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Chhath Puja 2025_ 4 दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व कल से_ जानें हर दिन क(1080P_HD)
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Hansi express
Transcript
00:00नमस्ते मित्रों, प्रभासाक्षी चैनल में आप सभी का हारदिक स्वागत हैं.
00:13मित्रों आजकल पूरी देश में खास तोर पर पूरी उत्तर प्रदेश और बिहार में छट्थ महापरव की धूम मची हुई है.
00:26लोक आस्था और सुर्य उपासना का यह महापरव पूरे भक्ति भाव और पारंपरिक विधी विधान के साथ शनीवार 25 अक्टूबर से शुरू हो रहा है
00:43नदियों, तालाबों, पोखरों और घाटों पर स्रद्धालों इस पावन परव को पूरे उत्सा से मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं
00:58चार दिनों का यह व्रत अटूट स्रद्धा का प्रतीक है
01:03इस महापरव की शुरुवात 25 अक्टूबर को नहाय खायक से होगी
01:11दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना के आउसर पर पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाएगा
01:21और शाम को सूर्य देव को अरग्य देकर गुड चावल की खीर, रोटी और गन्ने का रस प्रसाद के रूप में ग्रहन किया जाएगा
01:3527 अक्टूबर को अरथात तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अरग्य दिया जाएगा
01:45और महापर्व के चौथे दिन प्रात काल में उगते हुए सूर्य को दूध और जल से अरग्य अरपित कर पूत्र की प्राप्ती और उसके चिरन जीवी होने
02:03तथा परिवार की सुख सम्रिधी की कामना की जाएगी
02:09पौरानिक मान्यताओं के अनुसार छठी मईया को भगवान भाशकर यानि सूर्य देव की बहन और ब्रह्म्हा की मानस पुत्री माना जाता है
02:24इनका नाम शश्ठी मईया है जिने आम बोल चाल की भाशा में छठी मईया कहते हैं
02:33इस महा परव में सूर्य देव के साथ सश्ठी देवी की भी पूजा होती है
02:41जो व्यक्ति भक्ति भाव से सश्ठी देवी की पूजा करता है
02:48उसके मन की सभी इच्छाएं अवश्य पूरी होती है
02:53छठ पूजा के उत्पत्ति बैदिक काल से ही मानी जाती है
02:59યह सूर्य उपासना का सबसे प्राचिन परव है
03:06રीग वेद में सूर्य देव की उपासना का वरनन मिलता है
03:11યहां सूर्य की किरनों से सभी रोगों का नाश और उर्जा प्राप्ती का उल्लेख प्राप्त होता है
03:22त्रेता युग में भगवान स्री राम और जनक नंदिनी जानकी ने भी सूर्य की उपासना की थी
03:32ऐसा कहा जाता है कि द्वापर युग में भी यह ब्रत द्रौपदी और कुंती ने रखा था
03:42जिससे उनके जीवन में सुख और सम्रिधी आई थी
03:48शाम के समय गोधुली वेला में सोला स्रींगार करके
03:54स्त्रियां जब अपने परिवार के साथ छट मैया के लोक गीतों का गायन करते हुए निकलती है
04:05तब पूरा वाता वरन छट मैं हो जाता है
04:10और भगवान भाशकर भी इस छटा को निहारने के लिए आसमान के जरोखों से जहाकने लगते हैं
04:22काच ही बास के बहंगियां बहंगिल चकत जाए
04:37होए ना बल मजी करियां बहंगि घाटे पहुचाएं
04:51बहंगि घाटे पहुचाएं
04:58बाट जे पुछे ला बटो ही आ बहंगि के करा के जाएं
05:13काहें तुम पुछे रे बटो ही आ बहंगि चठी घाटे जाएं
05:30बहंगि चठी घाटे जाएं
05:37बहंगि लचकत जाएं
05:43बोलिये चठी मईया की जाएं
05:47आप सभी को चठी मईया की बहुत बहुत शुब कामना हैं
05:54अगर आप भी लेना चाहते हैं देश-दुनिया की तमाम जानकारी तो आज ही सब्सक्राइब करें हमारे चैनल को
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06:06झाल
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