00:00। मैं आपसे देश के अलग-अलग शहरों की ऐसी घाथाए साजा करना चाहता हूँ जो बहुत प्रेणा दायक है।
00:1036 गड के अंबीकापूर में शहर से प्लास्टिक कच्रा साप करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है।
00:20अंबीकापूर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। यह ऐसे कैफे हैं जहां प्लास्टिक कच्रा लेकर जाने पर भर पेट खाना खिलाया जाता है।
00:33अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाएं उसे दो पहर या रात का खाना मिलता है।
00:41और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाएं तो नास्ता मिल जाता है। यह कैफे अंबीकापूर मिनस्वल कारपरशन चलाता है।
00:51साथियों इसी तरह का कमाल बैंगलूरू में इंजिनियर कपिल शर्मा जी ने किया है।
00:59बैंगलूरू को जीलों का शहर कहा जाता है और कपिल जी ने यहां जीलों को नया जीवन देने का अभियान शुरू किया है।
01:10कपिल जी की टीम ने बैंगलूरू और आसपास के इलाकों में 40 कुओं और 6 जीनों को फिर से जिन्दा कर दिया है।
01:21खास बात तो ये है कि उन्होंने अपने मिशन में कार्पोरेट्स और स्थानिय लोगों को भी जोडा है।
01:31उनकी समस्ता पैड लगाने के अभियान से भी जुड़ी है। साथियों अंबीकापूर और बैंगलूरू ये प्रेरक उधारन बताते हैं कि जब ठान लिया जाए तो बड़लाव भी आकर के ही रहता है।
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