लोकआस्था का महापर्व छठ आज बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हो रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य (उषा अर्घ्य) अर्पित करने के साथ होता है। व्रतधारी महिलाएं और पुरुष आज सुबह उदीयमान सूर्य को जल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से छठ व्रत का वातावरण पूरे उत्तर भारत में भक्तिमय बना हुआ था — नहाय-खाय, खरना और संध्या अर्घ्य के बाद आज अंतिम दिन श्रद्धालु नदी-तालाबों और कृत्रिम घाटों पर एकत्र होकर उषा अर्घ्य दे रहे हैं। इसी क्रम में, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और श्रद्धालुओं के बीच पहुँचकर इस पवित्र उत्सव में भाग लिया। उन्होंने छठ घाट पर पूजा-अर्चना की और देश-प्रदेशवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं। राजधानी दिल्ली समेत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में आज सुबह से ही घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी। महिलाओं ने पारंपरिक गीतों और पूजा-सामग्री के साथ सूर्य देवता का स्वागत किया। प्रशासन द्वारा सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। छठ पूजा न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति, जल और सूर्य के प्रति कृतज्ञता का उत्सव भी है — जो भारतीय संस्कृति की सबसे सुंदर अभिव्यक्तियों में से एक मानी जाती है।
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