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  • 1 week ago
प्रियंका कुमारी मधुबनी कला से छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले सूपों को संवार रही हैं और उन्हें व्रतियों को दान कर रही हैं.

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00:00फल्गो नदी की तट पर डैम की लहरों की मधुर ध्वनी के बीच एक लड़की छटी मया की भक्ती में लीन नजर आती है
00:10खरीब जाने पर नजर आता है कि वो अपने हातों से लोकास्था के महापर्व छट के लिए सूप पर सूर्यदेव और छटी व्रती का चित्र उके रही है
00:20प्रियंका के सूपों में सूर्यदेव छट की सामगरी जैसे गन्ना फल और मिट्टी का घड़ा जीवन थोपते हैं
00:28मधुबनी कला की आकरितियां और प्राकर्तिक रंग छट की शुदता को दर्शाते हैं
00:33मैंने केला के पत्ते और सूर्यदेव को और गन्ने को बनाया है
00:40और हाथी जो मिट्टी की रती और उसके ऊपर है जो छोटा सा घड़ा भी रखा हुआ है
00:47जिसमें जल भड़के छट के दिन पूजा की जाती है दीप जलाए जाते हैं
00:51सूप में सारे फल, पानपते, कसैली और अनारियल यह सब रखे जाते हैं
00:57और यहां पर जो छट वरत की महिला है वो अर्ग दे रही है
01:02तो मैंने इसे बहुत सारे रंगों से सूप पे कोशिश किया है
01:07लोक आस्था का महापर्व छट नस्दीख है और गया में प्रियंका
01:34मधुबनी कला के रंगों से छट की जलकियां उकेर रही है
01:38सूर्य देव, छट माता और ब्रती महिलाओं के चित्र उनके सूपों को जीवन्त बनाते हैं
01:46ये कला किवल पूजा की समागरी नहीं बलकि बिहार की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीख है
01:51मैं अभी फल्गु नदी के पास हूँ और मैं यहाँ पर बास के सूप पर पेंटिंग कर रही हूँ
01:59कस्तूर्बा गान्धी बालिका उच्विद्याले टनकुपा की प्रेंका मूल रूप से मसौढ ही की है
02:06लेकिन उनका परिवार ज्छारखंट के बोकारों में बसा है
02:09बच्पन से पेंटिंग का शौक रखने वाली प्रेंका ने 2023 में मधुबनी कला सीखी
02:15और पहली बार छट के लिए सूप सजाए
02:18वो इसे भक्ती और कला का मिलन मानती है
02:21मेरे लिए तो बहुत महत्वर रखता है क्योंकि ये मेरी संस्कृति से आता है
02:25क्योंकि मैं बिहार की रहने वाली हूँ और ये बिहार का सबसे बड़ा तेवार है
02:30तो मुझे बहुत खुशी होती है कि लोग अपने परिवार के खुशहाली के लिए
02:34समरिधी के लिए अपने आसपास के लोगों के लिए
02:39अपने समाज के लिए ये एक बहुत बड़ा मिसाल प्रदशित करता है
02:43that we will be able to keep our lives in three days.
02:50This is a great thing.
02:51Three ghaters are in the school,
02:53in the school,
02:55in the school.
02:58They don't talk about painting.
03:01I've done three places in the school.
03:06One is in the school,
03:08the second is in the school.
03:10I have also worked on my home in the city park.
03:18Kumar Prankah's work is not only the same as the one who has been working on the street, but also the same as the one who has been working on the street.
03:27He has also worked on the street and the street.
03:34ETV Bhairat's report is also the same as the one who has been working on the street.
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