00:00गुनाज जिला मुख्यालाई से 8 किलोमीटर की दूरी पर बजरंगल किला इससे थे जिसे जहरकोन के नाम से भी जाना जाता है
00:21चोपड नदी के पास उची पहाडी पर इस सिदिये किला अपने समय में एक महत्वपूर्ण सैन और पिर्शासनिक कैंदर था
00:30आज बजरंगल का किला खंडहर होने के बावजूत इत्यास प्रेमियों और परटकों को आकरशित करता है
00:37इस दुर्ग का निर्माल खीची राजपूद शासकों द्वारा अठारवी सदी में कराया गया था
00:43रागोगल के शासक धीरच सी ने अपने पुत्र विक्रा मादित को जहरकोन की जागीर दी थी
00:50विक्रमादित ने जागीर के मुख्याले के रूप में इस किले का निर्माल करवाया
01:20फीटा कुं इसी बहुत सारी उन्हें इसका ब्रकास कर वाया इसके लिए परण हिमें है आनि मैंहें है रुक्ते आप नोiblोन प्रड़धिती भुत वह दोगों बदोगी कहती है उन्हार उन्हांजी महाराजी जिसी इस पूजन कर थे वह इससी कहते हैं तो ऐसे कहते हैं नहीं
01:50He has no idea. He has no idea. He has no idea. But he has no idea. But he has no idea. If you have told him, he has no idea.
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