब हमने बात की तो लोग आप लोग कोई पता है बारिस के बारें कुछ
06:09कि कोई बारिश करवा रही है सरकार नहीं। पता है। अधिक थे नहीं तो यह लोग कि आये बहुत से लोग पता भी नहीं है।
06:23लेकिन हां बारिश की बात हो रहे हैं। पड़ोड़ को फोटो खीचा रहे हैं।
06:28तो यह और दोंने करां दिल्ली सरकार बैग्डानिक तरीके
06:43से निदे�dleी बारिस कोजनना कुछ पता सुए उस बारे में नहीं नहीं सुनाां नहीं मां हमे deaux
06:51लेकिन आप परियास है देखते हैं क्या उता है अगर मैं पृ Tell at okay
06:55लोगों लगता होगी तो लोग खड़े को अभी नहीं मिली है क्योंकि बता जाता है कि होगी तभी जिससे जिसकी अनकूलों तभी हो पाएगी
07:15यह बहुत बहुत जरूरी इसका बहुत बड़ी सर्थ है तब ही उपाईगी तो देखिए अभी जो साम के समय तक बारिस नहीं हुई है और जो नमी है इसकी एक सर्थ यह भी है तो नमी है वो कम से कम 60% से जादा हो और तापमार इतना होना चाहिए कि बादनों के अंदर बर्
07:45और यूए तो वो प्लेन से छड़का जाएगा तो बादनों के उपर तो उसकी दृष्टा जो है वो कम से कम पांच किलो मीटर की होना जरूरी है तो तो वो फो चड़का जा सकता है तब ही वो प्लेन काम कर सकता है तो अपना target बना पायेंगा यह बात है दूसरी चीत क्या
08:15दिल्ली के कई इलाके हैं जिसमें यह जो है बारिस की जाई से महीर बिहार भी है लेकिन अभी तक यह बारिस नहीं हुई है और यह जो इसका किया जा रहा है तो लगवाग सौ बर्ग
08:30कि सौबर किलोमीटर का एरिया बताते हैं कि इसमें कवर किया जा सकता है तो यह देखना है कि होगी नहीं होगी फिलाल अभी साम तक यह बारिस नहीं हुई है और लिहाजा हम आपको यह तस्वीर अभी यही दिखा रहा है ना होने वाली लिहाजा अभी जो इसके सफ़ा इस �
09:00करचुए dużo डियास अच्छा का जाता है कि चीन अमेर्का और शाओदी अर्भिया ने इस पेल्यों को किया है और जो समांद वारिस होती है वह तो उसको प्निक नहीं होता वह कभी मि और सकती है कि ingri
09:22किया जा सकता है अगर थोड़ा सा जे जो चैनकूल मांगी गई है वो हो जाए किया सकता है और इसका बुक मकसद यह है कि जो प्रदूसर है उसको कम किया जा सके फिलाल अभी तक यह समस्या बनी हुई है देखना होगा आगे कितना दिल्ली सरकार इसमें सफल हो पाती है फिला
09:52somसे है अगरिहि है यह घो चैनक्ट जा सकता है वहाए जार इसमें लाए जार हमे राह लए टे वार मैं शाय चा बला हो जामें सकता है
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